नई दिल्ली : महाराष्ट्र के बाद गोवा में भी सियासी उथल-पुथल जारी है. गोवा कांग्रेस की बैठक से उनके कई विधायक गायब रहे. इसे लेकर अटकलें लगनी शुरू हो गईं हैं. सूत्रों के अनुसार जो विधायक बैठक में नहीं पहुंचे, वे भाजपा के संपर्क में बताए जा रहे हैं. वैसे, गोवा कांग्रेस ने इन अटकलों को खारिज किया है.
पार्टी ने कहा कि यह एक अफवाह है. गोवा कांग्रेस के अध्यक्ष अमित पटकर ने कहा कि इन अटकलों को भाजपा जानबूझकर हवा दे रही है. बैठक में शामिल नहीं होने वाले एक विधायक ने कहा कि वह कांग्रेस के साथ हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें बैठक में नहीं बुलाया गया था. उन्होंने यह भी कहा कि दूसरे विधायकों के बारे में उनके पास कोई जानकारी नहीं है. बैठक में शामिल नहीं होने वाले नेताओं में दिगंबर कामत भी हैं. कामत को कांग्रेस पार्टी ने मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया था.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो कामत, मिचेल लोबो को विपक्ष का नेता बनाए जाने से नाराज हैं. आपको बता दें कि हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 11 विधायक हैं. इनमें से सात विधायक बैठक से नदारद बताए गए हैं. इस बीच, सोमवार से शुरू हो रहे दो सप्ताह के लंबे विधानसभा सत्र की पूर्व संध्या पर, गोवा कांग्रेस प्रमुख अमित पाटकर ने अपने कुछ विधायकों के भाजपा में शामिल होने की अटकलों का खंडन करते हुए कहा कि इस तरह की अफवाहें सत्तारूढ़ दल द्वारा फैलाई जा रही हैं.
विधानसभा उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए जारी अधिसूचना वापस ली गई : उधर, गोवा विधानसभा अध्यक्ष रमेश तावड़कर ने रविवार को उपाध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अधिसूचना रद्द कर दी. चुनाव 12 जुलाई को होना था. यह कदम उन अटकलों के बीच उठाया गया है कि 40 सदस्यीय सदन में कांग्रेस के कुछ विधायक सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो सकते हैं. विधानसभा सचिव नम्रता उलमान द्वारा जारी आदेश में सूचित किया गया है कि गोवा विधानसभा के प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के नियम 308 के तहत जारी 8 जुलाई की अधिसूचना वापस ले ली गई है.
आदेश में आगे कहा गया है, 'इसलिए, गोवा विधानसभा के प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के 9 (2) के तहत जारी उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन का नोटिस भी वापस लिया जाता है.'
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