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हरियाणा: खेल कोटा में कटौती पर भड़के खिलाड़ी, ओलंपियन बॉक्सर बिजेंद्र सिंह भी उतरे सड़क पर

हरियाणा की खेल नीति देशभर में बेहतर मानी जाती है. लेकिन अब हरियाणा खेल नीति में बदलाव (change in haryana Sports Policy) ने यहां के खिलाड़ियों को नाराज कर दिया है. खिलाड़ी सरकार के इस नए फैसले से भड़के हुए हैं. यहां तक कि कई ओलंपियन खिलाड़ी और कोच ने सड़क पर उतरकर लड़ाई लड़ने की चेतावनी दी.

Haryana: Players furious over reduction in sports quota
हरियाणा: खेल कोटा में कटौती पर भड़के खिलाड़ी
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Published : Mar 21, 2022, 8:18 PM IST

भिवानी: हरियाणा में ग्रुप A, B और C की सीधी भर्ती में खेल कोटे का आरक्षण (Haryana Sports Quota Reservation) खत्म करने का मामला तूल पकड़ने लगा है. कई बड़े खिलाड़ी और आवार्ड विजेता कोच सड़क पर उतर आए हैं. इसी कड़ी में सोमवार को भिवानी में अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के सैकड़ों खिलाड़ियों ने प्रदर्शन किया और खेल कोटे के तहत मिलने वाली नौकरियों को फिर से बहाल करने की मांग उठाई. प्रदर्शन कर रहे इन खिलाड़ियों की अगुवाई ओलंपिक मेडल विजेता बॉक्सर बिजेन्द्र सिंह ने की.

बॉक्सर बिजेंद्र सिंह ने कहा कि वे आज सड़क पर उतरने के लिए इसलिए मजबूर हुए क्योंकि नवोदित खिलाड़ियों को उच्च पदों पर पहुंचने का रास्ता वर्तमान हरियाणा सरकार ने बंद कर दिया है, क्योंकि तीन प्रतिशत खेल कोटा जो पूर्व की हुड्डा सरकार ने शुरू किया था, उसे बंद कर दिया है. यह खेल कोटे का ही परिणाम था कि हरियाणा प्रदेश के खिलाड़ियों ने ओलंपिक स्तर तक के खेलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. हरियाणा प्रदेश को देश भर में खेल फैक्ट्री के तौर पर देखा जाने लगा था. अब बेहतर तैयारी करने वाले खिलाड़ियों का भविष्य धूमिल हो गया है.

खिलाड़ियों के समर्थन में ओलंपिक मेडल विजेता बॉक्सर बिजेंद्र सिंह प्रदर्शन करने सड़क पर उतरे

उन्होंने कहा कि आज यह प्रदर्शन खेल नगरी भिवानी से शुरू किया गया है. जल्द ही यह प्रदर्शन रोहतक, सोनीपत व बेहतर खिलाड़ी देने वाले जिलों में किया जाएगा. इसके अलावा तीन प्रतिशत की जगह 5 से 6 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की मांग करेंगे. बिजेंद्र सिंह ने कहा कि राज्यसभा में यह मुद्दा यह दीपेंद्र सिंह हुड्डा तथा विधानसभा में भूपेंद्र सिंह हुडडा प्रमुखता से उठाएंगे ताकि खेल कोटा बहाल हो सके.

क्या है मामला- हरियाणा सरकार ने खेल कोटे (Haryana Sports Quota) में मिलने वाली आरक्षण पॉलिसी (Haryana Sports Quota Reservation) में बदलाव करते हुए अफसरों के ग्रुप ए और बी तथा कर्मचारियों के ग्रुप सी की सीधी भर्ती में खेल कोटे का 3 फीसदी आरक्षण खत्म कर दिया है. हालांकि ग्रुप डी का आरक्षण जारी रहेगा. ग्रुप डी में पहले की ही तरह खेल कोटे का दस प्रतिशत आरक्षण मिलता रहेगा. सरकार के इस फैसले से खेल कोटा अब केवल खेल विभाग तक ही सीमित हो गया है. इस बदलाव के बाद प्रदेश के लगभग 81 विभागों और दो दर्जन के लगभग सरकारी उपकरणों में उच्च वर्ग की नौकरियों में अब खिलाड़ियों की भर्ती का रास्ता बंद हो गया है.

खिलाड़ियों के समर्थन में ज्ञापन सौंपते ओलंपियन बॉक्सर बिजेन्द्र सिंह
खिलाड़ियों के समर्थन में ज्ञापन सौंपते ओलंपियन बॉक्सर बिजेन्द्र सिंह

राज्य सरकार ने पिछले साल खिलाड़ियों के लिए खेल विभाग में ग्रुप ए, बी और सी के 550 पद बनाए थे. सरकार का कहना है कि बेहतर खिलाड़ियों के लिए ग्रुप ए और ग्रुप बी के पद अलग से बना दिए हैं इसलिए सीधी भर्ती का लाभ कोई नहीं उठा रहा है. इस वजह से तीन प्रतिशत आरक्षण के ये पद खाली ही पड़े रहते हैं. इसी सिलसिले में खेल विभाग ने खिलाड़ियों की जॉब पॉलिसी से एचसीएस-एचपीएस के पद हटाकर खेल विभाग में पद तय किए थे. इसके अनुसार, ग्रुप-ए में डिप्टी डायरेक्टर के 50, ग्रुप-बी में सीनियर कोच के 100, ग्रुप-बी में कोच के 150 और ग्रुप-सी में जूनियर कोच के 250 पद निर्धारित बनाये गये थे. इन पदों पर केवल खिलाड़ियों की ही भर्ती की जाएगी.

