बाड़मेर. गलती से सीमा पार कर पाकिस्तान पुहंच गए गेमराराम की 27 महीने बाद रिहाई के बाद भारत वापसी हुई है. शनिवार को वह बाड़मेर पहुंचा तो अपने भाई से मिलते ही फफक पड़ा. गेमराराम ने भाई को पाक में हुए उसके साथ अमानवीय व्यवहार की दास्तां सुनाई तो परिजनों के रोंगटे खड़े हो गए. आंखों में आंसू लिए रुअंधे गले से गेमराराम ने बताया कि पाकिस्तान में 6 महीने तक उसके साथ रोज बेरहमी से मारपीट की गई. उसे रस्सी से उल्टा लटका कर पीटा गया.
जिले का गेमराराम 27 महीने पहले सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गया था. पाकिस्तान में उसे गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया था. 4 दिन पहले पाकिस्तान ने वाघा बॉर्डर पर गेमराराम को भारत के सुपुर्द किया था. इसके बाद पंजाब से बाड़मेर पुलिस गेमराराम को पॉक्सो एक्ट के तहत एक मामले में बाड़मेर लेकर पहुंची. पुलिस ने जिला अस्पताल में गेमराराम का मेडिकल करवाया. अब पुलिस गेमराराम को कोर्ट में पेश करेगी. इससे पहले जिला अस्पताल में गेमराराम जैसे ही अपने भाई से मिला तो गले लगकर फूट-फूटकर रोने लगा.
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पाक के अमानवीय व्यवहार की दास्तां
इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए गेमराराम ने पाकिस्तान में हुए जुल्म की रोंगटे खड़े करने वाली कहानी भी बयां की. उसने बताया कि गलती से वह सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गया था जिसके बाद वहां पर तैनात पाक रेंजर्स ने उसे पकड़ लिया और जेल में डाल दिया. गेमराराम ने बताया कि 6 महीने तक उसके साथ बेरहमी से मारपीट की गई. यह भी पता नहीं चलता था कि कब सूरज निकला और कब रात हो गई. उसकी आंखों पर पट्टी बांधकर उल्टा लटका कर पीटते थे. उससे पूछताछ करते थे कि पाकिस्तान क्यों आया है और किसने भेजा है.
गेमराराम का दावा, पाकिस्तान की जेल में बंद है 700 भारतीय!
गेमराराम ने बताया कि 6 महीनों के बाद उसे कराची जेल में बंद कर दिया गया था जहां करीब 21 महीने तक वह बंद रहा. गेमराराम की माने तो पाकिस्तान की जेल में करीब 700 भारतीय नागरिक बंद हैं जिन्हें काफी प्रताड़ना सहनी पड़ती है. उनकी हालत विक्षिप्त लोगों जैसी हो गई है. वह लोग भी पाकिस्तान से रिहा होकर अपने वतन हिन्दुस्तान लौटना चाहते हैं. वह मांग करते रहते हैं कि पाकिस्तान की सरकार उन्हें भी रिहा कर दें.
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गेमराराम के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में दर्ज है मामला: नाबालिग के साथ देखे जाने के बाद बालिका के परिजनों ने उसे दौ़ड़ाया तो 5 नवंबर 2020 को गेमराराम वहां से तारबंदी की तरफ भागा और भूलवश सरहद पार कर गया. इस घटना के बाद नाबालिग के परिजनों ने जनवरी 2021 में गेमराराम के खिलाफ जिले के बिजराड़ पुलिस थाने में पॉक्सों एक्ट में मामला दर्ज करवा दिया था. गेमराराम की वतन वापसी के बाद पुलिस ने उसे अपनी कस्टडी में ले लिया. पंजाब से आज पुलिस गेमराराम को बाड़मेर लेकर पहुंची है और मेडिकल करवाया गया है. अब गेमरा राम को कोर्ट में पेश किया जाएगा.
5 नवंबर 2020 को गलती से तारबंदी पार कर गेमराराम सरहद के पार चला गया था. 24 जनवरी 2021 से वह पाकिस्तान की जेल में बंद था. गेमराराम की वतन वापसी को लेकर केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी, पूर्व सासंद कर्नल मानवेंद्र सिंह सहित कई जनप्रतिनिधियों ने पत्र लिखे थे. गेमराराम के खिलाफ बाड़मेर में पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज हो रखा है. बेटे की वतन वापसी का इंतजार करते हुए कुछ महीने पहले ही गेमराराम के पिता की मौत गई थी. वहीं 14 फरवरी 2023 को पाकिस्तान ने गेमराराम को वाघा बॉर्डर से भारत को सुपुर्द किया था. इसके बाद वहां आवश्यक कार्यवाही पूर्ण होने के बाद पुलिस गेमराराम को बाड़मेर लेकर पहुंची है.