नई दिल्ली : केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा (Arjun Munda) ने कहा कि जनजातियों के विकास (Development of Tribel) के लिए हम लोग प्रतिबद्ध हैं, आदिवासी क्षेत्रों में जनजातियों के सशक्तिकरण, रोजगार, आजीविका के लिए हमारा मंत्रालय निरंतर कार्य कर रहा है. इसी के मद्देनजर आज 'Covid टीका संग सुरक्षित वन, धन और उद्यम' कैंपेन की शुरुआत हुई है.
अर्जुन मुंडा ने इस कैंपेन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि वन का मतलब पर्यावरण, प्रकृति हमारा है, धन का मतलब उसके उपज के माध्यम से हमारी आजीविका और बेहतर कैसे हो और उद्यम का मतलब उद्यमिता के माध्यम से हम अपने आप को और सशक्त बनाएं.
उन्होंने कहा कि इस योजना के जरिए कोरोना वैक्सीन अभियान भी सफल ढंग से चले यह कोशिश होगी, आदिवासी क्षेत्रों में आजीविका के साथ-साथ स्वास्थ्य को भी प्रमोट करना है, आदिवासियों की जान की सुरक्षा भी हमें करनी है, कोरोना बीमारी और इस संकट के कारण उत्पन्न हुई समस्याओं से आदिवासियों को हमें बचाना है, आदिवासी कल्याण मंत्रालय द्वारा संचालित संस्था TRIFED, यूनिसेफ डब्ल्यूएचओ ने मिलकर 'Covid टीका संग सुरक्षित वन, धन और उद्यम' कैंपेन को शुरू किया है.
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कैंपेन में 50 लाख से अधिक जनजातीय लोगों को जोड़ा जाएगा
'Covid टीका संग सुरक्षित वन, धन और उद्यम' कैंपेन 50 लाख से अधिक जनजातीय लोगों को इस बात पर जोर देते हुए टीकाकरण अभियान से जोड़ेगा, कि कोरोना टीका मुफ्त में दिया जाता है, आसपास के अस्पताल में मौजूद है, वैक्सीन न केवल लोगों को अस्पताल में भर्ती होने और मरने से बचाता है, बल्कि आजीविका गतिविधियों को भी जारी रखने में सहायता प्रदान करता है.
कोरोना की तीसरी लहर को रोकने में होंगे कामयाब: अर्जुन मुंडा
अर्जुन मुंडा ने कहा कि हम लोग कोरोना की तीसरी लहर को रोकने में कामयाब होंगे. उन्होंने इस कैंपेन के बारे में कहा कि यह जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य के साथ आजीविका को बढ़ावा देगा, वन धन विकास केंद्रों की गतिविधियों को गति प्रदान करेगा और हथकरघा, हस्तशिल्प, वनोपजों की खरीद, मूल्यवर्धन और विपणन में लगे आदिवासी लोगों में टीकाकरण की गति को तेज करेगा.