बेंगलुरु : भारतीय मूल के गोपाल वाकोडे ( Gopal Wakode) ने ब्रिटिश सेना में नौकरी पाकर देश के मान को बढ़ाया है. बता दें कि गोपाल का जन्म कर्नाटक में हुआ था.
वह कर्नाटक के कोप्पल के शाहपुर गांव के मूल निवासी हैं. उनके माता-पिता यल्लप्पा वाकोडे (Yallappa Wakode और फक्किराव्वा (Fakkiravva) था. गोपाल की तीन बहनें और एक भाई है. वह सबसे छोटे हैं. जब गोपाल की उम्र तकरीबन दस साल की थी, तब उनका परिवार गोवा आ गया था.
कम उम्र में माता-पिता का साया उठ गया
गोपाल के सिर से माता-पिता की साया जल्द ही उठ गया. दरअसल, गोपाल के पिता ड्रग एडिक्ट थे. जिससे कारण उनकी मौत हो गई. पिता के मौत के कुछ ही दिन बाद मां का भी साया सिर से उठ गया.
पेट भरने के लिए मूंगफली बेचा
इसके बाद पेट भरने के लिए छोटी सी उम्र में गोपाल गोवा के बीच पर मूंगफली बेचने लगे. इस दौरान इंग्लैंड का दंपती कैरोल और कॉलिन हैनसन गोवा आते हैं और गोपाल की आर्थिक रूप से मदद करते हैं.
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19 साल की उम्र में गोपाल चले गए थे इंग्लैंड
जब गोपाल की उम्र 19 साल की थी, तब दंपती गोपाल को इंग्लैंड लेकर चले गए. इसके बाद गोपाल को एक सैन्य बैरक में प्रशिक्षित करने के लिए भर्ती करवाते हैं. गोपाल की रुचि क्रिकेट में भी है. गोपाल की लगन को देखते हुए एक सैन्य अधिकारी ने उन्हें प्रशिक्षित किया. जिसके बाद गोपाल ब्रिटिश सेना में शामिल हुए.
तीन साल पर आते हैं भारत
नौकरी पाने के बाद गोपाल ने ब्रिटिश महिला जैस्मीन से शादी की. उनकी एक बच्ची भी है, जिसका नाम डेज़ी है. ब्रिटिश नागरिक होने के बावजूद गोपाल वाकोडे हर तीन साल पर भारत आते हैं.