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डीपफेक पर सरकार चिंतित, सोशल मीडिया कंपनियों से हुई बात, शिकायत अधिकारी होंगे नियुक्त

Government Meeting on Deepfake Issue : डीपफेक मामला गंभीर होता जा रहा है. एक्टर से लेकर नेता तक इससे प्रभावित हो रहे हैं. इससे निपटने के लिए शुक्रवार को सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों के साथ एक बैठक की. इस बैठक में इससे निपटने के लिए शिकायत अधिकारी की नियुक्ति को लेकर सहमति जताई गई है. साथ ही सरकार जल्द ही इस पर एक नया नियम लाएगी.

Rajiv Chandrashekhar, Minister
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 24, 2023, 1:41 PM IST

नई दिल्ली : डीप फेक मामला दिन प्रतिदिन गंभीर होता जा रहा है. इससे न सिर्फ मनोरंजन की दुनिया के स्टार प्रभावित हुए हैं, बल्कि नेता भी प्रभावित होने लगे हैं. उपभोक्ताओं को भ्रम करने वाली जानकारी दी जा रही है. इससे निपटने के लिए शुक्रवार को केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इंटरनेट स्टेकहोल्डर से बातचीत की.

  • #WATCH | On Deep fake issue, MoS Electronics & Technology Rajeev Chandrasekhar says, "Today we had a very longish meeting with all of the important players on the Internet, the Internet intermediaries. And we have raised the issue of Deep Fakes with them... I reminded them that… pic.twitter.com/m8UHlVwXRI

    — ANI (@ANI) November 24, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बैठक में इंटरनेट मध्यस्थ और इंटनेट के सभी महत्वपूर्ण प्लेयर्स ने हिस्सेदारी की. उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे की गंभीरता को सबके सामने रखा और उन्हें याद दिलाया कि अक्टूबर 2022 से ही सरकार लगातार दुष्प्रचार और डीपफेक को लेकर अलर्ट जारी करती रही है. उनके अनुसार इस बैठक के बाद एक आमराय बनी कि इस मुद्दे से निपटने के लिए आईटी एक्ट में बदलाव की जरूरत है. अभी का आईटी कानून 23 साल पुराना है.

उन्होंने कहा कि सभी संबंधित पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि सभी प्लेटफॉर्म को नियमों का पालन करना चाहिए. प्लेटफॉर्म सुरक्षित रहे और यूजर्स को सही जानकारी मिले, इसके लिए उन्हें इंटरनेट को लेकर भारत में जो नियम और कानून हैं, और जिन 12 क्षेत्रों को प्रतिबंधित किया गया है, सभी उसका अनुपालन करेंगे.

डीपफेक-- इसमें आमतौर पर किसी भी व्यक्ति के चेहरे पर किसी अन्य व्यक्ति के चेहरे को सुपरइंपोज कर उसे प्रसारित किया जाता है. इसके लिए नई तकनीक यानी एआई और मशीन लर्निंग का उपयोग किया जाता है. एक बार जब यह वीडियो सामने आता है, तो देखने वालों को लगता है कि यह बिल्कुल सच है, जबकि यह वीडियो किसी और शख्स का होता है.

अभी कुछ दिन पहले ही एक्टर रश्मिका मंदाना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. यह डीपफेक वीडियो था. इसमें किसी अन्य मॉडल के चेहरे की जगह पर रश्मिका का चेहरा सुपरइंपोज किया गया था.

आईटी एक्ट के अनुसार ऐसी स्थिति में उस प्लेटफॉर्म को तुरंत ही इस तरह के वीडियो को हटाना अनिवार्य होगा. अगर ऐसा नहीं करेंगे, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है. कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी डीपफेक को लेकर चिंता जताई थी.

ये भी पढ़ें : डीपफेक से निपटने के लिए लाएंगे नए नियम : अश्विनी वैष्णव

नई दिल्ली : डीप फेक मामला दिन प्रतिदिन गंभीर होता जा रहा है. इससे न सिर्फ मनोरंजन की दुनिया के स्टार प्रभावित हुए हैं, बल्कि नेता भी प्रभावित होने लगे हैं. उपभोक्ताओं को भ्रम करने वाली जानकारी दी जा रही है. इससे निपटने के लिए शुक्रवार को केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इंटरनेट स्टेकहोल्डर से बातचीत की.

  • #WATCH | On Deep fake issue, MoS Electronics & Technology Rajeev Chandrasekhar says, "Today we had a very longish meeting with all of the important players on the Internet, the Internet intermediaries. And we have raised the issue of Deep Fakes with them... I reminded them that… pic.twitter.com/m8UHlVwXRI

    — ANI (@ANI) November 24, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बैठक में इंटरनेट मध्यस्थ और इंटनेट के सभी महत्वपूर्ण प्लेयर्स ने हिस्सेदारी की. उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे की गंभीरता को सबके सामने रखा और उन्हें याद दिलाया कि अक्टूबर 2022 से ही सरकार लगातार दुष्प्रचार और डीपफेक को लेकर अलर्ट जारी करती रही है. उनके अनुसार इस बैठक के बाद एक आमराय बनी कि इस मुद्दे से निपटने के लिए आईटी एक्ट में बदलाव की जरूरत है. अभी का आईटी कानून 23 साल पुराना है.

उन्होंने कहा कि सभी संबंधित पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि सभी प्लेटफॉर्म को नियमों का पालन करना चाहिए. प्लेटफॉर्म सुरक्षित रहे और यूजर्स को सही जानकारी मिले, इसके लिए उन्हें इंटरनेट को लेकर भारत में जो नियम और कानून हैं, और जिन 12 क्षेत्रों को प्रतिबंधित किया गया है, सभी उसका अनुपालन करेंगे.

डीपफेक-- इसमें आमतौर पर किसी भी व्यक्ति के चेहरे पर किसी अन्य व्यक्ति के चेहरे को सुपरइंपोज कर उसे प्रसारित किया जाता है. इसके लिए नई तकनीक यानी एआई और मशीन लर्निंग का उपयोग किया जाता है. एक बार जब यह वीडियो सामने आता है, तो देखने वालों को लगता है कि यह बिल्कुल सच है, जबकि यह वीडियो किसी और शख्स का होता है.

अभी कुछ दिन पहले ही एक्टर रश्मिका मंदाना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. यह डीपफेक वीडियो था. इसमें किसी अन्य मॉडल के चेहरे की जगह पर रश्मिका का चेहरा सुपरइंपोज किया गया था.

आईटी एक्ट के अनुसार ऐसी स्थिति में उस प्लेटफॉर्म को तुरंत ही इस तरह के वीडियो को हटाना अनिवार्य होगा. अगर ऐसा नहीं करेंगे, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है. कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी डीपफेक को लेकर चिंता जताई थी.

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