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Global terrorist Dawood Ibrahim : खुलासा या चाल- भांजे ने खोला राज, बताया- दूसरी बीवी के साथ दाऊद का नया ठिकाना

ग्लोबल आतंकी दाऊद इब्राहिम के बारे में उसके भांजे अलीशाह पारकर ने कई खुलासे किए हैं. उसने एनआईए के सामने कहा कि दाऊद ने पाकिस्तान में ही दूसरी शादी कर ली. जिस महिला से उसने शादी की, वह पठान परिवार से आती है. उसने पहली पत्नी को तलाक नहीं दिया है.

Dawood Ibrahim
दाऊद इब्राहिम
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Published : Jan 17, 2023, 1:44 PM IST

Updated : Jan 17, 2023, 2:53 PM IST

नई दिल्ली : दाऊद इब्राहिम का भांजा अलीशाह पारकर एनआईए की गिरफ्त में है. सूत्रों के अनुसार उसने दाऊद से जुड़ी कई जानकारियां एजेंसी को दी हैं. उसके अनुसार दाऊद इब्राहिम ने पाकिस्तान में दूसरी शादी की है. उसने यह शादी एक पठान परिवार में की है. अलीशाह ने बताया कि दाऊद ने पहली पत्नी को तलाक नहीं दिया है.

दाऊद की पहली पत्नी का नाम महजबीन है. एनआईए को दिए गए बयान में भांजे ने बताया कि वह महजबीन से मिला है. उसने जून 2022 की मुलाकात को याद करते हुए कहा कि मैं बिजनेस के सिलसिले में दुबई गया था, वहीं पर उनसे मुलाकात हुई. उसने कहा कि महजबीन और मेरी पत्नी की बातचीत व्हाट्सएप के जरिए होती रहती है. उसने दावा किया कि दाऊद इस वक्त कराची में है. उसके अनुसार दाऊद के साथ हाजी अनीस और मुमताज रहीम फाफी रहते हैं. कराची के एक दरगाह के पीछे डिफेंस कालोनी में उनका मकान है.

आपको बता दें कि एनआईए ने दाऊद और उसके सहयोगियों के खिलाफ कई मामले दर्ज कर रखे हैं. दाऊद पर आरोप है कि वह एक बार फिर से सक्रिय हो रहा है. एनआईए के अनुसार वह भारत के बड़े नेताओं को टारगेट करना चाहता है. वह भारत में हिंसा भी फैला सकता है. दाऊद की बहन हसीना पारकर की मौत हो चुकी है. उसके बेटे अलीशाह पारकर ने अपना बयान दर्ज कराते हुए यह जानकारी दी है.

अलीशाह पारकर ने कहा कि दाऊद की पहली पत्नी को दाऊद की दूसरी शादी के बारे में पता है और वह अलग-अलग ऐप के जरिए दोनों के संपर्क में रहती है. यह दावा एनआईए ने दाऊद, राकांपा नेता नवाब मलिक और पारकर सहित अन्य के खिलाफ दर्ज एक आतंकी मामले के संबंध में दायर चार्जशीट में किया है. इससे पहले पारकर ने दावा किया था कि वह डॉन के संपर्क में नहीं थे. आरोप पत्र में कहा गया है कि भारत छोड़ने के बाद दाऊद छोटा शकील, अनीस इब्राहिम शेख, जावेद चिकना, टाइगर मेमन, इकबाल मिर्ची और हसीना पारकर के माध्यम से अपने गिरोह का संचालन कर रहा है.

एनआईए ने इस मामले में आरोप लगाया है कि आरोपियों ने डी-गैंग की मिलीभगत से नवाब मलिक के साथ 11.28 करोड़ रुपये की संपत्ति (गोआवाला कंपाउंड) हड़प ली. मलिक और हसीना पारकर की गोवावाला कंपाउंड पर नजर थी, और मलिक ने कुर्ला जनरल स्टोर पर अवैध रूप से कब्जा करके संपत्ति में घुसपैठ की, जिसे बाद में उनके भाई असलम मलिक के नाम पर नियमित कर दिया गया. बाद में उन्होंने सॉलिडस निवेश को अपने कब्जे में ले लिया, जिसमें एक शेड था. सलीम पटेल ने हसीना पारकर के इशारे पर काम किया और अतिक्रमण हटाने के लिए जमीन के वास्तविक मालिक मुनीरा प्लम्बर से पावर ऑफ अटॉर्नी हासिल की.

