नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को 'मोदी सरनेम' मामले में सूरत की एक अदालत द्वारा दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद अब वह संसद में अपनी सदस्यता भी खो बेठे हैं. यहां तक कि उन्हें सरकारी बंगला भी खाली करना पड़ेगा. राहुल गांधी के इस मामले को लेकर कई देशों से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. अमेरिका के बाद अब जर्मन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पहली बार टिप्पणी की है.
उन्होंने कहा, "मानहानि मामले में राहुल गांधी के खिलाफ सुनाया गया फैसला और संसद से निलंबन पर हम संज्ञान ले रहे हैं. हमारी जानकारी के मुताबिक, राहुल गांधी इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे, जिसके बाद पता चलेगा कि ये फैसला सही है या नहीं और निलंबन का आधार क्या है. हम राहुल गांधी के मामले में न्यायिक स्वतंत्रता के मानकों और लोकतांत्रिक सिद्धांतों को विचार में रखे जाने की अपेक्षा करते हैं." जर्मन विदेश मंत्रालय के इस रेगुलर मीडिया ब्रीफिंग को बर्लिन से प्रसारित पब्लिक ब्रॉडकास्टर डीवाई के मुख्य अंतर्राष्ट्रीय संपादक रिचर्ड वॉकर ने ट्वीट किया है.
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NEW: Rahul Gandhi case
— Richard Walker (@rbsw) March 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
German Foreign Ministry spokesperson comments for first time:
- Takes note of verdict, suspension from parliament
- Appeal will show whether verdict stands & suspension has basis
- Expects standards of judicial independence & democratic principles to apply pic.twitter.com/dNZB6vflG2
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भाजपा और कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप : राहुल गांधी के मामले पर जर्मनी के इस बयान के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर देश के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप का आरोप लगाया. वहीं, विपक्ष ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा अडाणी मुद्दे से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है. जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की प्रतिक्रिया और रिचर्ड वॉकर के ट्वीट पर कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने रिट्वीट कर धन्यवाद दिया है. उन्होंने ट्वीट किया, 'राहुल गांधी के साथ अन्याय कर भारत में लोकतंत्र से समझौता किया जा रहा है. इस मामले का संज्ञान लेने के लिए जर्मन विदेश मंत्रालय और रिचर्ड वॉकर को धन्यवाद.'
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Thank you Germany Foreign Affairs Ministry and Richard Walker @rbsw for taking note of how the Democracy is being compromised in India through persecution of @RahulGandhi https://t.co/CNy6fPkBi3
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 30, 2023
वहीं, भाजपा के कई नेताओं ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि विपक्षी दल आंतरिक मुद्दों में विदेशी हस्तक्षेप को बुलावा दे रहे हैं. केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए कटाक्ष किया, 'भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के लिए विदेशी शक्तियों को आमंत्रित करने के लिए राहुल गांधी का धन्यवाद. लेकिन वे भी याद रखें, भारतीय न्यायपालिका विदेशी हस्तक्षेप से प्रभावित नहीं हो सकती है.'
रिजिजू के इस कटाक्ष का कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा, "रीजीजू जी, प्रमुख मसले से ध्यान क्यों हटा रहे हैं? मुद्दा यह है कि पीएम मोदी अडाणी मामले में राहुल गांधी के सवालों का जवाब नहीं दे सकते." उन्होंने कहा कि लोगों को गुमराह करने के बजाय कृपया प्रश्नों का उत्तर दीजिए. भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने भी सिंह के ट्वीट को टैग करते हुए कहा, "शर्म की बात है कि कांग्रेस लगातार विदेशी एजेंसियों का सहारा ले रही है और भारत के आंतरिक मामलों में उनका हस्तक्षेप चाह रही है." उन्होंने कहा, "राहुल गांधी ने हाल में यूरोप और अमेरिका से हस्तक्षेप को कहा था और अब दिग्विजय सिंह. लेकिन कानून तो कानून है."
भाजपा प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने भी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि पार्टी राहुल गांधी के मामले में जर्मनी और अमेरिका के बयान पर जश्न मना रही है जो उनकी राजनीतिक हताशा को दर्शाता है. उन्होंने कहा, "भारतीय मतदाताओं से नकारे जाने के बाद अब विदेशी शक्तियों द्वारा स्वीकार्यता की कोशिश करना कांग्रेस की दुखद वास्तविकता है. न्यायपालिका को कांग्रेस ब्रिगेड द्वारा अदालतों की छवि खराब किये जाने का संज्ञान लेना चाहिए." दिग्विजय के ट्वीट को टैग करते हुए भाजपा नेता विजय चौथाईवाले ने ट्वीट किया, "देखिए, दिग्विजय जी जर्मनी से आये बयान से कितने खुश हैं. यह केवल यही दिखाता है कि वे घरेलू मामलों में विदेशी एजेंसियों को शामिल करने के लिए कितने बेचैन हैं."
बता दें कि मानहानि के मामले में दो साल की सजा के बाद लोकसभा से अयोग्य घोषित किए गए कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ एकजुटता दिखाते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका ने कहा है कि वाशिंगटन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित लोकतांत्रिक सिद्धांतों और मानवाधिकारों की सुरक्षा के प्रति साझा प्रतिबद्धता पर भारत के साथ काम करना जारी रखेगा. इससे पहले इंडियन ओवरसीज कांग्रेस (आईओसी) यूके चैप्टर के सदस्य यहां पार्लियामेंट स्क्वायर पर महात्मा गांधी की प्रतिमा पर एकत्र होकर प्रदर्शन किया था. उन्होंने 'डरो मत' और 'इंडियन डेमोक्रेसी इन डेंजर' लिखे तख्तियों के साथ तिरंगा लिये समर्थक लंदन में संसद के सामने एकत्रित हुए थे.
पढ़ें : अमेरिका राहुल गांधी के अदालती मामले पर नजर रख रहा है: अमेरिकी अधिकारी
(एजेंसी-इनपुट)