गांधीनगर: शुक्रवार देर रात राज्य की 17 जेलों में औचक छापेमारी ने जेल की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़ा कर दिया है. गृह मंत्री हर्ष सांघवी की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद राज्य की जेल पर छापा मारा गया. इन छापेमारी के दौरान अलग-अलग जिला जेलों में मोबाइल फोन से लेकर लैंप तक की चीजें मिलना सवाल खड़े कर रहा है.
गुजरात विधानसभा में 17 मार्च को अहमदाबाद और सूरत की जेलों में प्रतिबंधित सामान मिलने का खुलासा हुआ था. राज्य मंत्री संघवी ने दो दिन पहले अहमदाबाद सेंट्रल जेल का भी दौरा किया था और बाद में राज्य सरकार द्वारा गुजरात की सभी जेलों में एक तलाशी अभियान चलाया गया, जिसमें जेल प्रशासन की जानकारी के बिना लगभग 1700 पुलिस अधिकारियों और कर्मियों ने 24 मार्च की देर रात 17 जिला जेलों पर छापा मारा, जिसमें कई अवैध और प्रतिबंधित वस्तुएँ मिली हैं.
गुजरात के सतरा जिले की सेंट्रल जेल में गृह विभाग के सीधे निर्देश पर बॉडी बॉन्ड कैमरों के साथ करीब 1700 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने देर रात छापा मारा. यह कार्रवाई सुबह तक जारी रही. राज्य सरकार ने आधिकारिक तौर पर यह आंकड़ा घोषित किया है, जिसमें 17 जिला कारागारों में तलाशी अभियान के दौरान 3 स्थानों से 16 मोबाइल, 10 बिजली के सामान, 39 घातक पदार्थ व नशीला पदार्थ बरामद किया गया है.
गृह विभाग ने कहा कि राज्य में हर जेल से अवैध वस्तुओं को खत्म करने के लिए छापेमारी की योजना बनाई गई थी. जेल में बंदियों को आवश्यक सुविधाएं ठीक से मिल रही हैं या नहीं, इसकी भी जांच की गई. इस ऑपरेशन के तहत बंदियों से संवाद कर उनकी काउंसलिंग भी की गई.
प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल सीएम डेस्क बोर्ड के माध्यम से निरीक्षण कर रहे थे. जिसमें सभी जेलों में एक साथ सघन चेकिंग की गई. इनमें बड़ी जेलों में सुबह तक तलाशी चलती रही. जिसमें सीएम भूपेंद्र पटेल के निर्देश पर प्रदेश की सभी जेलों में औचक निरीक्षण किया गया. राज्य के गृह मंत्री हर्ष सांघवी द्वारा 24 मार्च को डीजीपी कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी जिला पुलिस प्रमुखों और सभी जेल प्रमुखों को ऑनलाइन जोड़ने के बाद राज्य की 17 जेलों में एक साथ एक बड़ा औचक निरीक्षण अभियान शुरू किया गया था.
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह मंत्री हर्ष सांघवी की निगरानी में गुजरात की 17 जेलों में औचक चेकिंग की गई. औचक चेकिंग के दौरान खुलासा हुआ है कि भुज की पलारा जेल से 6 फोन जब्त किए गए हैं. मोबाइल फोन सहित सिम कार्ड को जब्त कर नियमानुसार कार्रवाई की गई है, किसी तरह यह मोबाइल फोन जेल तक पहुंच गया, जो इसका इस्तेमाल कर रहा था, जो इस मोबाइल को देकर मदद कर रहा था. जल्द ही सारी जानकारी सामने आ सकती है.
सूरत जिला जेल में औचक निरीक्षण के दौरान बंदियों और पुलिस के बीच नोकझोंक की स्थिति भी बनी. सुरक्षा व्यवस्था के साथ पुलिस कर्मी जेल के अंदर पहुंचे. बंदियों ने ताली बजाकर छापेमारी का विरोध किया. इतना ही नहीं कैदियों ने जेल के अंदर ट्यूबलाइट भी तोड़ दी. कैदियों की बैरक में नशीले पदार्थ भी पाए गए. जब पुलिस ने जेल में छापा मारा तो कार्रवाई की जा रही थी. इसी बीच सूरत जेल में कैदियों ने आग लगा दी. कैदियों तक माचिस कैसे पहुंची यह बड़ा सवाल है. इस चेकिंग के दौरान जेल से 10 से ज्यादा मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं.
जामनगर जेल में छापेमारी अभियान के तहत एसपी प्रेमसुख डेलू के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई. इस कार्रवाई में जामनगर पुलिस की एलसीबी और एसओजी समेत टीमें शामिल थीं. जेल के सभी बैरकों में कड़ी चेकिंग की गई. जामनगर जिला जेल में 400 से अधिक पुरुष और महिला कैदी हैं, जिसमें चेकिंग के दौरान कोई आपत्तिजनक सामान या मोबाइल नहीं मिला. जामनगर जिला जेल में बार-बार चेकिंग की जाती है और कई बार मोबाइल फोन और सिम कार्ड मिलने की घटनाएं भी हो चुकी हैं. हालांकि, पुलिस द्वारा की गई राज्यव्यापी छापेमारी के दौरान कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली.
बता दें कि राज्य के गृह मंत्री हर्ष संघवी के साथ शुक्रवार को हुई बैठक के बाद पुलिस विभाग ने राज्य की सभी जेलों में अचानक निरीक्षण किया. पुलिस भवन में विशेष बैठक का आयोजन किया गया. हर्ष संघवी के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक के बाद ये कदम उठाया गया. बताया जाता है कि उच्चाधिकारियों के मोबाइल फोन भी ले लिए गए हैं. मेहसाणा, पोरबंदर और जामनगर की जेलों पर छापे मारे गए. चर्चा है कि हर्ष संघवी अब जिला जेल में चल रही गतिविधियों पर नजर रख रहे है.
पुलिस भवन में हुई बैठक: गांधीनगर पुलिस भवन में विशेष बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. खास बात यह है कि औचक छापेमारी करने गए पुलिसकर्मियों ने बॉडी वियर कैमरे पहन रखे थे. राज्य भर की सभी जेलों में कड़ी जांच शुरू हो गई है. जेल में बंद कैदियों पर नजर रखी जा रही है. मेहसाणा की जिला जेल में एक घंटे तक चेकिंग की गई.
जांच का उद्देश्य: इस औचक निरीक्षण करने के पीछे का उद्देश्य स्पष्ट नहीं है. जेल परिसर में एसीपी और डीसीपी जैसे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद रहे. जांच में महिला पुलिस टीम भी मौजूद रही. जिला जेल में उस जिले के पुलिस प्रमुख भी मौजूद थे. जेल परिसर में पुलिस का एक बड़ा काफिला देखा गया. हर्ष संघवी गांधीनगर से सभी निरीक्षणों की निगरानी कर रहे थे. जांच पूरी होने के बाद जांच का उद्देश्य स्पष्ट सामने आएगा. राज्य के जेलों में एक साथ छापेमारी की गई. सूरत की लाजपोर जेल पर भी छापा मारा गया. भावनगर जेल में औचक चेकिंग भी की गई. राजकोट के जिला कारागार में भी पुलिस टीम ने परिसर से बैरक तक चेकिंग की.