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गंगोत्री नेशनल पार्क सेना को देगा 51 हेक्टेयर भूमि, भारत-चीन सीमा पर बनेंगे बंकर-चौकियां

गंगोत्री नेशनल पार्क भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बंकर और चौकियां बनाने के लिए सेना को 51 हेक्टेयर जमीन देगा. पार्क प्रशासन की ओर से सेना के दिए प्रस्ताव पर कार्रवाई शुरू हो चुकी है. इससे पहले अंतराष्ट्रीय सीमा के अंतिम छोर पर अभी तक सेना को बंकर-चौकी के लिए भूमि उपलब्ध नहीं कराई गई थी.

Gangotri National Park
गंगोत्री नेशनल पार्क
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Published : Jun 19, 2023, 3:27 PM IST

Updated : Jun 19, 2023, 7:32 PM IST

गंगोत्री नेशनल पार्क सेना को देगा 51 हेक्टेयर भूमि

उत्तरकाशी (उत्तराखंड): भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण सेना के बंकर और चौकियों को बनाने के लिए उत्तराखंड के गंगोत्री नेशनल पार्क की और से सेना और आईटीबीपी को करीब 51 हेक्टेयर भूमि ट्रांसफर की जाएगी. इसके लिए पार्क प्रशासन की ओर से सेना के दिए प्रस्ताव पर कार्रवाई शुरू कर दी है. बता दें कि भारत-चीन अंतराष्ट्रीय सीमा के अंतिम छोर पर अभी तक सेना को बंकर और चौकियां बनाने के लिए पूरी भूमि उपलब्ध नहीं हो पाई थी. सैन्य अधिकारियों के प्रस्ताव पर यह लैंड ट्रांसफर के लिए पार्क प्रशासन ने यह प्रक्रिया शुरू कर दी है.

Gangotri National Park
सेना और आईटीबीपी को 51 हेक्टेयर भूमि गंगोत्री नेशनल पार्क प्रशासन देगा.

भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित नेलांग सहित जादूंग और सुमला पीडीए का क्षेत्र गंगोत्री नेशनल पार्क के अंतर्गत आता है. यहां पर भारतीय सेना सहित आईटीबीपी ने अपने कैंप और चौकियां सहित बंकर बनाए हुए हैं. वहीं इस बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चीन की बढ़ती गतिविधियों के बीच भारत सरकार भी सचेत हो गई है. भारत-सरकार और रक्षा मंत्रालय की ओर से भारत-चीन सीमा पर सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए योजनाएं तैयार की जा रही हैं. इसके तहत अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सेना और आईटीबीपी को बंकर और चौकियां बनाने के लिए स्थान चाहिए. उत्तरकाशी में सीमा का क्षेत्र गंगोत्री नेशनल पार्क के अंतर्गत आता है. जहां पर किसी भी प्रकार का निर्माण पार्क प्रशासन की अनुमति के बिना नहीं किया जा सकता है.

Gangotri National Park
भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बंकर और चौकियां बनाने के लिए भूमि दी जाएगी.

गंगोत्री नेशनल पार्क के उपनिदेशक आरएन पांडेय का कहना है कि अभी दो दिन पहले वन संरक्षक राजाजी टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट निदेशक डॉ. साकेत बडोला ने गंगोत्री नेशनल पार्क का निरीक्षण किया था. इस निरीक्षण के दौरान सैन्य अधिकारियों के साथ उन्होंने बैठक की थी. जिसमें सैन्य अधिकारियों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लैंड ट्रांसफर को लेकर उन्होंने भारत सरकार के साथ पत्राचार किया है. इस संबध में निदेशक ने गंगोत्री नेशनल पार्क के अधिकारियों को जल्द ही प्रक्रिया प्रारंभ करने का निर्देश दिया. उसके बाद गंगोत्री नेशनल पार्क ने लैंड ट्रांसफर के लिए प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है.

Gangotri National Park
भारत-चीन अंतराष्ट्रीय सीमा के अंतिम छोर पर अभी तक सेना को बंकर-चौकी के लिए भूमि नहीं दी गई थी.

चीनी सेना के घुसपैठ पर रखी जा सकेगी नजर: बताया जा रहा है कि उत्तरकाशी से सीमावर्ती क्षेत्र में सेना-आईटीबीपी आसानी से नजर रख सकती है. इसके लिए गंगोत्री नेशनल पार्क का एक क्षेत्र सेना के लिए बेहद मुफीद हो सकता है. इस सीमावर्ती क्षेत्र से चीन सटा हुआ है और समय-समय पर चीनी सेना को लेकर घुसपैठ से जुड़ी कई तरह की चर्चाएं होती रही है. इसको लेकर पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ डॉ. समीर सिन्हा बताते हैं कि फिलहाल प्रस्ताव वन विभाग को मिल चुका है और इस पर चर्चा चल रही है. विचारोंप्रांत ही भूमि के हस्तांतरण को लेकर दिए गए प्रस्ताव पर अंतिम मोहर लगेगी.

