देहरादून (उत्तराखंड): काशी, अयोध्या और उज्जैन को विकसित और विश्व पटल पर एक नई पहचान दिलाने के बाद अब केंद्र सरकार का फोकस मथुरा के साथ-साथ हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे धार्मिक स्थलों की तरफ बढ़ रहा है. इसके लिए बाकायदा राज्य सरकार ने भी कमर कसते हुए कार्य आगे बढ़ाने शुरू कर दिए हैं.
आने वाले समय में हरिद्वार और ऋषिकेश के डेवलपमेंट के लिए कई तरह के प्रोजेक्ट धरातल पर उतरते हुए दिखाई देंगे. बीजेपी धार्मिक स्थलों को एक नई पहचान दिलाने की कोशिश कर रही है. उसी कड़ी में राज्य की धामी सरकारी चाहती है कि रोजाना लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ भाड़ वाले धार्मिक स्थल हरिद्वार और ऋषिकेश को हाईटेक बनाया जाये. इसकी पूरी रूपरेखा और कामकाज का लेखा-जोखा खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी दिया है.
दोनों शहरों के लिए UIIDB को सौंपी शुरुआती जिम्मेदारी: उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर केंद्र सरकार ने अयोध्या, काशी और उज्जैन को विश्न पटल पर पहचान दिलाई है. यहां कॉरिडोर बनाकर तीनों शहरों को एक नया रूप दिया गया है. इसी पैटर्न पर अब केंद्र सरकार उत्तराखंड के दो शहरों में काम करने की योजना बना रही है. हरिद्वार, ऋषिकेश ये दो शहर हैं. हरिद्वार में नए फ्लाईओवर की बात हो या फिर धार्मिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए ऋषिकेश तक गंगा कॉरिडोर का निर्माण, ये सभी इसी कड़ी में उठाये गये कदम हैं. इन सभी कामों को लेकर 12 जनवरी को धामी सरकार की कैबिनेट बैठक में भी फैसला लिया गया. इसमें इन दोनों शहरों को विकसित और खासकर धार्मिक लिहाज से विकसित करने का काम एकीकृत योजना के तहत होगा. जिसका सभी काम यूआईआईडीबी यानी उत्तराखंड इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड देखेगा.
ऋषिकेश हरिद्वार के गंगा कॉरिडोर पर अधिक ध्यान: हरिद्वार में योजना के तहत सबसे पहले हर की पैड़ी का सौंदर्यीकरण होना है. इसका अधिकतर काम पहले ही पूरा हो चुका है. अब हर की पैड़ी पर पुराने पुल को नए कलेवर में ढालने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसके तहत पुलों के ऊपर टिन शेड पर यात्रियों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी. इसके साथ ही हरिद्वार से ऋषिकेश तक गंगा कॉरिडोर बनाया जाएगा. गंगा कॉरिडोर श्रद्धालुओं को एक नया अनुभव देगा. अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने बताया हरिद्वार और ऋषिकेश डेवलपमेंट के लिए कंपनी का गठन कर दिया है. जिसमें हरिद्वार के देवपुरा से लेकर भूपतवाला, दूधाधारी चौक और हर की पैड़ी के आसपास के साथ-साथ कनखल का एक बड़ा हिस्सा इसमें शामिल किया गया है. इसके साथ ही ऋषिकेश रेलवे स्टेशन से लेकर तपोवन और त्रिवेणी घाट के आसपास के पूरे इलाके में भी काम किया जाना है. इन दोनों शहरों में बहुत कुछ बदलने वाला है. यहां दी जाने वाली सुविधाओं को लेकर लंबी चौड़ी लिस्ट बनाई गई है. जिसका फायदा आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं को मिलेगा.
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नई योजना से मिलेगी पहचान: हरिद्वार में लक्सर रोड मेडिकल कॉलेज से लेकर भूपतवाला भारत माता मंदिर तक पॉड टैक्सी चलाने की योजना पर पहले ही काम किया जा रहा है. इसका काम मेट्रो कॉरपोरेशन को सौंपा जा रहा है. अभी यह तय नहीं हुआ है कि यह सुविधा हरिद्वार में किन-किन क्षेत्रों से होकर निकलेगी. इतना जरूर है कि भारत सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार इस योजना को चलाने में बड़ी रुचि दिखा रही है. शहर के पौराणिक मंदिरों का सौंदर्यीकरण इस योजना के तहत होना प्रस्तावित है. काशी की तर्ज पर हरिद्वार के तमाम मंदिरों और गंगा किनारों को एक ही कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा. इसको लेकर जल्द ही कार्य शुरू होने जा रहा है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी चाहते हैं कि काशी में जिस तरह से कार्य हुआ है, इसी तरह से हरिद्वार के मंदिरों को भी विकसित किया जाये.
रोड कनेक्टिविटी, सौंदर्यीकरण पर फोकस: हरिद्वार, ऋषिकेश को विश्व पटल पर लाने के लिए राज्य की धामी सरकार केंद्र के सहयोग से आगे बढ़ रही है. इस दिशा में दिनों दिन काम किये जा रहे हैं. हरिद्वार में हरिद्वार विकास प्राधिकरण शहर में फ्लाईओवर बना रहा है. फ्लाईओवर के नीचे प्लेटफॉर्म तैयार किये जा रहे हैं. इसके साथ ही रोड कनेक्टिविटी के साथ ही मंदिरों के सौंदर्यीकरण पर जोर दिया जा रहा है. हरिद्वार HRDA उपाध्यक्ष अंशुल सिंह ने बताया शहर में जो कुछ भी बेहतर हो सकता है, उस पर पूरा फोकस किया जा रहा है. हरिद्वार को सुंदर बनाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. शहर से गुजरने वाली सड़कों, फ्लाईओवर के किनारे तरह तरह की लाइट्स लगाई गई हैं. शहर की दीवारों पर रंग बिरंगी पेंटिंग्स बनाई गई हैं.