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अनु. 370 की बहाली अब संभव नहीं, किसी को गुमराह नहीं करूंगा : गुलाम नबी आजाद

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि नए राजनीतिक दल का एजेंडा जम्मू कश्मीर के राज्य के दर्जे की बहाली और लोगों की नौकरी तथा भूमि अधिकारों के लिए संघर्ष करना होगा. उत्तरी कश्मीर के बारामूला में डाक बंगला में एक जनसभा को संबोधित करते हुए आजाद ने कहा कि उनकी नई पार्टी अपने नाम की तरह अपनी विचारधारा और सोच में 'आजाद' होगी. उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई यह कहता है कि वह 370 की बहाली कर देगा, तो वह गलत है, क्योंकि अब यह संभव नहीं है.

जम्मू कश्मीर
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Published : Sep 11, 2022, 6:12 PM IST

Updated : Sep 11, 2022, 7:14 PM IST

बारामूला : कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद ने अपनी पार्टी बनाने की तैयारियों के बीच रविवार को कहा कि वह अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर लोगों को गुमराह नहीं करेंगे, क्योंकि संसद में केवल दो तिहाई बहुमत वाली सरकार ही प्रावधान की बहाली सुनिश्चित कर सकती है. आजाद ने पिछले महीने कांग्रेस छोड़ने के बाद कश्मीर घाटी में अपनी पहली रैली कहा, "आजाद जानता है कि क्या किया जा सकता है और क्या नहीं. मैं या कांग्रेस पार्टी या तीन क्षेत्रीय दल आपको अनुच्छेद 370 वापस नहीं दे सकते, न ही (टीएमसी प्रमुख) ममता बनर्जी, या द्रमुक या (राकांपा प्रमुख) शरद पवार." पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह ऐसे मुद्दे नहीं उठाएंगे, जिन पर उनका कोई नियंत्रण नहीं है.

वहीं, हाल में कांग्रेस छोड़ने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने रविवार को कहा कि वह 10 दिन के भीतर अपनी नई राजनीतिक पार्टी के गठन की घोषणा करेंगे और जोर दिया कि इसकी विचारधारा ‘आजाद’ होगी. जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि नए राजनीतिक दल का एजेंडा जम्मू कश्मीर के राज्य के दर्जे की बहाली और लोगों की नौकरी तथा भूमि अधिकारों के लिए संघर्ष करना होगा. उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने सहयोगियों को धन्यवाद देता हूं, जो मेरे साथ खड़े हैं और मेरी नयी पार्टी का आधार हैं, जिसकी घोषणा अगले 10 दिन के भीतर की जाएगी.’’

उत्तरी कश्मीर में डाक बंगला-बारामूला में जनसभा को संबोधित करते गुलाम नबी आजाद

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने उत्तरी कश्मीर में डाक बंगला-बारामूला में एक जनसभा में कहा, "कुछ लोग कह रहे हैं कि मैं अनुच्छेद 370 के बारे में बात नहीं करता हूं. मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि आजाद चुनावी फायदे के लिए लोगों को बेवकूफ नहीं बनाता है." उन्होंने कहा, "मैं अल्लाह के सामने कसम खाता हूं कि मैं आपको गुमराह नहीं करूंगा. मैं ऐसे नारे या मुद्दे नहीं उठाऊंगा, जिन पर मेरा कोई नियंत्रण नहीं है." आजाद ने कहा कि संसद में केवल दो-तिहाई बहुमत वाली पार्टी ही पूर्ववर्ती राज्य का विशेष दर्जा बहाल कर सकती है, जिसे केंद्र ने अगस्त 2019 में रद्द कर दिया था.

उन्होंने कहा, "कांग्रेस पार्टी की हर राज्य में हार के साथ राज्यसभा में उसकी ताकत कम हो रही है ...मुझे नहीं लगता कि कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में 350 से ज्यादा सीट मिल सकती हैं.’’ आजाद ने कहा, "मैं यह कहां से हासिल कर सकता हूं? लोगों को गुमराह क्यों करूं." अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी के इस आरोप का जिक्र करते हुए कि आजाद ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के पक्ष में मतदान किया था, उन्होंने कहा कि बुखारी को पहले यह समझना चाहिए कि संसद कैसे काम करती है. आजाद ने कहा, "मैंने गृह मंत्रालय द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए लाए गए विधेयक के खिलाफ मतदान किया था."

आजाद ने कहा कि उनकी नई पार्टी अपने नाम की तरह अपनी विचारधारा और सोच में 'आजाद' होगी. उन्होंने कहा, ‘‘मेरी पार्टी आजाद होगी. मेरे कई सहयोगियों ने कहा कि हमें पार्टी का नाम आजाद रखना चाहिए. लेकिन, मैंने कहा कभी नहीं. लेकिन, इसकी विचारधारा स्वतंत्र होगी, जो किसी अन्य में शामिल या विलय नहीं होगी. ऐसा मेरी मृत्यु के बाद हो सकता है, लेकिन तब तक नहीं.’’ उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने और लोगों की नौकरी और भूमि अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करने पर जोर दिया जाएगा.

