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स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने केंद्र सरकार के कोविड 19 टीकाकरण फैसले का किया समर्थन - कोविड 19 टीकाकरण

प्रधानमंत्री मोदी ने देश में कोविड 19 की स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने कोविड टीकाकरण के लिए राज्यों और संघ शासित प्रदेशों की तैयारियों की समीक्षा की. इस बैठक के दौरान कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव डॉ. पीके मिश्रा, स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

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स्वास्थ्य क्षेत्र के वरिष्ठ विशेषज्ञों ने फैसले को सराहा
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Published : Jan 9, 2021, 8:39 PM IST

नई दिल्ली : भारत सरकार ने शनिवार को जानकारी दी कि 16 जनवरी से कोविड 19 के लिए टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत होगी. इस मामले पर पीएम मोदी ने कहा कि 16 जनवरी को भारत कोविड-19 से लड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाएगा. उस दिन से भारत में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान शुरू होगा. पीएम ने यह भी कहा कि हमारे बहादुर डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं और सफाई कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाएगी.

बता दें, शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक के तुरंत बाद 16 जनवरी को कोविड के टीकाकरण को शुरू करने के लिए अंतिम रूप दिया गया. वहीं, भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र के वरिष्ठ विशेषज्ञों ने इस निर्णय का पुरजोर स्वागत किया.

एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स-इंडिया के महानिदेशक ने दिया बयान

इस मामले पर ईटीवी भारत से बात करते हुए एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स-इंडिया के महानिदेशक डॉ. गिरिधर ग्यानी ने कहा कि कई आगामी त्योहारों के बाद मेगा टीकाकरण प्रक्रिया शुरू करना एक अच्छा कदम है. डॉ. ग्यानी ने कहा कि टीकाकरण के लिए आपातकालीन स्वीकृति के बाद टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया को तैयार करने के लिए कम से कम दो सप्ताह का समय मिलना जरुरी था. वहीं, उन्होंने कहा कि वैक्सीन खेप के परिवहन के लिए निजी और सार्वजनिक दोनों एयरलाइनों के साथ टीकाकरण केंद्रों और अंतिम समझौतों की पहचान करने के लिए तैयारी करनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि निर्माताओं के लिए अधिक टीकों का उत्पादन करने के लिए दो सप्ताह का समय भी आवश्यक था.

राजधानी में बनाए गए 621 टीकाकरण केंद्र

एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स-इंडिया के महानिदेशक ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि एक बार जब हम टीकाकरण शुरू कर देंगे, तो वैक्सीन उत्पादक अधिक वैक्सीन का उत्पादन और जगह बनाने में सक्षम हो सकेंगे. बता दें, भारत की शीर्ष दवा नियामक की विषय विशेषज्ञ समिति (SEC) ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को 3 जनवरी को दोनों टीकों को मंजूरी प्रदान की. सूत्रों से अभी जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक प्रत्येक राज्य में 600-700 की संख्या के बीच टीकाकरण केंद्र बनाए जाएंगे. नहीं, राजधानी नई दिल्ली में अकेले 621 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं.

एशियन सोसाइटी फॉर इमरजेंसी मेडिसिन ने भी किया समर्थन

ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते हुए एशियन सोसाइटी फॉर इमरजेंसी मेडिसिन के अध्यक्ष डॉ. तमोरिश कोले ने कहा कि उचित समय के साथ खुद को तैयार करना अच्छा है. उन्होंने कहा कि ड्राई रन चलाने के लिए हमें समय मिला और यह एकदम सही था. उन्होंने कहा कि ड्राई रन के दौरान टीकाकरण प्रक्रिया से संबंधित सभी मुद्दों को हल कर दिया गया है. डॉ. कोले ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को स्वयं को भी तैयार करने के लिए उचित समय प्रदान किया गया है. वहीं, उन्होंने कहा कि टीकाकरण के किसी भी दुष्प्रभाव के महत्वपूर्ण कारक पर ध्यान देना आवश्यक था. बता दें, कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण को लेकर शनिवार को लगातार दो उच्च बैठकें हुईं.

पीएम मोदी ने की थी समीक्षा बैठक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बैठक में देश में कोविड 19 की स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने कोविड टीकाकरण के लिए राज्यों और संघ शासित प्रदेशों की तैयारियों की समीक्षा की. इस बैठक के दौरान कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव डॉ. पीके मिश्रा, स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. टीकाकरण के प्रारंभिक चरण में स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्करों को प्राथमिकता दी जाएगी. जिनकी अनुमानित संख्या लगभग 3 करोड़ है. इसके बाद 50 वर्ष से अधिक आयु के और 50 वर्ष से कम आयु के लोगों का टीकाकरण किया जाएगा. जिनकी संख्या लगभग 27 करोड़ है. बता दें, वित्त मंत्रालय ने टीकाकरण के पहले चेहरे के लिए 480 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं.

