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कोविड- 19 : भारत में फंसे परदेश में पढ़ने वाले छात्रों के लिए आगे आया विदेश मंत्रालय - विश्व स्वास्थ्य संगठन

विदेश में पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्र, जो अब कोरोना की वजह से भारत में हैं, उनकी मदद के लिए विदेश मंत्रालय आगे आया है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बाग्ची
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बाग्ची
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Published : Jun 6, 2021, 7:16 PM IST

नई दिल्ली : विदेश में पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्र (Indian students), जो अब कोरोना (Corona) की वजह से भारत में हैं, उनकी ओर विदेश मंत्रालय ने मदद का हाथ बढ़ाया है. विदेश मंत्रालय (The Ministry of External Affairs- MEA) की ओर से उन भारतीय छात्रों से कहा गया है कि यदि वे भारत में कोरोना की पाबंदियों की वजह से फंसे हैं, तो अपने ओआईए-2 डिविजन (OIA-II Division) से संपर्क करें.

साझा किया मेल

विदेश मंत्रालय की ओर से प्रवक्ता अरिंदम बाग्ची (Arindam Bagchi) ने ट्वीट कर कहा कि कृपया ध्यान दें! यदि कोई विदेश में पढ़ने वाले भारतीय छात्र भारत में कोरोना की पाबंदियों या अन्य संबंधी समस्याओं की वजह से फंसे हैं, तो वे विदेश मंत्रालय के ओआईए-2 डिविजन से संपर्क करें.

  • 📢 Kind Attention!

    Indian students studying abroad but stuck in India due to COVID-19 and related issues can get in touch with the OIA-II Division at @MEAIndia.

    ➡️ Visit https://t.co/unwYpe26PN to know more!

    — Arindam Bagchi (@MEAIndia) June 5, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इस महामारी के कारण समस्या का सामना कर रहे ऐसे छात्रों के साथ बाग्ची ने अपने दो ई-मेल साझा किया है.

पढ़ेंः जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम कोरोना संक्रमित, गुरुग्राम के अस्पताल में भर्ती

मंत्रालय के मुताबिक, ई-मेल आईडी us.oia2@mea.gov.in और so1oia2@mea.gov.in पर जरूरतमंद भारतीय छात्र अपना ई-मेल आईडी और मोबाइल नंबर ओआईए-2 डिविजन को मेल कर सकते हैं.

दोबारा लगवानी होगी वैक्सीन

बता दें कि कई देशों में कोविड-19 (COVID-19) प्रतिबंधों के कारण, वहां पढ़ाई करने वाले छात्र अपने-अपने देशों में लौट आए हैं और प्रतिबंधों के कारण वापस अपनी पढ़ाई शुरू नहीं कर पा रहे हैं. कुछ छात्र ऐसे भी हैं जो भारत में लौटने के बाद फंस गए हैं.

जानकारी के मुताबिक, जिन भारतीय छात्रों को कोवैक्सीन या रूस की स्पुतनिक वी वैक्सीन लग गई है, उन्हें कहा गया है कि वह दोबारा वैक्सीन लगवाएं, क्योंकि वैक्सीन को अभी तक विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation-WHO) और अन्य कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने मान्यता नहीं दी है.

(एएनआई)

नई दिल्ली : विदेश में पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्र (Indian students), जो अब कोरोना (Corona) की वजह से भारत में हैं, उनकी ओर विदेश मंत्रालय ने मदद का हाथ बढ़ाया है. विदेश मंत्रालय (The Ministry of External Affairs- MEA) की ओर से उन भारतीय छात्रों से कहा गया है कि यदि वे भारत में कोरोना की पाबंदियों की वजह से फंसे हैं, तो अपने ओआईए-2 डिविजन (OIA-II Division) से संपर्क करें.

साझा किया मेल

विदेश मंत्रालय की ओर से प्रवक्ता अरिंदम बाग्ची (Arindam Bagchi) ने ट्वीट कर कहा कि कृपया ध्यान दें! यदि कोई विदेश में पढ़ने वाले भारतीय छात्र भारत में कोरोना की पाबंदियों या अन्य संबंधी समस्याओं की वजह से फंसे हैं, तो वे विदेश मंत्रालय के ओआईए-2 डिविजन से संपर्क करें.

  • 📢 Kind Attention!

    Indian students studying abroad but stuck in India due to COVID-19 and related issues can get in touch with the OIA-II Division at @MEAIndia.

    ➡️ Visit https://t.co/unwYpe26PN to know more!

    — Arindam Bagchi (@MEAIndia) June 5, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इस महामारी के कारण समस्या का सामना कर रहे ऐसे छात्रों के साथ बाग्ची ने अपने दो ई-मेल साझा किया है.

पढ़ेंः जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम कोरोना संक्रमित, गुरुग्राम के अस्पताल में भर्ती

मंत्रालय के मुताबिक, ई-मेल आईडी us.oia2@mea.gov.in और so1oia2@mea.gov.in पर जरूरतमंद भारतीय छात्र अपना ई-मेल आईडी और मोबाइल नंबर ओआईए-2 डिविजन को मेल कर सकते हैं.

दोबारा लगवानी होगी वैक्सीन

बता दें कि कई देशों में कोविड-19 (COVID-19) प्रतिबंधों के कारण, वहां पढ़ाई करने वाले छात्र अपने-अपने देशों में लौट आए हैं और प्रतिबंधों के कारण वापस अपनी पढ़ाई शुरू नहीं कर पा रहे हैं. कुछ छात्र ऐसे भी हैं जो भारत में लौटने के बाद फंस गए हैं.

जानकारी के मुताबिक, जिन भारतीय छात्रों को कोवैक्सीन या रूस की स्पुतनिक वी वैक्सीन लग गई है, उन्हें कहा गया है कि वह दोबारा वैक्सीन लगवाएं, क्योंकि वैक्सीन को अभी तक विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation-WHO) और अन्य कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने मान्यता नहीं दी है.

(एएनआई)

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