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी पार्टी विकासोन्मुखी होगी. इसका एजेंडा लोगों को रोजगार के अवसर प्रदन करना होगा. वह किसी भी राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं हैं, चाहे वह राष्ट्रीय हो या क्षेत्रीय. विभिन्न दलों में कई लोग मेरे दोस्त हैं.’’ आजाद ने 26 अगस्त को कांग्रेस के साथ अपने पांच दशक लंबे संबंध को तोड़ते हुए कहा कि पार्टी ‘‘पूरी तरह खत्म हो चुकी है.’’ उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर पार्टी के पूरे परामर्श तंत्र को ‘‘ध्वस्त’’ करने का आरोप लगाया था.

बारामूला : कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद ने अपनी पार्टी बनाने की तैयारियों के बीच रविवार को कहा कि वह अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर लोगों को गुमराह नहीं करेंगे, क्योंकि संसद में केवल दो तिहाई बहुमत वाली सरकार ही प्रावधान की बहाली सुनिश्चित कर सकती है. आजाद ने पिछले महीने कांग्रेस छोड़ने के बाद कश्मीर घाटी में अपनी पहली रैली कहा, "आजाद जानता है कि क्या किया जा सकता है और क्या नहीं. मैं या कांग्रेस पार्टी या तीन क्षेत्रीय दल आपको अनुच्छेद 370 वापस नहीं दे सकते, न ही (टीएमसी प्रमुख) ममता बनर्जी, या द्रमुक या (राकांपा प्रमुख) शरद पवार." पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह ऐसे मुद्दे नहीं उठाएंगे, जिन पर उनका कोई नियंत्रण नहीं है.

वहीं, हाल में कांग्रेस छोड़ने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने रविवार को कहा कि वह 10 दिन के भीतर अपनी नई राजनीतिक पार्टी के गठन की घोषणा करेंगे और जोर दिया कि इसकी विचारधारा ‘आजाद’ होगी. जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि नए राजनीतिक दल का एजेंडा जम्मू कश्मीर के राज्य के दर्जे की बहाली और लोगों की नौकरी तथा भूमि अधिकारों के लिए संघर्ष करना होगा. उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने सहयोगियों को धन्यवाद देता हूं, जो मेरे साथ खड़े हैं और मेरी नयी पार्टी का आधार हैं, जिसकी घोषणा अगले 10 दिन के भीतर की जाएगी.’’

उत्तरी कश्मीर में डाक बंगला-बारामूला में जनसभा को संबोधित करते गुलाम नबी आजाद

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने उत्तरी कश्मीर में डाक बंगला-बारामूला में एक जनसभा में कहा, "कुछ लोग कह रहे हैं कि मैं अनुच्छेद 370 के बारे में बात नहीं करता हूं. मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि आजाद चुनावी फायदे के लिए लोगों को बेवकूफ नहीं बनाता है." उन्होंने कहा, "मैं अल्लाह के सामने कसम खाता हूं कि मैं आपको गुमराह नहीं करूंगा. मैं ऐसे नारे या मुद्दे नहीं उठाऊंगा, जिन पर मेरा कोई नियंत्रण नहीं है." आजाद ने कहा कि संसद में केवल दो-तिहाई बहुमत वाली पार्टी ही पूर्ववर्ती राज्य का विशेष दर्जा बहाल कर सकती है, जिसे केंद्र ने अगस्त 2019 में रद्द कर दिया था.

उन्होंने कहा, "कांग्रेस पार्टी की हर राज्य में हार के साथ राज्यसभा में उसकी ताकत कम हो रही है ...मुझे नहीं लगता कि कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में 350 से ज्यादा सीट मिल सकती हैं.’’ आजाद ने कहा, "मैं यह कहां से हासिल कर सकता हूं? लोगों को गुमराह क्यों करूं." अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी के इस आरोप का जिक्र करते हुए कि आजाद ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के पक्ष में मतदान किया था, उन्होंने कहा कि बुखारी को पहले यह समझना चाहिए कि संसद कैसे काम करती है. आजाद ने कहा, "मैंने गृह मंत्रालय द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए लाए गए विधेयक के खिलाफ मतदान किया था."

आजाद ने कहा कि उनकी नई पार्टी अपने नाम की तरह अपनी विचारधारा और सोच में 'आजाद' होगी. उन्होंने कहा, ‘‘मेरी पार्टी आजाद होगी. मेरे कई सहयोगियों ने कहा कि हमें पार्टी का नाम आजाद रखना चाहिए. लेकिन, मैंने कहा कभी नहीं. लेकिन, इसकी विचारधारा स्वतंत्र होगी, जो किसी अन्य में शामिल या विलय नहीं होगी. ऐसा मेरी मृत्यु के बाद हो सकता है, लेकिन तब तक नहीं.’’ उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने और लोगों की नौकरी और भूमि अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करने पर जोर दिया जाएगा.

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी पार्टी विकासोन्मुखी होगी. इसका एजेंडा लोगों को रोजगार के अवसर प्रदन करना होगा. वह किसी भी राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं हैं, चाहे वह राष्ट्रीय हो या क्षेत्रीय. विभिन्न दलों में कई लोग मेरे दोस्त हैं.’’ आजाद ने 26 अगस्त को कांग्रेस के साथ अपने पांच दशक लंबे संबंध को तोड़ते हुए कहा कि पार्टी ‘‘पूरी तरह खत्म हो चुकी है.’’ उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर पार्टी के पूरे परामर्श तंत्र को ‘‘ध्वस्त’’ करने का आरोप लगाया था.

Last Updated : Sep 11, 2022, 7:14 PM IST
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