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सरकार ने पेट्रोल, डीज़ल और जेट ईंधन पर अप्रत्याशित लाभ करों में कटौती की

सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में कमी आने पर पेट्रोल, डीजल, जेट ईंधन और कच्चे तेल पर लगने वाले अप्रत्याशित लाभ करों में बुधवार को कटौती की. वित्त मंत्रालय की अधिसूचना में यह जानकारी दी गई.

सरकार ने पेट्रोल, डीज़ल और जेट ईंधन पर अप्रत्याशित लाभ करों में कटौती की
सरकार ने पेट्रोल, डीज़ल और जेट ईंधन पर अप्रत्याशित लाभ करों में कटौती की
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Published : Jul 20, 2022, 10:04 AM IST

Updated : Jul 20, 2022, 10:42 AM IST

नई दिल्ली : सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में कमी आने पर पेट्रोल, डीजल, जेट ईंधन और कच्चे तेल पर लगने वाले अप्रत्याशित लाभ करों में बुधवार को कटौती की. वित्त मंत्रालय की अधिसूचना में यह जानकारी दी गई. अधिसूचना के अनुसार, पेट्रोल के निर्यात पर छह रुपये प्रति लीटर कर में कमी की गई. वहीं जेट ईंधन (एटीएफ) को भी छह रुपये प्रति लीटर से घटा कर चार रुपये प्रति लीटर किया गया है. डीजल पर कर को 13 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 11 रुपये लीटर किया गया है. घरेलू कच्चे तेल उत्पाद पर 23,250 रुपये प्रति टन अतिरिक्त कर को घटा कर 17,000 रुपये प्रति टन किया गया है.

पढ़ें: जेट फ्यूल की कीमत में रेकॉर्ड बढ़ोतरी, सस्ता हुआ कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर

इससे पहले जून के आशंका जताई गई थी कि महीने में हवाई सफर जल्द ही और महंगा हो सकता है. निजी विमानन कंपनी स्पाइसजेट ने ईंधन की बढ़ती कीमतों और रुपये की गिरती कीमत पर चिंता जताते हुए इसके संकेत दिए थे. कंपनी की ओर से एक बयान में कहा गया था कि 10 से 15 फीसदी किराया बढ़ाने की जरूरत है. स्पाइसजेट के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने कहा था कि विमान ईंधन के दामों में हुई बढ़ोतरी और रुपये के अवमूल्यन की वजह से घरेलू विमानन कंपनियों के पास हवाई किराया तत्काल बढ़ाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं रह गया है. सिंह ने एक बयान में कहा कि परिचालन लागत वहनीय बनी रहे इसके लिए हवाई किराये में कम से कम 10 से 15 फीसदी की वृद्धि करना आवश्यक है.

नई दिल्ली : सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में कमी आने पर पेट्रोल, डीजल, जेट ईंधन और कच्चे तेल पर लगने वाले अप्रत्याशित लाभ करों में बुधवार को कटौती की. वित्त मंत्रालय की अधिसूचना में यह जानकारी दी गई. अधिसूचना के अनुसार, पेट्रोल के निर्यात पर छह रुपये प्रति लीटर कर में कमी की गई. वहीं जेट ईंधन (एटीएफ) को भी छह रुपये प्रति लीटर से घटा कर चार रुपये प्रति लीटर किया गया है. डीजल पर कर को 13 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 11 रुपये लीटर किया गया है. घरेलू कच्चे तेल उत्पाद पर 23,250 रुपये प्रति टन अतिरिक्त कर को घटा कर 17,000 रुपये प्रति टन किया गया है.

पढ़ें: जेट फ्यूल की कीमत में रेकॉर्ड बढ़ोतरी, सस्ता हुआ कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर

इससे पहले जून के आशंका जताई गई थी कि महीने में हवाई सफर जल्द ही और महंगा हो सकता है. निजी विमानन कंपनी स्पाइसजेट ने ईंधन की बढ़ती कीमतों और रुपये की गिरती कीमत पर चिंता जताते हुए इसके संकेत दिए थे. कंपनी की ओर से एक बयान में कहा गया था कि 10 से 15 फीसदी किराया बढ़ाने की जरूरत है. स्पाइसजेट के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने कहा था कि विमान ईंधन के दामों में हुई बढ़ोतरी और रुपये के अवमूल्यन की वजह से घरेलू विमानन कंपनियों के पास हवाई किराया तत्काल बढ़ाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं रह गया है. सिंह ने एक बयान में कहा कि परिचालन लागत वहनीय बनी रहे इसके लिए हवाई किराये में कम से कम 10 से 15 फीसदी की वृद्धि करना आवश्यक है.

Last Updated : Jul 20, 2022, 10:42 AM IST
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