नई दिल्ली : दिल्ली सरकार के स्कूलों के बच्चे कोडेथॉन प्रोग्राम में बढ़ चढ़ कर शामिल हो रहे हैं. अब तक कक्षा नवीं में पढ़ने वाले 12,000 से अधिक बच्चे इसमें शामिल हो चुके हैं. इनमें से 1,018 बच्चों ने एक महीने से भी कम समय में कोर्स पूरा कर लिया है. यही नहीं, 17 बच्चे नार्थ जोन में टॉप 100 बच्चों में शामिल हैं.
दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को कुछ बच्चों और टीचर्स के साथ इस कार्यक्रम की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि आपमे से कई बच्चों का सपना होगा कि गूगल जैसी कंपनी में काम करें, लेकिन मेरा सपना है कि आपमे से ही कुछ बच्चे गूगल जैसी कंपनियां खड़ी करें और हजारों लोगों को नौकरी दें.
नवीं के छात्र को मिला ये मौका
जीबीएसएसएस महिपालपुर के नवीं के छात्र भास्कर ने बताया कि पहले उन्होंने कोडिंग के बारे में सिर्फ सुना था, लेकिन अब उस पर काम करने का मौका मिल रहा है. भास्कर ने कोडिंग चैंपियंस नामक वॉट्सएप ग्रुप बनाकर अपने दोस्तों को भी कोडिंग सिखाना शुरू कर दिया है.
'बच्चों के लिये बनाना चाहती हूं एडवेंचर गेम'
एक छात्रा सिमरन ने कहा कि मैं पहले सिर्फ गेम खेलती थी, लेकिन अब दिमाग इस पर चलता है कि नया गेम कैसा बनाऊं. मैं बच्चों के लिये ऐसे एडवेंचर गेम बनाना चाहती हूं, जिसे खेलकर बच्चे खुश हों.
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एक स्टूडेंट अजय ने कहा कि मैंने सोचा भी नहीं था कि सरकारी स्कूल में पढ़कर कोडिंग सीख सकूंगा.
शिक्षकों की मदद से बच्चे सीख रहे हैं कोडिंग
बच्चों से बातचीत के दौरान यह बात सामने आई कि कोडेथॉन में शामिल अधिकांश छात्रों ने कभी पायथॉन, स्क्रैच और अन्य कोडिंग भाषा के बारे में नहीं सुना था. उनके कंप्यूटर शिक्षक अब उन्हें यह सब सीखने में मदद कर रहे हैं.
कई छात्रों ने कोडाथॉन में अच्छी रैंक हासिल की
सर्वोदय कन्या विद्यालय, पीरागढ़ी की शिक्षिका बबीता के कई छात्रों ने कोडाथॉन में अच्छी रैंक हासिल की है. वह अपने 17 छात्रों की ऑनलाइन क्लास के माध्यम से मार्गदर्शन करती हैं. उन्होंने बताया कि उनके कई स्टूडेंट्स ने काफी अच्छे एनिमेशन बनाए हैं.