अहमदाबाद: युद्धग्रस्त यूक्रेन (ukraine crisis) से गुजरात पहले जत्थे में लौटे 56 विद्यार्थियों की आंखों में खुशी के आंसू और चेहरे पर मुस्कुराहट थी. उनके बेचैन माता-पिता ने मुंबई आए बच्चों की आगवानी की. विद्यार्थियों ने यूक्रेन से निकालने के लिए भारतीय अधिकारियों का धन्यवाद ज्ञापित (Thanked The Indian Authorities) किया. गुजरात सरकार (Gujarat Government) ने इन विद्यार्थियों को मुंबई से लाने के लिए दो बसों की व्यवस्था की थी. ये विद्यार्थी रोमानिया की राजधानी बुडापेस्ट से शनिवार शाम को आए विशेष विमान से मुंबई पहुंचे थे.
यूक्रेन से लौटे विद्यार्थी उच्च शिक्षा (Higher Education) के लिए गए थे और उन्हें एअर इंडिया के विशेष उड़ान (Special Flight Of Air India) से स्वदेश लाया गया. विद्यार्थियों को लेकर आ रही बस रविवार को सूरत, वडोदार और अहमदबाद से गुजरी तब स्थानीय नेताओं और सरकारी अधिकारियों ने फूल देकर उनका अभिवादन किया. कुछ विद्यार्थियों को रोते हुए अपने माता-पिता को गले लगाते हुए देखा गया. कुछ ने गत तीन दिन के अनुभव को साझा किया कि कैसे वे विशेष विमान पर सवार होने से पहले कई किलोमीटर तक पैदल चलकर रोमानिया की सीमा पर पहुंचे.
यूक्रेन से लौटे विद्यार्थियों में से एक पूजा पटेल ने बताया कि वह पिछले साल दिसंबर में चिकित्सा की पढ़ाई करने के लिए चेरनिव्त्सी गई थी और केवल दो महीने बाद ही उन्हें लौटना पड़ा है. उन्होंने बताया कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की चर्चा के बाद से ही हम वापस लौटने का प्रयास कर रहे थे. हमारे माता-पिता चिंतित थे. हमें भारतीय दूतावास ने मदद की लेकिन हमारे कई और मित्र हैं जो भय के माहौल में वहां रह रहे हैं. वास्तव में तभी खुशी होगी जब उन्हें भी सुरक्षित वापस लाया जाएगा.
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विशेष उड़ान से लौटी सूरत की रहने वाली अरश्वी शाह (Aarshwi Shah From Surat) ने बताया कि वह यूक्रेन के बुकोविनियन शहर (Ukraine's Bukovinian city) में पढ़ाई करने गई थी. शाह ने बताया कि कई विद्यार्थियों को युद्ध शुरू होने तक लग रहा था, यह नहीं होगा. उन्होंने बताया कि 15 फरवरी को भारतीय दूतावास ने हमें यथाशीघ्र यूक्रेन छोड़ने का निर्देश दिया. कई विद्यार्थियों का मानना था कि कई देशों के हस्तक्षेप की वजह से युद्ध नहीं होगा लेकिन जल्द ही युद्ध शुरू हो गया और टिकटों के दाम में बेतहाशा वृद्धि हो गई और कुछ समय के बाद वे भी उपलब्ध नहीं हो रहे थे. शाह ने बताया कि लेकिन वह भारतीय दूतावास की मदद से यूक्रेन छोड़ने में सफल रहीं.
छात्रा ने वडोदरा पहुंचने पर कहा कि गृह राज्य पहुंचने में हमें तीन दिन का समय लगा. हम सुरक्षित पहुंच गए हैं और हम सभी व्यवस्था करने के लिए सरकार के शुक्रगुजार हैं. हम लौटने की कोशिश कर रहे अन्य विद्यार्थियों की सुरक्षित यात्रा के लिए प्रार्थना करते हैं. वडोदरा पहुंचे एक अन्य विद्यार्थी ने बताया कि यूक्रेन से बाहर निकलने के लिए कई विद्यार्थियों को अपने भारी सामान को पांच से छह किलोमीटर या इससे भी अधिक दूरी तक खींचकर चलना पड़ा ताकि रोमानिया की सीमा तक पहुंचा जा सके. उन्होंने बताया कि सीमा पर उन्हें घंटों बिना भोजन-पानी के इंतजार करना पड़ा.