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माफिया मुख्तार अंसारी और भीम सिंह को 10-10 साल की कैद, सजा सुनते ही रो पड़ा बाहुबली - गाजीपुर एमपी एमएलए कोर्ट फैसला

गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी और उसके सहयोगी भीम सिंह को दोषी करार देते हुए 10-10 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 5-5 लाख का जुर्माना भी लगाया है.

माफिया मुख्तार अंसारी
माफिया मुख्तार अंसारी
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Published : Dec 15, 2022, 3:04 PM IST

गाजीपुर: बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी और उसके सहयोगी भीम सिंह को को बुधवार को गैंगेस्टर मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 10-10 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने 5-5 लाख का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट द्वारा फैसला सुनाते ही मुख्तार अंसारी रोने लगा.

उल्लेखनीय है कि मुख्तार पर दर्ज गैंगस्टर मामले में 25 नवंबर को फैसला सुनाया जाना था. लेकिन, संबंधित कोर्ट के जज के तबादले के कारण फैसले के लिए 15 दिसंबर की तारीख नियत की गई. वर्ष 1996 में सदर कोतवाली में मुख्तार अंसारी पर दर्ज गैंगस्टर केस में जिरह और गवाही सोमवार को पूरी कर ली गई थी. इसके बाद एमपी एमलए कोर्ट ने बुधवार को माफिया मुख्तार अंसारी और उसके सहयोगी भीम सिंह को दोषी करार दे दिया. इस मामले में कुल 11 गवाहों की गवाही हुई. कोर्ट ने दोनों को 10-10 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 5-5 लाख का जुर्माना भी लगाया है.

शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव ने बताया गाजीपुर में वर्ष 1996 में सदर कोतवाली में मुख्तार अंसारी और मुख्तार के सहयोगी भीम सिंह पर गैंगस्टर की धारा में केस दर्ज किया गया था. यह मामला गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में सोमवार को जिरह और गवाही पूरी हुई थी. इसके बाद अदालत ने पत्रावली पर फैसले के लिए 15 दिसंबर की तारीख नियत की थी. इस मामले में पूर्व में 25 नवंबर को ही फैसला आना था. लेकिन, पीठासीन अधिकारी का तबादला हो जाने से प्रक्रिया रुक गई थी.

यह भी पढ़ें: नगर पालिका अध्यक्ष बांदा की बर्खास्तगी का आदेश रद्द, इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला

शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि नए जज दुर्गेश पांडेय को एमपी एमएलए कोर्ट का चार्ज मिलने के बाद 5 दिसंबर से लगातार इस मामले की सुनवाई हुई. बचाव पक्ष की ओर से एक और वकील को जिरह में शामिल होने की अपील को कोर्ट ने ठुकरा दिया.

गाजीपुर: बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी और उसके सहयोगी भीम सिंह को को बुधवार को गैंगेस्टर मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 10-10 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने 5-5 लाख का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट द्वारा फैसला सुनाते ही मुख्तार अंसारी रोने लगा.

उल्लेखनीय है कि मुख्तार पर दर्ज गैंगस्टर मामले में 25 नवंबर को फैसला सुनाया जाना था. लेकिन, संबंधित कोर्ट के जज के तबादले के कारण फैसले के लिए 15 दिसंबर की तारीख नियत की गई. वर्ष 1996 में सदर कोतवाली में मुख्तार अंसारी पर दर्ज गैंगस्टर केस में जिरह और गवाही सोमवार को पूरी कर ली गई थी. इसके बाद एमपी एमलए कोर्ट ने बुधवार को माफिया मुख्तार अंसारी और उसके सहयोगी भीम सिंह को दोषी करार दे दिया. इस मामले में कुल 11 गवाहों की गवाही हुई. कोर्ट ने दोनों को 10-10 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 5-5 लाख का जुर्माना भी लगाया है.

शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव ने बताया गाजीपुर में वर्ष 1996 में सदर कोतवाली में मुख्तार अंसारी और मुख्तार के सहयोगी भीम सिंह पर गैंगस्टर की धारा में केस दर्ज किया गया था. यह मामला गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में सोमवार को जिरह और गवाही पूरी हुई थी. इसके बाद अदालत ने पत्रावली पर फैसले के लिए 15 दिसंबर की तारीख नियत की थी. इस मामले में पूर्व में 25 नवंबर को ही फैसला आना था. लेकिन, पीठासीन अधिकारी का तबादला हो जाने से प्रक्रिया रुक गई थी.

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शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि नए जज दुर्गेश पांडेय को एमपी एमएलए कोर्ट का चार्ज मिलने के बाद 5 दिसंबर से लगातार इस मामले की सुनवाई हुई. बचाव पक्ष की ओर से एक और वकील को जिरह में शामिल होने की अपील को कोर्ट ने ठुकरा दिया.

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