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मुफ्त अनाज कार्यक्रम पर इस वर्ष 93869 करोड़ रुपये खर्च करेगी सरकार

कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच बेरोजगारों और गरीबों को सहारा देने के लिए सरकार इस साल 93,869 करोड़ रुपये खर्च करेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को यह जानकारी दी.

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Published : Jun 28, 2021, 8:19 PM IST

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत मई से नवंबर तक 80 करोड़ लोगों को हर महीने पांच किलो मुफ्त अनाज दिया जाएगा. सरकार ने पिछले साल मार्च में कोरोना वायरस महामारी के प्रसार के समय प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) की शुरुआत की थी.

योजना में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत आने वाले 80 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को मुफ्त अनाज वितरित किया गया ताकि महामारी में लोगों को कुछ राहत दी जा सके. यह योजना अप्रैल से नवंबर 2020 तक लागू रही. इस साल अप्रैल में कोरोना वायरस की दूसरी लहर फैलने पर इस कार्यक्रम को फिर चालू किया गया. शुरू यह मई- जून 2021 दो महीने के लिए था. बाद में इसे नवंबर 2021 तक के लिए बढ़ा दिया गया.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था के लिए नए प्रोत्साहन उपायों की घोषणा करते हुए कहा कि इस साल नवंबर तक मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने पर 93,869 करोड़ रुपये का अनुमानित वित्तीय बोझ सरकारी खजाने पर पड़ेगा. पिछले साल केन्द्र सरकार ने इस योजना पर 1,33,972 करोड़ रुपये खर्च किए थे. कुल मिलाकर योजना पर 2,27,841 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. योजना को फिर शुरू करने का मकसद कोविड महामारी की दूसरी लहर से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत आने वाले वंचित तबके को राहत पहुंचाना है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस माह की शुरुआत में राष्ट्र को संबोधित करते हुये केन्द्र की मुफ्त खाद्यान्न योजना पीएमजीकेएवाई का लाभ पांच महीने बढ़ाकर इस साल दिवाली तक दिए जाने की घोषणा की. योजना के तहत एनएफएसए के तहत आने वाले 81.35 करोड़ लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह पांच किलो गेहू, अथवा चावल मुफ्त दिया जाता है. यह एक से तीन रुपये प्रति किलो के काफी कम दाम पर राशन में मिलने वाले खाद्यान्न के अतिरिक्त होगा.

सीतारमण ने इस मौके पर यह भी कहा कि इस साल रबी विपणन मौसम में गेहूं खरीद अब तक के नए रिकार्ड स्तर 432 लाख टन तक पहंच गई. इस खरीद पर गेहूं उत्पादक किसानों को 85,413 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार पोषण सब्सिडी योजना के तहत डीएपी और अन्य कम्पलैक्स उर्वरकों के लिये 14,775 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी उपलब्ध कराएगी. इस सब्सिडी को पिछले साल के 27,500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर इस साल के लिए 42,275 करोड़ रुपये कर दिया गया था.

यह भी पढ़ें-सरकार ने दिया 6.29 लाख करोड़ का राहत पैकेज : वित्त मंत्री

वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि 14,775 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी में डाई-अमोनियम फास्फेट (डीएपी) के लिये 9,125 करोड़ रुपये और एनपीके आधारित कम्पलैक्स उर्वरकों के लिये 5,650 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. सरकार ने हाल ही में डीएपी और कम्पलैक्स उर्वरकों के लिये सब्सिडी में 14,775 करोड़ रुपये वृद्धि को मंजूरी दी है. इन उर्वरकों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत बढ़ने के बावजूद किसानों को पुराने दाम पर ही उपलब्ध कराने के लिए सब्सिडी बढ़ाई गई. इसके लिये सब्सिडी में 140 प्रतिशत की वृद्धि की गई.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत मई से नवंबर तक 80 करोड़ लोगों को हर महीने पांच किलो मुफ्त अनाज दिया जाएगा. सरकार ने पिछले साल मार्च में कोरोना वायरस महामारी के प्रसार के समय प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) की शुरुआत की थी.

योजना में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत आने वाले 80 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को मुफ्त अनाज वितरित किया गया ताकि महामारी में लोगों को कुछ राहत दी जा सके. यह योजना अप्रैल से नवंबर 2020 तक लागू रही. इस साल अप्रैल में कोरोना वायरस की दूसरी लहर फैलने पर इस कार्यक्रम को फिर चालू किया गया. शुरू यह मई- जून 2021 दो महीने के लिए था. बाद में इसे नवंबर 2021 तक के लिए बढ़ा दिया गया.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था के लिए नए प्रोत्साहन उपायों की घोषणा करते हुए कहा कि इस साल नवंबर तक मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने पर 93,869 करोड़ रुपये का अनुमानित वित्तीय बोझ सरकारी खजाने पर पड़ेगा. पिछले साल केन्द्र सरकार ने इस योजना पर 1,33,972 करोड़ रुपये खर्च किए थे. कुल मिलाकर योजना पर 2,27,841 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. योजना को फिर शुरू करने का मकसद कोविड महामारी की दूसरी लहर से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत आने वाले वंचित तबके को राहत पहुंचाना है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस माह की शुरुआत में राष्ट्र को संबोधित करते हुये केन्द्र की मुफ्त खाद्यान्न योजना पीएमजीकेएवाई का लाभ पांच महीने बढ़ाकर इस साल दिवाली तक दिए जाने की घोषणा की. योजना के तहत एनएफएसए के तहत आने वाले 81.35 करोड़ लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह पांच किलो गेहू, अथवा चावल मुफ्त दिया जाता है. यह एक से तीन रुपये प्रति किलो के काफी कम दाम पर राशन में मिलने वाले खाद्यान्न के अतिरिक्त होगा.

सीतारमण ने इस मौके पर यह भी कहा कि इस साल रबी विपणन मौसम में गेहूं खरीद अब तक के नए रिकार्ड स्तर 432 लाख टन तक पहंच गई. इस खरीद पर गेहूं उत्पादक किसानों को 85,413 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार पोषण सब्सिडी योजना के तहत डीएपी और अन्य कम्पलैक्स उर्वरकों के लिये 14,775 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी उपलब्ध कराएगी. इस सब्सिडी को पिछले साल के 27,500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर इस साल के लिए 42,275 करोड़ रुपये कर दिया गया था.

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वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि 14,775 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी में डाई-अमोनियम फास्फेट (डीएपी) के लिये 9,125 करोड़ रुपये और एनपीके आधारित कम्पलैक्स उर्वरकों के लिये 5,650 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. सरकार ने हाल ही में डीएपी और कम्पलैक्स उर्वरकों के लिये सब्सिडी में 14,775 करोड़ रुपये वृद्धि को मंजूरी दी है. इन उर्वरकों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत बढ़ने के बावजूद किसानों को पुराने दाम पर ही उपलब्ध कराने के लिए सब्सिडी बढ़ाई गई. इसके लिये सब्सिडी में 140 प्रतिशत की वृद्धि की गई.

(पीटीआई-भाषा)

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