पढ़ें: 16 जनवरी से शुरू होगी कोरोना के टीकाकरण की प्रक्रिया

वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय में हुई दूसरी बैठक की स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने समीक्षा की. उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य सचिवों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की और टीकाकरण के लिए उनकी तैयारियों की समीक्षा की.

नई दिल्ली : भारत सरकार ने शनिवार को जानकारी दी कि 16 जनवरी से कोविड 19 के लिए टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत होगी. इस मामले पर पीएम मोदी ने कहा कि 16 जनवरी को भारत कोविड-19 से लड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाएगा. उस दिन से भारत में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान शुरू होगा. पीएम ने यह भी कहा कि हमारे बहादुर डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं और सफाई कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाएगी.

बता दें, शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक के तुरंत बाद 16 जनवरी को कोविड के टीकाकरण को शुरू करने के लिए अंतिम रूप दिया गया. वहीं, भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र के वरिष्ठ विशेषज्ञों ने इस निर्णय का पुरजोर स्वागत किया.

एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स-इंडिया के महानिदेशक ने दिया बयान

इस मामले पर ईटीवी भारत से बात करते हुए एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स-इंडिया के महानिदेशक डॉ. गिरिधर ग्यानी ने कहा कि कई आगामी त्योहारों के बाद मेगा टीकाकरण प्रक्रिया शुरू करना एक अच्छा कदम है. डॉ. ग्यानी ने कहा कि टीकाकरण के लिए आपातकालीन स्वीकृति के बाद टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया को तैयार करने के लिए कम से कम दो सप्ताह का समय मिलना जरुरी था. वहीं, उन्होंने कहा कि वैक्सीन खेप के परिवहन के लिए निजी और सार्वजनिक दोनों एयरलाइनों के साथ टीकाकरण केंद्रों और अंतिम समझौतों की पहचान करने के लिए तैयारी करनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि निर्माताओं के लिए अधिक टीकों का उत्पादन करने के लिए दो सप्ताह का समय भी आवश्यक था.

राजधानी में बनाए गए 621 टीकाकरण केंद्र

एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स-इंडिया के महानिदेशक ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि एक बार जब हम टीकाकरण शुरू कर देंगे, तो वैक्सीन उत्पादक अधिक वैक्सीन का उत्पादन और जगह बनाने में सक्षम हो सकेंगे. बता दें, भारत की शीर्ष दवा नियामक की विषय विशेषज्ञ समिति (SEC) ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को 3 जनवरी को दोनों टीकों को मंजूरी प्रदान की. सूत्रों से अभी जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक प्रत्येक राज्य में 600-700 की संख्या के बीच टीकाकरण केंद्र बनाए जाएंगे. नहीं, राजधानी नई दिल्ली में अकेले 621 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं.

एशियन सोसाइटी फॉर इमरजेंसी मेडिसिन ने भी किया समर्थन

ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते हुए एशियन सोसाइटी फॉर इमरजेंसी मेडिसिन के अध्यक्ष डॉ. तमोरिश कोले ने कहा कि उचित समय के साथ खुद को तैयार करना अच्छा है. उन्होंने कहा कि ड्राई रन चलाने के लिए हमें समय मिला और यह एकदम सही था. उन्होंने कहा कि ड्राई रन के दौरान टीकाकरण प्रक्रिया से संबंधित सभी मुद्दों को हल कर दिया गया है. डॉ. कोले ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को स्वयं को भी तैयार करने के लिए उचित समय प्रदान किया गया है. वहीं, उन्होंने कहा कि टीकाकरण के किसी भी दुष्प्रभाव के महत्वपूर्ण कारक पर ध्यान देना आवश्यक था. बता दें, कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण को लेकर शनिवार को लगातार दो उच्च बैठकें हुईं.

पीएम मोदी ने की थी समीक्षा बैठक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बैठक में देश में कोविड 19 की स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने कोविड टीकाकरण के लिए राज्यों और संघ शासित प्रदेशों की तैयारियों की समीक्षा की. इस बैठक के दौरान कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव डॉ. पीके मिश्रा, स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. टीकाकरण के प्रारंभिक चरण में स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्करों को प्राथमिकता दी जाएगी. जिनकी अनुमानित संख्या लगभग 3 करोड़ है. इसके बाद 50 वर्ष से अधिक आयु के और 50 वर्ष से कम आयु के लोगों का टीकाकरण किया जाएगा. जिनकी संख्या लगभग 27 करोड़ है. बता दें, वित्त मंत्रालय ने टीकाकरण के पहले चेहरे के लिए 480 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं.

पढ़ें: 16 जनवरी से शुरू होगी कोरोना के टीकाकरण की प्रक्रिया

वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय में हुई दूसरी बैठक की स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने समीक्षा की. उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य सचिवों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की और टीकाकरण के लिए उनकी तैयारियों की समीक्षा की.

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