नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने बुधवार को संसद में बेहद अहम कदम उठाया है. सरकार ने साल 2019 में लाए गए व्यक्तिगत डेटा संरक्षण बिल, 2019 को वापस ले लिया. भारत सरकार ने साल 2019 में लोकसभा में पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2019 पेश किया था. इसके साथ ही सरकार ने संसद की संयुक्त समिति द्वारा डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र पर एक व्यापक कानूनी ढांचे की ओर सुझाए गए संशोधनों को देखते हुए एक नया कानून लाने का फैसला किया है.
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में विधेयक को वापस लेने का प्रस्ताव पेश किया. उन्होंने कहा, "संयुक्त समिति द्वारा दिये गए पेश किया गया डेटा संरक्षण विधेयक 2021 को वापस लिया जा रहा है." इसके बाद सदन ने प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया.
मंत्री ने बाद में कहा कि व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2019 पर संसद की संयुक्त समिति द्वारा विस्तार से विचार किया गया था. इस पर 81 संशोधन प्रस्तावित किए गए थे जबकि डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र पर एक व्यापक कानूनी ढांचे की दिशा में 12 सिफारिशें आई थीं. उन्होंने कहा, "जेसीपी की रिपोर्ट पर विचार करते हुए, एक व्यापक कानूनी ढांचे पर काम किया जा रहा है. ऐसे में 'व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2019' को वापस लेने और एक नया विधेयक पेश करने का प्रस्ताव है जो व्यापक कानूनी ढांचे में फिट बैठता हो."