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गोरखा जन मुक्ति मोर्चा अध्यक्ष बिमल गुरुंग का अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल

गोरखा जन मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष बिमल गुरुंग आज से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे. उनकी मांग है कि गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन चुनाव को टाला जाए.

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Published : May 25, 2022, 9:58 AM IST

गोरखा जन मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष बिमल गुरुंग
गोरखा जन मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष बिमल गुरुंग

दार्जिलिंग : गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के अध्यक्ष बिमल गुरुंग गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन (जीटीए) चुनाव और अन्य मुद्दों के खिलाफ आज यानी बुधवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे. GTA (दार्जिलिंग हिल्स के प्रशासन के लिए एक स्वायत्त निकाय) के चुनाव अगले माह प्रस्तावित है. बता दें कि जीटीए का गठन 2011 मे हुआ था और साल 2017 से इसका चुनाव नहीं हुआ है.

मीडिया से बातचीत करते हुए बिमल गुरुंग ने कहा, "हमारी पहली मांग जीटीए चुनाव का विरोध करने और जीटीए में 396 गोरखा बहुमत वाले मौजों को शामिल किया जाए. हमारी सभी मांगों को पहले पूरा किया जाना चाहिए." इस बीच भाजपा और उनके सहयोगी जीएनएलएफ और सीपीआरएम सहित कई राजनीतिक दलों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे जीटीए चुनाव नहीं लड़ेंगे. यहां तक ​​कि दार्जिलिंग के सांसद राजू बिस्टा ने भी स्पष्ट कर दिया है कि टीएमसी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को जीटीए चुनाव कराने से रोकने के लिए कानूनी लड़ाई चल रही है.

ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार ने जून में गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन (जीटीए) में चुनाव कराने की घोषणा की है. बिमल गुरुंग ने इससे पहले पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उनसे जीटीए चुनाव को तब तक स्थगित रखने का अनुरोध किया है जब तक कि पार्टी द्वारा सरकार को सौंपे गए मेमोरेंडम ऑफ प्रपोजल (एमओपी) को लागू नहीं किया जाता है.

MoP ने 396 गोरखा बहुल मौजों को इसमें शामिल करने की भी मांग की. वह बुधवार सुबह 11 बजे भूख हड़ताल पर बैठेंगे. बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले बिमल गुरुंग ने भाजपा से नाता तोड़ लिया और ममता बनर्जी से हाथ मिला लिया. जीटीए का गठन 2011 में हुआ था और साल 2017 से चुनाव रुका हुआ है. जीटीए सभा में 45 निर्वाचित सदस्य हैं और पांच अन्य राज्यपाल द्वारा मनोनीत हैं.

यह भी पढ़ें-पश्चिम बंगाल में भाजपा को जनता का समर्थन नहीं : बिमल गुरुंग

एएनआई

दार्जिलिंग : गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के अध्यक्ष बिमल गुरुंग गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन (जीटीए) चुनाव और अन्य मुद्दों के खिलाफ आज यानी बुधवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे. GTA (दार्जिलिंग हिल्स के प्रशासन के लिए एक स्वायत्त निकाय) के चुनाव अगले माह प्रस्तावित है. बता दें कि जीटीए का गठन 2011 मे हुआ था और साल 2017 से इसका चुनाव नहीं हुआ है.

मीडिया से बातचीत करते हुए बिमल गुरुंग ने कहा, "हमारी पहली मांग जीटीए चुनाव का विरोध करने और जीटीए में 396 गोरखा बहुमत वाले मौजों को शामिल किया जाए. हमारी सभी मांगों को पहले पूरा किया जाना चाहिए." इस बीच भाजपा और उनके सहयोगी जीएनएलएफ और सीपीआरएम सहित कई राजनीतिक दलों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे जीटीए चुनाव नहीं लड़ेंगे. यहां तक ​​कि दार्जिलिंग के सांसद राजू बिस्टा ने भी स्पष्ट कर दिया है कि टीएमसी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को जीटीए चुनाव कराने से रोकने के लिए कानूनी लड़ाई चल रही है.

ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार ने जून में गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन (जीटीए) में चुनाव कराने की घोषणा की है. बिमल गुरुंग ने इससे पहले पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उनसे जीटीए चुनाव को तब तक स्थगित रखने का अनुरोध किया है जब तक कि पार्टी द्वारा सरकार को सौंपे गए मेमोरेंडम ऑफ प्रपोजल (एमओपी) को लागू नहीं किया जाता है.

MoP ने 396 गोरखा बहुल मौजों को इसमें शामिल करने की भी मांग की. वह बुधवार सुबह 11 बजे भूख हड़ताल पर बैठेंगे. बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले बिमल गुरुंग ने भाजपा से नाता तोड़ लिया और ममता बनर्जी से हाथ मिला लिया. जीटीए का गठन 2011 में हुआ था और साल 2017 से चुनाव रुका हुआ है. जीटीए सभा में 45 निर्वाचित सदस्य हैं और पांच अन्य राज्यपाल द्वारा मनोनीत हैं.

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