कानपुर: छत्रपति शाहू जी महाराज विवि से पढ़ाई करने वाले छात्र संतोष कुमार गौड़ ने सिविल सेवा परीक्षा को पास करने के बाद सांख्यिकी अधिकारी के पद पर ज्वाइनिंग ले ली. विवि के पास जब संतोष के दस्तावेज सत्यापन के लिए भेजे गए तो संतोष के तीन विषयों में दो माह के अंदर 95 अंक बढ़े मिले. विवि के प्रशासनिक अफसर यह देख हैरत में पड़ गए और जांच शुरू कर दी.
खुलासा हुआ तो सामने आया कि विवि में संतोष ने फर्जी मार्कशीट तैयार कराई थी और उसमें भी लगातार अंक बढ़वाए. विवि में संचालित इस फर्जीवाड़े पर प्रहार करने के लिए खुद कुलपति प्रो.विनय पाठक ने अब दो तरह की स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीमें गठित करा दी हैं. वहीं, प्रो.पाठक के इस फैसले से विवि परिसर के कर्मियों में हड़कंप की स्थिति है. दरसअल, कहा ये जा रहा है कि संतोष गौड़ के प्रकरण में विवि के कर्मियों की संलिप्तता हो सकती है.
गैंग काम कर रहा: छत्रपति शाहू जी महाराज विवि में फर्जी अंकतालिका तैयार करना, अंकतालिकाओं में अंकों से छेड़छाड़ करने वाला गैंग सालों से सक्रिय है. दो जून 2023 को विवि के एक वरिष्ठ प्रशासनिक अफसर ने संतोष गौैड़ जैसे प्रकरण में एक सहायक अध्यापक के खिलाफ एफआईआर कराई थी. वहीं, कई मामले तो ऐसे भी हैं जिनकी चर्चा विवि कैम्पस में हुई मगर वो सबके सामने नहीं आ सके. दो साल पहले छत्तीसगढ़ में तीन ऐसे युवकों के खिलाफ विधिक कार्रवाई हुई थी, जो सीएसजेएमयू की डिग्री लेकर डॉक्टर बन गए थे. अब, कुलपति प्रो.विनय पाठक का कहना है जो भी गैंग है हम उसका सफाया करके रहेंगे. अगर विवि के कर्मी दोषी होंगे तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी.
अब किसी एक के हाथ में नहीं होगा अंकों को बढ़ाने का अधिकार: विवि के कुलपति प्रो.विनय पाठक ने ईटीवी भारत संवाददाता से विशेष बातचीत में कहा कि अब विवि में अंकों को बढ़ाने का अधिकार किसी एक के हाथ में नहीं होगा. हम डाटा बेस को बदलने की दिशा में काम कर रहे हैं. इसके साथ ही जल्द ही विवि की ओर से अंकतालिकाओं को पूरी तरह सुरक्षित रखने के लिए ब्लॉकचेन तकनीक का प्रयोग किया जाएगा. बोले, अब आगामी सत्रों से विवि के छात्रों को किसी तरह की मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा.
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