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वैश्विक समुदाय को सुनिश्चित करना चाहिए कि दुनिया के सभी देशों में वैक्सीन पहुंचे : लोक सभा अध्यक्ष

लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पांचवें विश्व सम्मेलन (5WCSP) में भारत के अनुभव साझा किए. इस दौरान उन्होंने कहा कि महामारी के बाद वैश्विक स्तर पर आर्थिक सुधार के लिए सदस्य देशों के बीच समन्वय और सहयोग आवश्यक है. कोविड-19 महामारी के बाद अधिक न्यायसंगत और समतावादी विश्व के निर्माण के लिए वैश्विक और राष्ट्रीय सुधारों पर जोर देना चाहिए.

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Published : Sep 7, 2021, 9:09 PM IST

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नई दिल्ली : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद के अध्यक्षों के पांचवें विश्व सम्मेलन (5डब्ल्यूसीएसपी) में कोविड-19 महामारी से उपजी चुनौतियों का सामना करने के लिए विश्व स्तर पर की गई कार्रवाई और जनता की सहायता करने में बहुपक्षवादी कार्यनीति की सफलता विषय पर आयोजित आम चर्चा में भाग लिया.

उन्होंने भारत के अनुभव साझा करते समय कहा कि भारत में कोविड-19 का मुकाबला करने की रणनीति में लोगों को केंद्र में रखा गया है. लोक सभा अध्यक्ष ने इटली, मंगोलिया और गयाना के पीठासीन अधिकारियों से भी मुलाकात की.

महामारी के दौरान भारत द्वारा की गई कार्यवाही का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि इस महामारी के दौरान भारत ने मानवता की रक्षा के लिए शीघ्र सहायता पहुंचाने और राहत कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाई है. उन्होंने यह भी कहा कि हमने वैश्विक स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के रूप में 150 से अधिक देशों को वैक्सीन, दवाओं और अन्य उपकरणों की आपूर्ति की है.

बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि महामारी के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार और पुनरुत्थान के लिए सदस्य देशों के बीच समन्वय और सहयोग आवश्यक है. बिरला ने आगे कहा कि विश्व को इस महामारी से सीख लेनी चाहिए. उन्होंने आगाह किया कि इस वायरस के अधिक घातक वेरिएन्ट आने की स्थिति में वैश्विक समुदाय को यह सुनिश्चित करना होगा कि दुनिया के सभी देशों में वैक्सीन समान रूप से वितरित किए जाएं.

बिरला ने यह भी कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद अधिक न्यायसंगत और समतावादी विश्व के निर्माण के लिए वैश्विक और राष्ट्रीय सुधारों पर जोर दिया जाना चाहिए. बिरला ने इस बात का उल्लेख भी किया कि भारत ने कोविड से निपटने में सक्रिय रूप से कार्यवाही की और महामारी का मुकाबला करने के प्रयासों में विशेष रूप से लोगों और समुदायों को केंद्र में रखा.

बिरला ने कहा कि महामारी के शुरुआती दिनों में भारत द्वारा किए गए उपायों से हमें इस वायरस से लड़ने के लिए अपनी रणनीति तैयार करने और संसाधन जुटाने के लिए अपेक्षित समय मिला. बिरला ने इस बात का उल्लेख भी किया कि भारत में स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के विकास पर जोर दिया गया और महामारी से लड़ने के लिए पीपीई किट, मास्क, फेस-कवर, डायग्नोस्टिक्स, ऑक्सीजन, दवाएं, वेंटिलेटर और अन्य सामान की उत्पादन क्षमता को बढ़ाया गया.

इस बात की जानकारी देते हुए कि भारत ने प्रारंभिक लॉकडाउन के बाद चरणबद्ध ढंग से आर्थिक कार्यकलापों को फिर से शुरू किया, बिरला ने प्रतिनिधियों को बताया कि लोगों को अपेक्षित राहत प्रदान करने के लिए तुरंत दो प्रमुख आर्थिक प्रोत्साहन पैकेजों की घोषणा की गई. उन्होंने बताया कि इन पैकेजों में 110 बिलियन डॉलर की आत्मनिर्भर भारत योजना, जो भारत की जीडीपी के 10 प्रतिशत के बराबर है और 23 बिलियन डॉलर की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना राहत पैकेज शामिल हैं.

बिरला ने इस बात का उल्लेख भी किया कि भारत में दुनिया का सबसे बड़ा निशुल्क टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. जिसके अंतर्गत वर्ष के अंत तक 900 मिलियन लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य है. बिरला ने कहा कि देशवासियों के दृढ़ निश्चय और इच्छाशक्ति से भारत इस बड़े लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है.