चार्जशीट में कहा गया है, आखिरकार आधी संपत्ति हसीना पारकर के पास थी और आधी संपत्ति नवाब मलिक के पास थी. बाद में नवाब मलिक ने बाकी संपत्ति हसीना पारकर से ले ली, जो कि अपराध की कमाई है. यह आरोप लगाया गया है कि अपराध की आय को दो कंपनियों सॉलिडस और मल्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से नियंत्रित किया जाता है, जिसके निदेशक नवाब मलिक, मलिक की पत्नी महजबीन और बेटे फराज और आमिर हैं.

नवाब मलिक से संबंधित वाणिज्यिक, कृषि और आवासीय संपत्तियों को ईडी द्वारा अस्थायी रूप से कुर्क किया गया था. हसीना पारकर ने नवाब मलिक के लाभकारी हितों के लिए सलीम पटेल के माध्यम से आयोजित संपत्ति में अपना हित भी स्थानांतरित कर दिया और नवाब मलिक ने नकद में हसीना पार्कर को पर्याप्त राशि (55 लाख रुपये) का भुगतान किया. 2005-06 में असलम मलिक, फराज मलिक के साथ, गोवावाला कंपाउंड के सौदे के लिए सलीम पटेल और हसीना पारकर से मिले थे. असलम ने पारकर को बताया था कि वह पारकर को 55 लाख रुपये (चेक में) और 5 लाख रुपये (नकद) दे रहे थे.

हसीना पारकर के बेटे अलीशाह पारकर ने पुष्टि की कि सलीम पटेल, जो हसीना के लिए काम करते थे, गोवावाला कंपाउंड विवाद को संभालते थे और मलिक ने उनसे संपत्ति ले ली. 1993 के ब्लास्ट केस में आरोपी सरदार खान गोवावाला कंपाउंड में रुकता था और मलिक उसके बारे में जानता था. सलीम पटेल राकांपा के सदस्य थे और हसीना पारकर के लिए काम करते थे, वह नवाब मलिक के साथ भी जुड़े हुए थे. हसीना पारकर, सलीम पटेल और नवाब मलिक ने गोवावाला कंपाउंड की 3 एकड़ जमीन हड़पने के लिए आपराधिक साजिश रची थी.

सरदार खान संपत्ति में शामिल था और संपत्ति हड़पने के बाद नवाब मल्लिक के लिए काम करता था. नवाब मलिक और हसीना पारकर आपराधिक साजिश में शामिल हो गए और नवाब ने पारकर को 55 लाख रुपये का भुगतान किया, जिसमें से 5 लाख रुपये नकद और चेक में क्रमश: फराज और असलम मलिक ने पारकर को और सलीम पटेल को 15 लाख रुपये और सरदार को 5 लाख रुपये का भुगतान किया.

सॉलिडस ने रजिस्ट्री दर के रूप में 20 लाख रुपये का भुगतान किया, जबकि वास्तविक दर 3.54 करोड़ रुपये थी. नवाब मल्लिक ने रजिस्ट्री मूल्य कम करने के लिए फर्जी किरायेदारों की शुरुआत की. जांच एजेंसियों द्वारा फराज को पांच बार, महजबीन को दो बार और आमिर को तीन बार समन भेजा गया था, लेकिन उनमें से कोई भी पेश नहीं हुआ.

आपको बता दें कि दाऊद की तीन बेटियां हैं. एक नाम मरुख, दूसरी का नाम महरीन और तीसरी का नाम माजिया है. मरुख की शादी क्रिकेटर जावेद मियादाद के बेटे से हुई है. दाऊद के बेटे का नाम मोहिन नवाज है. एजेंसी मानती है कि दाऊद जानबूझकर अपनी दूसरी शादी की खबर फैला रहा है, ताकि उसकी पहली पत्नी पर एजेंसी की नजर न रहे.

