गोरखपुर: जिला प्रशासन और पुलिस ने फर्जी पैरामेडिकल कॉलेज चलाने के आरोप में मेडिकल व शिक्षा माफिया डॉक्टर अभिषेक यादव ( paramedical mafia dr abhishek yadav) और उनकी पत्नी की 103 रुपये की संपत्ति को कुर्क कर दिया है. एक सप्ताह से चल रही कुर्की की यह कार्रवाई बुधवार को खत्म हो गई.
पुलिस के मुताबिक पिपराइच के तुर्रा बाजार स्थित राज नर्सिंग एंड पैरामेडिकल कॉलेज के संचालक डॉ. अभिषेक यादव पर संयुक्त सचिव अनिल कुमार सिंह ने 8 जनवरी 2022 को कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. उन पर आरोप है कि कूटरचित दस्तावेज के सहारे शासन से मान्यता मिलने की जानकारी देकर नर्सिंग कॉलेज में छात्र-छात्राओं का प्रवेश लिया. जालसाजी का केस दर्ज कर पुलिस ने जांच की तो पता चला कि दुर्गाबाड़ी निवासी डॉ. अभिषेक यादव, पत्नी डॉ. मनीषा यादव, शाहपुर के बशारतपुर में रहने वाली उनकी बहन डॉ. पूनम यादव, साथी शक्तिनगर निवासी डॉ. सी प्रसाद उर्फ चौथी, बस्ती जिले के लालगंज, खोरिया निवासी शोभितानंद यादव, गुलरिहा थानाक्षेत्र के करमहा निवासी श्यामनरायण मौर्य और मोगलहा निवासी विशाल त्रिपाठी के साथ मिलकर 2015 से यह गिरोह चल रहा है. इसके बाद आरोपी डॉक्टर की संपत्ति चिह्नित की गई. भूमि, भवन, नर्सिंग कॉलेज, नर्सिंग होम, आठ वाहनों के साथ ही अलग-अलग बैंकों के 15 से अधिक खाते सील किए गए. डॉ. अभिषेक और उसकी पत्नी समेत पांच आरोपी इस समय जेल में हैं.
एसएसपी के आदेश पर कोतवाली थाना पुलिस ने 16 सितंबर को आरोपियों के खिलाफ कोतवाली थाने में गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज कराया था. इसकी विवेचना तिवारीपुर थाना पुलिस कर रही है. एसएसपी गौरव ग्रोवर (SSP Gaurav Grover) ने बताया कि आरोपियों की 103 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की गई है. अन्य संपत्तियों की जानकारी भी की जा रही है. आने वाले समय में अन्य संपत्तियों को भी कुर्क किया जाएगा.
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