ये भी पढ़ेंः भीमताल का औद्योगिक क्षेत्र वीरान घाटी में तब्दील, विधायक राम सिंह कैड़ा ने उठाई ये मांग

गंगोत्री नेशनल पार्क सेना को देगा 51 हेक्टेयर भूमि

उत्तरकाशी (उत्तराखंड): भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण सेना के बंकर और चौकियों को बनाने के लिए उत्तराखंड के गंगोत्री नेशनल पार्क की और से सेना और आईटीबीपी को करीब 51 हेक्टेयर भूमि ट्रांसफर की जाएगी. इसके लिए पार्क प्रशासन की ओर से सेना के दिए प्रस्ताव पर कार्रवाई शुरू कर दी है. बता दें कि भारत-चीन अंतराष्ट्रीय सीमा के अंतिम छोर पर अभी तक सेना को बंकर और चौकियां बनाने के लिए पूरी भूमि उपलब्ध नहीं हो पाई थी. सैन्य अधिकारियों के प्रस्ताव पर यह लैंड ट्रांसफर के लिए पार्क प्रशासन ने यह प्रक्रिया शुरू कर दी है.

Gangotri National Park
सेना और आईटीबीपी को 51 हेक्टेयर भूमि गंगोत्री नेशनल पार्क प्रशासन देगा.

भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित नेलांग सहित जादूंग और सुमला पीडीए का क्षेत्र गंगोत्री नेशनल पार्क के अंतर्गत आता है. यहां पर भारतीय सेना सहित आईटीबीपी ने अपने कैंप और चौकियां सहित बंकर बनाए हुए हैं. वहीं इस बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चीन की बढ़ती गतिविधियों के बीच भारत सरकार भी सचेत हो गई है. भारत-सरकार और रक्षा मंत्रालय की ओर से भारत-चीन सीमा पर सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए योजनाएं तैयार की जा रही हैं. इसके तहत अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सेना और आईटीबीपी को बंकर और चौकियां बनाने के लिए स्थान चाहिए. उत्तरकाशी में सीमा का क्षेत्र गंगोत्री नेशनल पार्क के अंतर्गत आता है. जहां पर किसी भी प्रकार का निर्माण पार्क प्रशासन की अनुमति के बिना नहीं किया जा सकता है.

Gangotri National Park
भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बंकर और चौकियां बनाने के लिए भूमि दी जाएगी.

गंगोत्री नेशनल पार्क के उपनिदेशक आरएन पांडेय का कहना है कि अभी दो दिन पहले वन संरक्षक राजाजी टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट निदेशक डॉ. साकेत बडोला ने गंगोत्री नेशनल पार्क का निरीक्षण किया था. इस निरीक्षण के दौरान सैन्य अधिकारियों के साथ उन्होंने बैठक की थी. जिसमें सैन्य अधिकारियों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लैंड ट्रांसफर को लेकर उन्होंने भारत सरकार के साथ पत्राचार किया है. इस संबध में निदेशक ने गंगोत्री नेशनल पार्क के अधिकारियों को जल्द ही प्रक्रिया प्रारंभ करने का निर्देश दिया. उसके बाद गंगोत्री नेशनल पार्क ने लैंड ट्रांसफर के लिए प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है.

Gangotri National Park
भारत-चीन अंतराष्ट्रीय सीमा के अंतिम छोर पर अभी तक सेना को बंकर-चौकी के लिए भूमि नहीं दी गई थी.

चीनी सेना के घुसपैठ पर रखी जा सकेगी नजर: बताया जा रहा है कि उत्तरकाशी से सीमावर्ती क्षेत्र में सेना-आईटीबीपी आसानी से नजर रख सकती है. इसके लिए गंगोत्री नेशनल पार्क का एक क्षेत्र सेना के लिए बेहद मुफीद हो सकता है. इस सीमावर्ती क्षेत्र से चीन सटा हुआ है और समय-समय पर चीनी सेना को लेकर घुसपैठ से जुड़ी कई तरह की चर्चाएं होती रही है. इसको लेकर पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ डॉ. समीर सिन्हा बताते हैं कि फिलहाल प्रस्ताव वन विभाग को मिल चुका है और इस पर चर्चा चल रही है. विचारोंप्रांत ही भूमि के हस्तांतरण को लेकर दिए गए प्रस्ताव पर अंतिम मोहर लगेगी.

ये भी पढ़ेंः भीमताल का औद्योगिक क्षेत्र वीरान घाटी में तब्दील, विधायक राम सिंह कैड़ा ने उठाई ये मांग

Last Updated : Jun 19, 2023, 7:32 PM IST
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