यह भी पढ़ें-मतभेद के बावजूद इस मामले में 'नेहरू' का पूरा समर्थन किया था पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने

संसद के अध्यक्षों के पांचवें विश्व सम्मेलन में भाग लेने के साथ ही लोक सभा अध्यक्ष बिरला ने इटली, मंगोलिया और गयाना की संसदों के पीठासीन अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं तथा साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, जमीनी स्तर पर लोकतांत्रिक लोकाचार को मजबूत करने, महिला सशक्तिकरण और सांस्कृतिक, आर्थिक, राजनयिक और अन्य क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता के बारे में चर्चा की.

नई दिल्ली : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद के अध्यक्षों के पांचवें विश्व सम्मेलन (5डब्ल्यूसीएसपी) में कोविड-19 महामारी से उपजी चुनौतियों का सामना करने के लिए विश्व स्तर पर की गई कार्रवाई और जनता की सहायता करने में बहुपक्षवादी कार्यनीति की सफलता विषय पर आयोजित आम चर्चा में भाग लिया.

उन्होंने भारत के अनुभव साझा करते समय कहा कि भारत में कोविड-19 का मुकाबला करने की रणनीति में लोगों को केंद्र में रखा गया है. लोक सभा अध्यक्ष ने इटली, मंगोलिया और गयाना के पीठासीन अधिकारियों से भी मुलाकात की.

महामारी के दौरान भारत द्वारा की गई कार्यवाही का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि इस महामारी के दौरान भारत ने मानवता की रक्षा के लिए शीघ्र सहायता पहुंचाने और राहत कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाई है. उन्होंने यह भी कहा कि हमने वैश्विक स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के रूप में 150 से अधिक देशों को वैक्सीन, दवाओं और अन्य उपकरणों की आपूर्ति की है.

बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि महामारी के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार और पुनरुत्थान के लिए सदस्य देशों के बीच समन्वय और सहयोग आवश्यक है. बिरला ने आगे कहा कि विश्व को इस महामारी से सीख लेनी चाहिए. उन्होंने आगाह किया कि इस वायरस के अधिक घातक वेरिएन्ट आने की स्थिति में वैश्विक समुदाय को यह सुनिश्चित करना होगा कि दुनिया के सभी देशों में वैक्सीन समान रूप से वितरित किए जाएं.

बिरला ने यह भी कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद अधिक न्यायसंगत और समतावादी विश्व के निर्माण के लिए वैश्विक और राष्ट्रीय सुधारों पर जोर दिया जाना चाहिए. बिरला ने इस बात का उल्लेख भी किया कि भारत ने कोविड से निपटने में सक्रिय रूप से कार्यवाही की और महामारी का मुकाबला करने के प्रयासों में विशेष रूप से लोगों और समुदायों को केंद्र में रखा.

बिरला ने कहा कि महामारी के शुरुआती दिनों में भारत द्वारा किए गए उपायों से हमें इस वायरस से लड़ने के लिए अपनी रणनीति तैयार करने और संसाधन जुटाने के लिए अपेक्षित समय मिला. बिरला ने इस बात का उल्लेख भी किया कि भारत में स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के विकास पर जोर दिया गया और महामारी से लड़ने के लिए पीपीई किट, मास्क, फेस-कवर, डायग्नोस्टिक्स, ऑक्सीजन, दवाएं, वेंटिलेटर और अन्य सामान की उत्पादन क्षमता को बढ़ाया गया.

इस बात की जानकारी देते हुए कि भारत ने प्रारंभिक लॉकडाउन के बाद चरणबद्ध ढंग से आर्थिक कार्यकलापों को फिर से शुरू किया, बिरला ने प्रतिनिधियों को बताया कि लोगों को अपेक्षित राहत प्रदान करने के लिए तुरंत दो प्रमुख आर्थिक प्रोत्साहन पैकेजों की घोषणा की गई. उन्होंने बताया कि इन पैकेजों में 110 बिलियन डॉलर की आत्मनिर्भर भारत योजना, जो भारत की जीडीपी के 10 प्रतिशत के बराबर है और 23 बिलियन डॉलर की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना राहत पैकेज शामिल हैं.

बिरला ने इस बात का उल्लेख भी किया कि भारत में दुनिया का सबसे बड़ा निशुल्क टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. जिसके अंतर्गत वर्ष के अंत तक 900 मिलियन लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य है. बिरला ने कहा कि देशवासियों के दृढ़ निश्चय और इच्छाशक्ति से भारत इस बड़े लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है.

यह भी पढ़ें-मतभेद के बावजूद इस मामले में 'नेहरू' का पूरा समर्थन किया था पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने

संसद के अध्यक्षों के पांचवें विश्व सम्मेलन में भाग लेने के साथ ही लोक सभा अध्यक्ष बिरला ने इटली, मंगोलिया और गयाना की संसदों के पीठासीन अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं तथा साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, जमीनी स्तर पर लोकतांत्रिक लोकाचार को मजबूत करने, महिला सशक्तिकरण और सांस्कृतिक, आर्थिक, राजनयिक और अन्य क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता के बारे में चर्चा की.

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