दाऊद इब्राहिम पिछले कई सालों से सामने नहीं आया है. उसके कभी दुबई में होने तो कभी कराची में होने के दावे किए जाते हैं. वह यूएन की आतंकी सूची में भी शामिल है. भारत में वह भगोड़ा घोषित है.

ये भी पढ़ें : ईडी की हिरासत में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद का भाई

नई दिल्ली : दाऊद इब्राहिम का भांजा अलीशाह पारकर एनआईए की गिरफ्त में है. सूत्रों के अनुसार उसने दाऊद से जुड़ी कई जानकारियां एजेंसी को दी हैं. उसके अनुसार दाऊद इब्राहिम ने पाकिस्तान में दूसरी शादी की है. उसने यह शादी एक पठान परिवार में की है. अलीशाह ने बताया कि दाऊद ने पहली पत्नी को तलाक नहीं दिया है.

दाऊद की पहली पत्नी का नाम महजबीन है. एनआईए को दिए गए बयान में भांजे ने बताया कि वह महजबीन से मिला है. उसने जून 2022 की मुलाकात को याद करते हुए कहा कि मैं बिजनेस के सिलसिले में दुबई गया था, वहीं पर उनसे मुलाकात हुई. उसने कहा कि महजबीन और मेरी पत्नी की बातचीत व्हाट्सएप के जरिए होती रहती है. उसने दावा किया कि दाऊद इस वक्त कराची में है. उसके अनुसार दाऊद के साथ हाजी अनीस और मुमताज रहीम फाफी रहते हैं. कराची के एक दरगाह के पीछे डिफेंस कालोनी में उनका मकान है.

आपको बता दें कि एनआईए ने दाऊद और उसके सहयोगियों के खिलाफ कई मामले दर्ज कर रखे हैं. दाऊद पर आरोप है कि वह एक बार फिर से सक्रिय हो रहा है. एनआईए के अनुसार वह भारत के बड़े नेताओं को टारगेट करना चाहता है. वह भारत में हिंसा भी फैला सकता है. दाऊद की बहन हसीना पारकर की मौत हो चुकी है. उसके बेटे अलीशाह पारकर ने अपना बयान दर्ज कराते हुए यह जानकारी दी है.

अलीशाह पारकर ने कहा कि दाऊद की पहली पत्नी को दाऊद की दूसरी शादी के बारे में पता है और वह अलग-अलग ऐप के जरिए दोनों के संपर्क में रहती है. यह दावा एनआईए ने दाऊद, राकांपा नेता नवाब मलिक और पारकर सहित अन्य के खिलाफ दर्ज एक आतंकी मामले के संबंध में दायर चार्जशीट में किया है. इससे पहले पारकर ने दावा किया था कि वह डॉन के संपर्क में नहीं थे. आरोप पत्र में कहा गया है कि भारत छोड़ने के बाद दाऊद छोटा शकील, अनीस इब्राहिम शेख, जावेद चिकना, टाइगर मेमन, इकबाल मिर्ची और हसीना पारकर के माध्यम से अपने गिरोह का संचालन कर रहा है.

एनआईए ने इस मामले में आरोप लगाया है कि आरोपियों ने डी-गैंग की मिलीभगत से नवाब मलिक के साथ 11.28 करोड़ रुपये की संपत्ति (गोआवाला कंपाउंड) हड़प ली. मलिक और हसीना पारकर की गोवावाला कंपाउंड पर नजर थी, और मलिक ने कुर्ला जनरल स्टोर पर अवैध रूप से कब्जा करके संपत्ति में घुसपैठ की, जिसे बाद में उनके भाई असलम मलिक के नाम पर नियमित कर दिया गया. बाद में उन्होंने सॉलिडस निवेश को अपने कब्जे में ले लिया, जिसमें एक शेड था. सलीम पटेल ने हसीना पारकर के इशारे पर काम किया और अतिक्रमण हटाने के लिए जमीन के वास्तविक मालिक मुनीरा प्लम्बर से पावर ऑफ अटॉर्नी हासिल की.

