बाराबंकीः यूपी के बाराबंकी में वन विभाग और लखनऊ की टीएसए यूनिट ने 40 घंटों के लंबे रेस्क्यू के बाद आखिरकार सोमवार को राष्ट्रीय जलीय जीव डॉल्फिन को सुरक्षित कर सरयू नदी में छोड़ दिया. तकरीबन 6 फुट 3 इंच लंबी इस मादा डॉल्फिन के रेस्क्यू के लिए विभागीय अधिकारियों को खासी मशक्कत करनी पड़ी.
गौरतलब हो कि शनिवार को बाराबंकी के शारदा नहर में एक नर और एक मादा दो गंगा डॉल्फिन आ गई थी. सूचना मिलने के बाद वन विभाग और लखनऊ की टर्टल सरवाइवल एलायंस यानी टीएसए यूनिट ने रेस्क्यू कर एक डॉल्फिन को खोज निकाला था जबकि दूसरी डॉल्फिन के लिए रेस्क्यू जारी रहा.
बताते चलें कि शनिवार को देवां थाना क्षेत्र के देवां-लखनऊ मार्ग पर स्थित मित्तई गांव की नहर पुलिया से गांधीनगर नहर पुलिया के बीच नहर में ग्रामीणों ने दो डॉल्फिनो को अठखेलियां करते देखा. कौतूहल वश ग्रामीणों की खासी भीड़ जमा हो गई. सूचना पर डीएफओ रुस्तम परवेज ने तुरंत देवां रेंज के वन क्षेत्राधिकारी मयंक सिंह, वन दरोगा मनोज यादव और प्रशांत सिंह को डॉल्फिनों की निगरानी के आदेश दिए. साथ ही डीएफओ ने यह सूचना टीएसए यूनिट लखनऊ को दी और डॉल्फिनों के रेस्क्यू किये जाने को कहा.
डीएफओ ने एक टीम गठित की और लखनऊ से टीएसए टीम के एक्सपर्ट डॉ शैलेन्द्र सिंह और अरुणिमा सिंह के साथ टीम को मौके पर भेजा. टीम ने तकरीबन 06 घण्टे की कड़ी मशक्कत के बाद शनिवार देर शाम एक डॉल्फिन का रेस्क्यू कर लिया था जबकि रात हो जाने के चलते दूसरी डॉल्फिन के रेस्क्यू में आ रही दिक्कत के चलते रेस्क्यू रोक दिया गया था.रेस्क्यू की गई डॉल्फिन नर थी जिसे सुरक्षित ले जाकर सरयू में छोड़ा गया था.अगले दिन रविवार से दूसरी डॉल्फिन के लिए रेस्क्यू जारी रहा.आखिरकार सोमवार को देवां के खनवहा गांव के समीप से इस मादा डॉल्फिन का रेस्क्यू कर इसे सुरक्षित सरयू नदी में छोड़ दिया गया. डीएफओ रुस्तम परवेज ने बताया कि ये डॉल्फिन प्लेटेनिस्टा गंगेटिका हैं जो दुर्लभ प्रजाति की होती हैं.
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