नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने देश के दो वैक्सीन निर्माताओं से लगभग 15 करोड़ खुराक खरीदने के लिए 2,519 करोड़ रुपये जारी किए हैं. इस बारे में प्रसिद्ध स्वास्थ्य विशेषज्ञ और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के महासचिव डॉ. जयेश एम लेले ने ईटीवी भारत से मंगलवार को हुई बातचीत में यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा दिए गए खुराकों में यह तथ्य बहुत कम है कि 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को टीका लगवाने की अनुमति दी गई है. इसीक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को 10 करोड़ कोविशील्ड की खुराक का उत्पादन करने के लिए 1732 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. हालांकि निर्माता ने अगले तीन महीनों (मई-जुलाई) के लिए 8.7 करोड़ खुराक पहले ही जारी कर दी है.
इसी तरह, मई-जुलाई के महीने के लिए भारत बायोटेक को कोवैक्सीन की 5 करोड़ खुराक के लिए 787 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि सरकार अगले एक महीने में और खुराक के लिए और आदेश देगी. अधिकारियों ने कहा, सभी राज्य सरकार को टीकों के अपव्यय को कम करने के लिए कहा गया है.
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आधिकारिक आंकड़ों में कहा गया है कि लक्ष्यद्वीप में कोविड 19 वैक्सीन के अधिकतम 9.76 प्रतिशत, तमिलनाडु के बाद 8.83 प्रतिशत, असम में 7.70 प्रतिशत, मणिपुर में 7.44 प्रतिशत, हरियाणा में 5.72 प्रतिशत, दादर और नागर में 4.99 प्रतिशत, पंजाब में 4.98 प्रतिशत, बिहार में 4.95 प्रतिशत की कमी आई है. वहीं नागालैंड में 4.13 प्रतिशत और मेघालय में कोविड 19 टीकों का 4.01 प्रतिशत अपव्यय बताया गया है.
डॉ. लेले ने कहा कि सरकार को पहले से ही अधिक खुराक के लिए आदेश देना चाहिए था क्योंकि कई राज्यों की सरकारों ने टीकाकरण की कमी के कारण टीकाकरण की प्रक्रिया को रोक दिया है. उन्होंने कहा, कोविड की महामारी की दूसरी लहर एक तबाही मचा रही है. तब हमारे पास जो एकमात्र उपकरण है, वह टीका है.
दिलचस्प बात यह है कि केवल 9 राज्यों ने 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को टीका लगाने के लिए कोविड-19 टीकाकरण के तीसरे चरण को शुरू किया है. वहीं कई राज्य सरकारों ने टीकाकरण की कमी के कारण टीकाकरण शुरू करने में असमर्थता जताई है.
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डॉ. लेले ने कहा, हमारी आबादी का केवल 10 प्रतिशत टीकाकरण किया गया है. हमें 90 प्रतिशत अधिक टीकाकरण करने की आवश्यकता है. बहुत से लोग अभी भी वैक्सीन की अपनी दूसरी खुराक पाने के लिए इंतजार कर रहे हैं.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 94,48, 289 पहली खुराक हेल्थ केयर वर्कर (एचसीडब्ल्यू) को दी गई है, जबकि 62,97,900 दूसरी खुराक एचसीडब्ल्यू को दी गई है. इसी तरह 1,35,05,877 फ्रंटलाइन वर्कर्स (FLW) को पहली खुराक मिली, जबकि केवल 72,66,380 फ्रंटलाइन वर्कर्स को दूसरी खुराक दी जा सकी है.