चार्जशीट में कहा गया है, आखिरकार आधी संपत्ति हसीना पारकर के पास थी और आधी संपत्ति नवाब मलिक के पास थी. बाद में नवाब मलिक ने बाकी संपत्ति हसीना पारकर से ले ली, जो कि अपराध की कमाई है. यह आरोप लगाया गया है कि अपराध की आय को दो कंपनियों सॉलिडस और मल्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से नियंत्रित किया जाता है, जिसके निदेशक नवाब मलिक, मलिक की पत्नी महजबीन और बेटे फराज और आमिर हैं.

नवाब मलिक से संबंधित वाणिज्यिक, कृषि और आवासीय संपत्तियों को ईडी द्वारा अस्थायी रूप से कुर्क किया गया था. हसीना पारकर ने नवाब मलिक के लाभकारी हितों के लिए सलीम पटेल के माध्यम से आयोजित संपत्ति में अपना हित भी स्थानांतरित कर दिया और नवाब मलिक ने नकद में हसीना पार्कर को पर्याप्त राशि (55 लाख रुपये) का भुगतान किया. 2005-06 में असलम मलिक, फराज मलिक के साथ, गोवावाला कंपाउंड के सौदे के लिए सलीम पटेल और हसीना पारकर से मिले थे. असलम ने पारकर को बताया था कि वह पारकर को 55 लाख रुपये (चेक में) और 5 लाख रुपये (नकद) दे रहे थे.

हसीना पारकर के बेटे अलीशाह पारकर ने पुष्टि की कि सलीम पटेल, जो हसीना के लिए काम करते थे, गोवावाला कंपाउंड विवाद को संभालते थे और मलिक ने उनसे संपत्ति ले ली. 1993 के ब्लास्ट केस में आरोपी सरदार खान गोवावाला कंपाउंड में रुकता था और मलिक उसके बारे में जानता था. सलीम पटेल राकांपा के सदस्य थे और हसीना पारकर के लिए काम करते थे, वह नवाब मलिक के साथ भी जुड़े हुए थे. हसीना पारकर, सलीम पटेल और नवाब मलिक ने गोवावाला कंपाउंड की 3 एकड़ जमीन हड़पने के लिए आपराधिक साजिश रची थी.

सरदार खान संपत्ति में शामिल था और संपत्ति हड़पने के बाद नवाब मल्लिक के लिए काम करता था. नवाब मलिक और हसीना पारकर आपराधिक साजिश में शामिल हो गए और नवाब ने पारकर को 55 लाख रुपये का भुगतान किया, जिसमें से 5 लाख रुपये नकद और चेक में क्रमश: फराज और असलम मलिक ने पारकर को और सलीम पटेल को 15 लाख रुपये और सरदार को 5 लाख रुपये का भुगतान किया.

सॉलिडस ने रजिस्ट्री दर के रूप में 20 लाख रुपये का भुगतान किया, जबकि वास्तविक दर 3.54 करोड़ रुपये थी. नवाब मल्लिक ने रजिस्ट्री मूल्य कम करने के लिए फर्जी किरायेदारों की शुरुआत की. जांच एजेंसियों द्वारा फराज को पांच बार, महजबीन को दो बार और आमिर को तीन बार समन भेजा गया था, लेकिन उनमें से कोई भी पेश नहीं हुआ.

आपको बता दें कि दाऊद की तीन बेटियां हैं. एक नाम मरुख, दूसरी का नाम महरीन और तीसरी का नाम माजिया है. मरुख की शादी क्रिकेटर जावेद मियादाद के बेटे से हुई है. दाऊद के बेटे का नाम मोहिन नवाज है. एजेंसी मानती है कि दाऊद जानबूझकर अपनी दूसरी शादी की खबर फैला रहा है, ताकि उसकी पहली पत्नी पर एजेंसी की नजर न रहे.

दाऊद इब्राहिम पिछले कई सालों से सामने नहीं आया है. उसके कभी दुबई में होने तो कभी कराची में होने के दावे किए जाते हैं. वह यूएन की आतंकी सूची में भी शामिल है. भारत में वह भगोड़ा घोषित है.

ये भी पढ़ें : ईडी की हिरासत में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद का भाई

Last Updated : Jan 17, 2023, 2:53 PM IST
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