हैदराबाद : गोवा में एक चरण में और मणिपुर में दो चरण में मतदान होगा. गोवा में 14 फरवरी को मतदान होगा. मणिपुर में 27 फरवरी और 3 मार्च को वोट पड़ेंगे.
चुनाव आयोग ने बताया कि गोवा में 21 जनवरी को नोटिफिकेशन जारी होगा. प्रत्याशी 28 जनवरी तक नामांकन कर पाएंगे, 29 जनवरी तक नामांकन पत्रों की जांच होगी. इसके साथ ही 31 जनवरी तक प्रत्याशी अपना नामांकन वापस ले सकेंगे. गोवा में 14 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. काउंटिंग 10 मार्च को होगी.
गोवा में 40 विधानसभा सीटें हैं. इस बार कांग्रेस और बीजेपी के साथ-साथ ममता बनर्जी की टीएमसी और अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी भी पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में हैं.
मणिपुर चुनाव कार्यक्रम
चुनाव आयोग ने बताया कि पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में दो चरण में मतदान होगा. मणिपुर की 60 विधानसभा सीटों पर चुनाव होंगे. मणिपुर में 27 फरवरी 38 सीटों के लिए और 3 मार्च को 22 सीटों के लिए वोटिंग होगी. मणिपुर में पहला चरण- 27 फरवरी 2022 को है. यहां नोटिफिकेशन - 1 फरवरी को जारी होगी. नामांकन की आखिरी तारीख- 8 फरवरी है. नामांकन पत्रों की जांच 9 फरवरी को होगी. नामांकन वापसी की तारीख 11 फरवरी है.
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इसी तरह दूसरा चरण- 3 मार्च 2022 को है. यहां नोटिफिकेशन - 4 फरवरी को जारी होगी. नामांकन की आखिरी तारीख- 11 फरवरी है. नामांकन पत्रों की जांच 14 फरवरी को होगी. नामांकन वापसी की तारीख 16 फरवरी है.
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मणिपुर और गोवा में पिछले विधान सभा चुनाव में भाजपा को उल्लेखनीय जीत हासिल नहीं हो पाई थी लेकिन दोनों ही राज्यों में तेजी से सक्रियता दिखाते हुए भाजपा ने कांग्रेस को मात देकर अन्य दलों का समर्थन हासिल कर सरकार का गठन कर लिया. इस बार भाजपा इन दोनों ही राज्यों में अपने बल पर बहुमत हासिल कर सरकार बनाना चाहती है.
2017 के विधान सभा चुनाव में मणिपुर में भाजपा को राज्य की कुल 60 विधान सभा सीटों में से केवल 21 सीट पर ही जीत हासिल हुई थी जबकि कांग्रेस के खाते में भाजपा से ज्यादा 28 सीट आई थी. हालांकि दोनों के बीच मतों का अंतर एक प्रतिशत से भी कम था. लेकिन अन्य दलों के सहयोग से मणिपुर में भाजपा ने पहली बार सरकार बनाई. इस बार भाजपा राज्य में अपनी सरकार के कामकाज और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के बल पर पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाना चाहती है.
गोवा में 2017 में ये थी स्थिति
मणिपुर की तरह ही 2017 में गोवा में भी भाजपा को कांग्रेस से कम सीटों पर जीत हासिल हुई थी लेकिन अन्य दलों के सहयोग से भाजपा ने उस समय प्रदेश में अपनी सरकार बना ली थी. 2017 के चुनाव में भाजपा को सबसे ज्यादा 32.48 प्रतिशत वोट तो हासिल हुए थे लेकिन सीटों के मामले में वह कांग्रेस से पिछड़ गई थी.
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