ये भी पढ़ें - सांसद की गाड़ी पर कथित बम हमले के खिलाफ भाजपा समर्थकों का प्रदर्शन

भिवानी: हरियाणा में ग्रुप A, B और C की सीधी भर्ती में खेल कोटे का आरक्षण (Haryana Sports Quota Reservation) खत्म करने का मामला तूल पकड़ने लगा है. कई बड़े खिलाड़ी और आवार्ड विजेता कोच सड़क पर उतर आए हैं. इसी कड़ी में सोमवार को भिवानी में अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के सैकड़ों खिलाड़ियों ने प्रदर्शन किया और खेल कोटे के तहत मिलने वाली नौकरियों को फिर से बहाल करने की मांग उठाई. प्रदर्शन कर रहे इन खिलाड़ियों की अगुवाई ओलंपिक मेडल विजेता बॉक्सर बिजेन्द्र सिंह ने की.

बॉक्सर बिजेंद्र सिंह ने कहा कि वे आज सड़क पर उतरने के लिए इसलिए मजबूर हुए क्योंकि नवोदित खिलाड़ियों को उच्च पदों पर पहुंचने का रास्ता वर्तमान हरियाणा सरकार ने बंद कर दिया है, क्योंकि तीन प्रतिशत खेल कोटा जो पूर्व की हुड्डा सरकार ने शुरू किया था, उसे बंद कर दिया है. यह खेल कोटे का ही परिणाम था कि हरियाणा प्रदेश के खिलाड़ियों ने ओलंपिक स्तर तक के खेलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. हरियाणा प्रदेश को देश भर में खेल फैक्ट्री के तौर पर देखा जाने लगा था. अब बेहतर तैयारी करने वाले खिलाड़ियों का भविष्य धूमिल हो गया है.

खिलाड़ियों के समर्थन में ओलंपिक मेडल विजेता बॉक्सर बिजेंद्र सिंह प्रदर्शन करने सड़क पर उतरे

उन्होंने कहा कि आज यह प्रदर्शन खेल नगरी भिवानी से शुरू किया गया है. जल्द ही यह प्रदर्शन रोहतक, सोनीपत व बेहतर खिलाड़ी देने वाले जिलों में किया जाएगा. इसके अलावा तीन प्रतिशत की जगह 5 से 6 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की मांग करेंगे. बिजेंद्र सिंह ने कहा कि राज्यसभा में यह मुद्दा यह दीपेंद्र सिंह हुड्डा तथा विधानसभा में भूपेंद्र सिंह हुडडा प्रमुखता से उठाएंगे ताकि खेल कोटा बहाल हो सके.

क्या है मामला- हरियाणा सरकार ने खेल कोटे (Haryana Sports Quota) में मिलने वाली आरक्षण पॉलिसी (Haryana Sports Quota Reservation) में बदलाव करते हुए अफसरों के ग्रुप ए और बी तथा कर्मचारियों के ग्रुप सी की सीधी भर्ती में खेल कोटे का 3 फीसदी आरक्षण खत्म कर दिया है. हालांकि ग्रुप डी का आरक्षण जारी रहेगा. ग्रुप डी में पहले की ही तरह खेल कोटे का दस प्रतिशत आरक्षण मिलता रहेगा. सरकार के इस फैसले से खेल कोटा अब केवल खेल विभाग तक ही सीमित हो गया है. इस बदलाव के बाद प्रदेश के लगभग 81 विभागों और दो दर्जन के लगभग सरकारी उपकरणों में उच्च वर्ग की नौकरियों में अब खिलाड़ियों की भर्ती का रास्ता बंद हो गया है.

खिलाड़ियों के समर्थन में ज्ञापन सौंपते ओलंपियन बॉक्सर बिजेन्द्र सिंह
खिलाड़ियों के समर्थन में ज्ञापन सौंपते ओलंपियन बॉक्सर बिजेन्द्र सिंह

राज्य सरकार ने पिछले साल खिलाड़ियों के लिए खेल विभाग में ग्रुप ए, बी और सी के 550 पद बनाए थे. सरकार का कहना है कि बेहतर खिलाड़ियों के लिए ग्रुप ए और ग्रुप बी के पद अलग से बना दिए हैं इसलिए सीधी भर्ती का लाभ कोई नहीं उठा रहा है. इस वजह से तीन प्रतिशत आरक्षण के ये पद खाली ही पड़े रहते हैं. इसी सिलसिले में खेल विभाग ने खिलाड़ियों की जॉब पॉलिसी से एचसीएस-एचपीएस के पद हटाकर खेल विभाग में पद तय किए थे. इसके अनुसार, ग्रुप-ए में डिप्टी डायरेक्टर के 50, ग्रुप-बी में सीनियर कोच के 100, ग्रुप-बी में कोच के 150 और ग्रुप-सी में जूनियर कोच के 250 पद निर्धारित बनाये गये थे. इन पदों पर केवल खिलाड़ियों की ही भर्ती की जाएगी.

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