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सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को चेताया, कहा-कोविड से निपटने के लिए मंशा अच्छी नहीं

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Published : Jul 14, 2021, 6:01 PM IST

यूपी में कोरोना संक्रमण से बचाव की तैयारियों पर सर्वोच्च न्यायालय ने नाखुशी जाहिर की है. कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि संक्रमण से बचाव को लेकर आपकी नीयत सही नहीं लग रही है.

SUPREME COURT, UP News
सर्वोच्च न्यायालय

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी में क्वारंटीन सेंटरों (Quarantine Centers) की बदहाल स्थिति को लेकर यूपी सरकार को चेताया है. कोर्ट ने कहा कि लग रहा है कि ​अदालतों को ही कोविड 19 से से निपटने के लिए राज्य सरकारों की तैयारियों को जांचना होगा. हमारे पास 110 सुझाव हो सकते हैं लेकिन क्या यह आदेश बन पाएगा ? हमें याद रखना होगा कि हम संवैधानिक न्यायालय हैं.

न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने कहा कि कोरोना का संकट अभी टला नहीं है और इस समय में सभी को सावधानी से आगे बढ़ना है और यह ध्यान रखना है कि किसके द्वारा क्या किया जाना है? कोर्ट ने वकील से भी आगे आकर इन पहलुओं पर मदद करने को कहा. कोर्ट ने कहा कि सभी के काम करने के लिए सीमाएं और मानदंड हैं.

पढ़ें: क्रिप्टो करेंसी मामले में दिल्ली हाईकोर्ट का केंद्र व सेबी को नोटिस

इसलिए कोर्ट यह निर्धारित करना चाहता है कि अदालतें इस तरह के मुद्दे में कितनी ज्यादा प्रयास कर सकती हैं. जस्टिस माहेश्वरी ने कहा ​कि सीधे जैकेट फॉर्मूला नहीं हो सकता है, लेकिन कुछ मानदंड हैं जिनका पालन करके हर संस्थान काम करता है. बताते चलें कि इस संबंध में हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि सुझावों और व्यवहार्यता को राज्य को देखना होगा. इस मामले पर 12 अगस्त को फिर से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी में क्वारंटीन सेंटरों (Quarantine Centers) की बदहाल स्थिति को लेकर यूपी सरकार को चेताया है. कोर्ट ने कहा कि लग रहा है कि ​अदालतों को ही कोविड 19 से से निपटने के लिए राज्य सरकारों की तैयारियों को जांचना होगा. हमारे पास 110 सुझाव हो सकते हैं लेकिन क्या यह आदेश बन पाएगा ? हमें याद रखना होगा कि हम संवैधानिक न्यायालय हैं.

न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने कहा कि कोरोना का संकट अभी टला नहीं है और इस समय में सभी को सावधानी से आगे बढ़ना है और यह ध्यान रखना है कि किसके द्वारा क्या किया जाना है? कोर्ट ने वकील से भी आगे आकर इन पहलुओं पर मदद करने को कहा. कोर्ट ने कहा कि सभी के काम करने के लिए सीमाएं और मानदंड हैं.

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इसलिए कोर्ट यह निर्धारित करना चाहता है कि अदालतें इस तरह के मुद्दे में कितनी ज्यादा प्रयास कर सकती हैं. जस्टिस माहेश्वरी ने कहा ​कि सीधे जैकेट फॉर्मूला नहीं हो सकता है, लेकिन कुछ मानदंड हैं जिनका पालन करके हर संस्थान काम करता है. बताते चलें कि इस संबंध में हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि सुझावों और व्यवहार्यता को राज्य को देखना होगा. इस मामले पर 12 अगस्त को फिर से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.

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