हैदराबाद : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने बृहस्पतिवार को कहा कि 21वीं सदी में जीनोमिक्स एक महत्वपूर्ण क्षेत्र होगा और इससे कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई व स्वास्थ्य सेवा में बड़े पैमाने पर मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा कि कोविड जीनोम अनुक्रमण के जरिए जीनोम के उस हिस्से का पता लगाया जा सकता है जो अक्सर नहीं बदल रहा है और इससे टीका के विकास में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) ने 1990 के दशक में देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उसी प्रकार 21वीं सदी में जीनोमिक्स एक प्रमुख क्षेत्र होगा और देश तथा सामाजिक विकास में अहम भूमिका निभाएगा.
सिंह ने कहा कि भविष्य में जलवायु परिवर्तन एक बड़ी समस्या होने जा रही है और जीनोमिक्स ऐसी चुनौतियों से लड़ने में भी मददगार साबित हो सकता है. उन्होंने यहां एनकेसी सेंटर फॉर जीनोमिक्स रिसर्च के उद्घाटन पर एक वीडियो संदेश में कहा, 'स्वास्थ्य और इलाज के साथ ही इसका उपयोग उत्पादकता बढ़ाने में भी किया जा सकता है.'
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के पूर्व (दिवंगत) सांसद नंद कुमार सिंह चौहान के नाम पर स्थापित एनकेसी केंद्र कोविड जीनोम अनुक्रमण में काम करेगा और लोगों का जीवन बचाने में मदद करेगा. सिंह ने उम्मीद जतायी कि इस केंद्र की स्थापना से अन्य देशों पर भारत की निर्भरता कम होगी.
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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डिजिटल तरीके से केंद्र का उद्घाटन किया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना किसानों की आय को दोगुना करने का है और इसके लिए उत्पादकता में वृद्धि, लागत में कमी और फसल के नुकसान को कम करने और फसलों की सही कीमत किसानों को सुनिश्चित करने के लिए प्रयासों की जरूरत है.
एनकेसी सेंटर की स्थापना न्यूक्लियोम इंफॉर्मेटिक्स ने की है जो एक प्रमुख जीनोमिक्स अनुसंधान सेवा प्रदाता है. न्यूक्लियोम ने एक विज्ञप्ति में कहा कि प्रयोगशाला नवीनतम तीसरी पीढ़ी का अनुक्रमण करेगी और 5000 कोविड जीनोम और 500 मानव जीनोम का अनुक्रमण कर महामारी से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. इसमें कहा गया है कि यह प्रयोगशाला कृषि, पशुपालन, और दवा में भारत की क्षमता को बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभाएगी.अगला एनकेसी सेंटर इंदौर में स्थापित किया जाएगा.
(पीटीआई-भाषा)