हरिद्वार : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर के बाहर पुलिसकर्मियों पर हमले (Gorakhnath Temple Attack) को लेकर हरिद्वार के संत समाज में आक्रोश है. संतों का कहना है कि गोरखनाथ मंदिर पर हमला हुआ है, यह तो सिर्फ शुरुआत है. आने वाले समय में मठ मंदिर भी सुरक्षित नहीं रहेंगे. ऐसे में मदरसों को बंद करना चाहिए. बता दें, रविवार (3 अप्रैल) को गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर में मुर्तजा अब्बासी नाम के एक शख्स ने धारदार हथियार लेकर घुसने का प्रयास किया था. जिसे पीएसी के जवानों ने रोकने का प्रयास किया. मुर्तजा ने रोके जाने पर धार्मिक नारा लगाते हुए धारदार हथियार से दो जवानों पर हमला कर दिया.
मुर्तजा ने पुलिसकर्मियों के हथियार छीनने का भी प्रयास किया था. पुलिस ने हमलावर को गिरफ्तार कर लिया है. सरकार इसे आतंकी साजिश बता रही है. यूपी एटीएस व एसटीएफ मामले की बारीकी से जांच कर रही है. वहीं, घायल सिपाहियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इधर, दूसरी ओर अब हरिद्वार में संत समाज ने भी घटना पर कड़ी नाराजगी जताई है. शाम्भवी धाम के पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि जिस तरह उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर में हमला हुआ है, जो कि हिंदुओं की आस्था का केंद्र है यह किसी चेतावनी से कम नहीं है.
उन्होंने कहा कि यह तो सिर्फ शुरुआत है, आने वाले समय में ऐसे तत्व किस हद तक जा सकते हैं, इसका हम अंदाजा नहीं लगा सकते हैं. अगर हम ऐसे लोगों से अभी सचेत नहीं हुए तो आने वाले समय में हमारे मठ मंदिरों पर गहरा संकट छा सकता है. स्वामी आनंद स्वरूप का साफ कहना है कि ऐसी मानसिकता के लोगों का टागरेट संत और मठ मंदिर ही हैं. जिस तरह से मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की गई, यह बहुत बड़ी साजिश थी. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हम कितने सुरक्षित हैं?
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