बारां. राजस्थान के बारां के सहरिया इलाके में एक बच्ची की मौत के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप (girl child death in Baran) मच गया. सूचना पर जिला कलेक्टर, सीएमएचओ मामले की जांच करने शाहबाद पहुंचे. इस दौरान कलेक्टर नरेंद्र गुप्ता ने बताया कि इस बच्ची की मौत कुपोषण (baran administration deny from malnutrition) से नहीं हुई है. हालांकि मृत बच्ची की बड़ी बहन कुपोषित है जिसका इलाज कराने के लिए उसे एमटीसी केंद्र बारां अस्पताल में भर्ती करवाया जाएगा.
कलेक्टर का कहना है कि बच्ची के पिछले तीन-चार दिन से उल्टी दस्त हो रहे थे. उसे चिकित्सक का इलाज न करवाकर परिजन देसी इलाज ही ले रहे थे. इसके चलते बच्ची की तबीयत बिगड़ती रही और 7 जुलाई को उसने दम तोड़ दिया था. समरानिया निवासी पपीता सहरिया पत्नी गोवर्धन टीबी की मरीज है. वह बीते करीब 8 महीने से अपने पीहर देवरी ही रह रही थी. उसके तीन बच्चे हैं.
मृत बालिका बिंदिया की मां पपीता सहरिया ने आरोप लगाया है कि उन्हें आंगनबाड़ी से पोषक आहार नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि उनका रजिस्ट्रेशन समरानिया में है, लेकिन वे बीते कई महीनों से शाहबाद तहसील के देवरी रह रही है. इसके चलते ही उन्हें आंगनबाड़ी केंद्रों से मिलने वाला पौष्टिक आहार नहीं मिल रहा है.
पढ़ें. हनुमानगढ़ में गर्भवती महिलाओं को कीडे़ लगे और खराब पोषाहार वितरित
बारां अस्पताल में करवाएंगे इलाजः जांच के लिए जिला कलेक्टर नरेंद्र गुप्ता, एडीएम शाहबाद (सहरिया विकास) राहुल मल्होत्रा व बीसीएमएचओ डॉ. आरिफ शेख परिवार के पास पहुंचे थे. जिला कलेक्टर नरेंद्र गुप्ता का कहना है कि पूरे परिवार को ही डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल बारां में भेजा जा रहा है. जहां पर उनका आगे का इलाज होगा. उन्होंने कहा कि मृतक बालिका की बड़ी बहन कुपोषित है. उसे एमटीसी केंद्र बारां अस्पताल में भर्ती करवाया जाएगा. वहीं छोटा बच्चा अभी डेढ़ महीने का ही है, वह मदर फीड लेता है. यह बालक भी अंडर वेट है, वह ब्रेस्ट फीड से रिकवर हो जाएगा. कलेक्टर गुप्ता का कहना है कि मां पपीता सहरिया का भी टीबी का इलाज चल रहा है. वह पूरी दवा ले रही है.
पूरा इलाज नहीं लेने के चलते हुई है घटनाः सीएमएचओ डॉ संपतराज नागर का कहना है कि सहरिया परिवार से जुड़ी हुई बालिका है. यह पूरा इलाज नहीं ले रही थी. बालिका उल्टी और दस्त की बीमारी से पीड़ित थी. यह कुपोषित श्रेणी में शामिल भी नहीं थी. डॉ. नागर का कहना है कि बालिका पहले भी बीमार हुई थी. जिसे केलवाड़ा अस्पताल लाया गया था, लेकिन पूरा इलाज नहीं करवाया गया.