कच्छ : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि सरकार उस प्रतिकूल स्थिति को समझती है जिसमें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए काम करते हैं.
गृह मंत्री ने कहा कि सरकार बीएसएफ को बेहतर सुविधाएं देने के लिए बजटीय आवंटन सुनिश्चित करेगी. शाह बीएसएफ लंगर (जहाज या नौका को बांधने वाला स्थान) स्थल की आधारशिला रखने और अन्य परियोजनाओं के ई-उद्घाटन के लिए गुजरात के कच्छ के कोटेश्वर पहुंचे थे.
उन्होंने कहा कि बीएसएफ एकमात्र ऐसा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) है, जो जल, जमीन और हवाई क्षेत्र की सुरक्षा करने में माहिर है तथा बाहरी ताकतों से देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विविध भौगोलिक परिस्थितियों में काम करता है.
गृह मंत्री ने कहा, 'यह मत सोचिए कि सरकार को उस प्रतिकूल स्थिति का अंदाजा नहीं है जिसमें आप काम करते हैं. जब मैं (हरामी नाला) जाऊंगा, तो मुझे निश्चित रूप से एक बार फिर इसके (प्रतिकूल स्थिति के) बारे में सूचित किया जाएगा.'
शाह रविवार को कच्छ जिले में भारत और पाकिस्तान को अलग करने वाले क्रीक क्षेत्र 'हरामी नाला' का दौरा करेंगे. केंद्रीय गृह मंत्री ने बीएसएफ जवानों को आश्वासन दिया कि 'आपकी सुविधा के लिए जो भी बजट आवंटित करने की आवश्यकता होगी वह आने वाले दिनों में दिया जाएगा.'
उन्होंने कहा कि वह रात में चैन की नींद सो पाते हैं क्योंकि बीएसएफ के जवान देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए 365 दिन चौबीसों घंटे सतर्क रहते हैं.
शाह ने कहा कि बीएसएफ को उन क्षेत्रों में सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है, जहां तापमान शून्य से 43 डिग्री नीचे से 43 डिग्री सेल्सियस तक रहता है और वे सुंदरबन (पूर्व में) और हरामी नाला से सटे क्षेत्रों को सुरक्षित रखने के लिए सतर्क रहते हैं.
मंत्री ने कहा कि भारत के विभाजन के बाद, बीएसएफ को पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगी देश की सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी. उन्होंने कहा, 'तटीय सुरक्षा देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण है. गुजरात के तट पर कई महत्वपूर्ण संस्थान, परमाणु स्टेशन, मिसाइल प्रक्षेपण क्षेत्र, अनुसंधान केंद्र, उद्योग और बंदरगाह स्थित हैं। उनकी 365 दिन चौबीसों घंटे सुरक्षा करना महत्वपूर्ण है.'
शाह ने कहा कि देश उन 1,900 से अधिक जवानों को सलाम करता है जिन्होंने देश के लिए बलिदान दिया है और नरेंद्र मोदी सरकार ने उनके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा के लिए भी कदम उठाए हैं.
उन्होंने कहा, 'आप देश की सीमा की सुरक्षा कर रहे हैं, इसलिए मोदी जी ने आपके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.
इफको के नैनो डीएपी प्लांट का भूमिपूजन: इससे पहले शाह ने गांधीधाम में इफको के नैनो डीएपी प्लांट की आधारशिला रखी. उन्होंने कहा कि नैनो डीएपी से किसानों की जमीन को नुकसान नहीं होगा. भारत दुनिया को प्राकृतिक खेती का रास्ता दिखाएगा. उन्होंने कहा कि इस प्लांट के माध्यम से विभिन्न उत्पादों को विदेशों में निर्यात करने का लक्ष्य है. 6 करोड़ डीएपी बोतल से विदेशों से अनाज का आयात कम होगा. अब गेहूं-चावल विदेश से लाने की जरूरत नहीं है. अब लक्ष्य देशभर के किसानों को समृद्ध बनाना है.
मूरिंग प्लेस परियोजना का अनावरण: कोटेश्वर में 257 करोड़ की मूरिंग प्लेस परियोजना का अनावरण किया गया है. जो सीमा सुरक्षा बल की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है. कोटेश्वर तट के किनारे 60 एकड़ का एक बांध स्थल बनाया जाएगा, जो खाड़ी क्षेत्र में सीमा सुरक्षा बल के जलयानों के लिए एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के रूप में काम करेगा. यह अत्याधुनिक मूरिंग स्थान क्रीक क्षेत्र में सीमा सुरक्षा बल के समुद्री सुरक्षा संचालन को सुविधाजनक बनाएगा और क्षेत्र में तैनात सीमा रक्षकों के लिए संसाधनों की उपलब्धता में उल्लेखनीय सुधार करेगा.
चिड़ियामोड़-बियारबेट लिंक रोड का निर्माण: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चिड़ियामोड़-बियारबेट लिंक रोड और हरामी नाला क्षेत्र में सीमा स्तंभ 1164 के पास ओपी टॉवर का भी उद्घाटन किया. केंद्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा 106.2 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 28.2 किमी लंबी नवनिर्मित सड़क सीमा रक्षकों और संसाधनों की सुचारु आवाजाही की सुविधा प्रदान कर रही है.
हरामीनाला में सीमा स्तंभ 1164 पर 3 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित, ओपी टॉवर सीमा सुरक्षा बल की चौबीसों घंटे उपस्थिति सुनिश्चित करके सुरक्षा को मजबूत कर रहा है. इस टावर के निर्माण ने इस क्षेत्र को अभेद्य बना दिया है. यह टावर 9.5 मीटर ऊंचा है और इस टावर में 8 से 10 लोग रह सकते हैं. यह हाई-टेक पीटीजेड कैमरों से लैस है.
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(एक्स्ट्रा इनपुट एजेंसी)