नई दिल्ली : प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल (Principal Economic Advisor Sanjeev Sanyal) ने सोमवार को कहा कि अल सल्वाडोर ने बिटकॉइन को अपनाया है लेकिन अभी भी भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उजागर क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित वित्तीय स्थिरता के मुद्दे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी के नियमन पर 'संतुलित दृष्टिकोण' रखेगी.
सान्याल ने दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में क्रिप्टोकरेंसी पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चर्चा हो रही है. इस विषय पर सरकार के अंदर और यहां तक कि संसद में भी बहस की जरूरत है. आरबीआई ने इसके वित्तीय स्थिरता प्रभावों पर प्रकाश डाला है. उन्होंने कहा कि कुछ वित्तीय स्थिरता के मुद्दे हैं. लेकिन अन्य तर्क भी हैं जो नवाचार आदि के संदर्भ में दिए गए हैं. इस पर संतुलित नजरिया रखा जाएगा.
बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नवंबर में क्रिप्टोकरेंसी के विनियमन के मुद्दे पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी. जिसमें 'प्रगतिशील और दूरंदेशी' कदमों के लिए एक आम सहमति सामने आई थी, जबकि यह सुनिश्चित किया गया था कि एक अनियमित क्रिप्टो बाजार 'मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग' का जरिया न बने.
भारत में फिलहाल क्रिप्टोकरेंसी क्षेत्र के लिए कोई नियमन नहीं है और न ही इस पर पाबंदी लगाई गई है. सोमवार को संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 में भी क्रिप्टोकरेंसी का जिक्र नहीं किया गया है.
वहीं, रोजगार के संबंध में प्रधान आर्थिक सलाहकार ने कहा कि अगर यह आर्थिक गति बरकरार रहेगी तो जो रोजगार खत्म हो गए थे मेरे ख्याल से अगले 6-9 महीनों में वे वापस आ जाएंगे. अगले 9 महीनों में अगर कोविड की कोई लहर नहीं आई, कोई युद्ध नहीं हुआ, बाहर से कोई रुकावट नहीं आई तो रोज़गार वापस आए जाएंगे.
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