नई दिल्ली: सरकारी सूत्रों ने शनिवार को कहा कि 2021 में एक भारतीय शिशु को उनके माता-पिता से अपनी अभिरक्षा में लेने वाली जर्मन एजेंसी के कदम का बचाव करने की खबर सही नहीं है और यह मुद्दे को उलझाने की कोशिश जान पड़ती है. सूत्रों ने बताया कि उस जर्मन एजेंसी ने किसी भी ऐसे भारतीय परिवार के बारे में नहीं बताया जो बच्चे की देखभाल का इच्छुक हो. उन्होंने कहा कि मुख्य मुद्दा यह बना हुआ है कि एक भारतीय बच्चे को भारत नहीं लौटने दिया जा रहा है. जर्मन अधिकारियों ने यह आरोप लगाते हुए बच्चे को बाल देखभाल केंद्र को सौंप दिया था कि उसके भारतीय माता-पिता उसे परेशान करते थे.
शुक्रवार को, भारत ने जर्मनी से यथाशीघ्र बच्चे को वापस भेजने की अपील की. भारत ने कहा कि बच्चे के लिए अपने भाषाई, धार्मिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक परिवेश में रहना जरूरी है. सूत्र ने कहा, ‘‘ अरिहा शाह मामले में जर्मन युवा एजेंसी के कदम का बचाव करने की खबर गलत है और यह इस मुद्दे को उलझाने की कोशिश जान पड़ती है. माता-पिता को मीडिया से संपर्क करने के लिए बाध्य किया गया क्योंकि एजेंसी जवाब नहीं दे रही है.’’
सूत्र ने कहा, ‘‘ किसी भी वक्त एजेंसी ने यह नहीं बताया कि कोई भारतीय परिवार बच्चे की देखभाल के लिए इच्छुक है. मुख्य मुद्दा यह बना हुआ है कि भारतीय बच्चे को भारत नहीं लौटने दिया जा रहा है.’’ शुक्रवार को मीडिया ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि जर्मन बाल देखभाल केंद्र में अरिहा का निरंतर रहना तथा ‘‘उसके सामाजिक, सांस्कृतिक एवं भाषाई अधिकार में दखल भारत सरकार एवं उसके माता-पिता के लिए चिंता का विषय है.’’
गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर अरिहा की स्वेदश वापसी में मदद मांगी थी. बागची ने कहा था, ‘‘ हम दोहराना चाहेंगे कि अरिहा शाह एक भारतीय नागरिक है और उसकी राष्ट्रीयता एवं उसकी सामाजिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि यह तय करने में निर्णायक है कि उसकी देखभाल कहां हो.’’
उन्होंने कहा था, ‘‘ हम जर्मन प्रशासन से वे सारे कदम उठाने की अपील करते हैं जो अरिहा को यथाशीघ्र भारत भेजने के लिए जरूरी है...हम उसकी भारत वापसी सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध हैं.’’
(पीटीआई-भाषा)
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