नई दिल्ली : कांग्रेस ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जून तिमाही में आर्थिक वृद्धि (GDP growth) दर 7.8 प्रतिशत रहने को लेकर गुरुवार को आरोप लगाया कि पिछले तीन वर्षों में यह सबसे कम जीडीपी वृद्धि दर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास चुनौतियों का कोई जवाब नहीं है.
-
This is QSQT(Quarter se Quarter Tak) time. Here are some plain facts:
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 31, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
1. Since Covid-19 recovery, starting 2021-22, the Q1 GDP growth rate has always been high because of the low base effect.
2. This year's Q1 GDP growth rate is the lowest in the past three years.
3.… pic.twitter.com/Rx33UHSjaV
">This is QSQT(Quarter se Quarter Tak) time. Here are some plain facts:
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 31, 2023
1. Since Covid-19 recovery, starting 2021-22, the Q1 GDP growth rate has always been high because of the low base effect.
2. This year's Q1 GDP growth rate is the lowest in the past three years.
3.… pic.twitter.com/Rx33UHSjaVThis is QSQT(Quarter se Quarter Tak) time. Here are some plain facts:
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 31, 2023
1. Since Covid-19 recovery, starting 2021-22, the Q1 GDP growth rate has always been high because of the low base effect.
2. This year's Q1 GDP growth rate is the lowest in the past three years.
3.… pic.twitter.com/Rx33UHSjaV
पार्टी महासचिव जयराम रमेश (jairam ramesh) ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'यहां 'क्वार्टर से क्वार्टर तक' (तिमाही दर तिमाही) कुछ स्पष्ट तथ्य दिए गए हैं. कोविड-19 महामारी के बाद 2021-22 की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने के शुरू हुए सिलसिले में कम आधार प्रभाव के कारण जीडीपी वृद्धि दर हमेशा ऊंची रही है.'
उन्होंने दावा किया, 'इस साल की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर पिछले तीन वर्षों में सबसे कम है. चाहे आप किसी भी तिमाही को देखें, जीडीपी वृद्धि में गिरावट का रुझान स्पष्ट रूप से दिखाई देता है. महामारी से पहले भी यही चलन था.'
रमेश का कहना है, 'लेकिन यहां मुख्य मुद्दा है, एकमात्र विकास जिसके बारे में भारत के लोग चिंतित हैं, वह है आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतें, युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी और उनकी आय में गिरावट के कारण बढ़ती असमानता.'
उन्होंने आरोप लगाया, 'इन कठिन चुनौतियों का प्रधानमंत्री के पास कोई जवाब नहीं है. उन्होंने अपना जनादेश बर्बाद कर दिया है और जनसांख्यिकीय लाभांश को भी बर्बाद कर दिया है. सुर्खियों और छवि का प्रबंधन अब काम नहीं करेगा. भारत आगे बढ़ने के लिए तैयार है.'
कृषि क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत रही. राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार बीते वित्त वर्ष 2022-23 की समान तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 13.1 प्रतिशत रही थी.
ये भी पढ़ें |
(पीटीआई-भाषा)