नई दिल्ली : सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Road Transport and Highways Minister Nitin Gadkari) ने उत्सर्जन में कटौती में मदद करने के लिए मंगलवार को डीजल से चलने वाले वाहनों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त कर लगाने की आवश्यकता की बात कही. लेकिन बाद में स्पष्ट किया कि इस तरह का कर लगाने का कोई प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं था.
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There is an urgent need to clarify media reports suggesting an additional 10% GST on the sale of diesel vehicles. It is essential to clarify that there is no such proposal currently under active consideration by the government. In line with our commitments to achieve Carbon Net…
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— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) September 12, 2023
ऑटोमोबाइल विनिर्माताओं के संगठन सियाम (SIAM) के वार्षिक सम्मेलन में बोलते हुए गडकरी ने कहा कि प्रदूषण का बढ़ता स्तर एक गंभीर स्वास्थ्य चिंता है और डीजल वाहनों की बिक्री को रोकने के लिए करों में बढ़ोतरी का मामला है.
उन्होंने कहा कि 'मैं वित्त मंत्री से डीजल इंजन वाहनों पर अतिरिक्त 10 प्रतिशत जीएसटी लगाने का अनुरोध कर रहा हूं. डीजल वाहनों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने का यही एकमात्र तरीका है.'
यह संकेत देते हुए कि इस मुद्दे पर उनके द्वारा तैयार किया गया एक पत्र सौंपने के लिए वित्त मंत्री के साथ एक बैठक निर्धारित की गई थी. लेकिन इसके तुरंत बाद उन्होंने सरकार की स्थिति स्पष्ट करने के लिए 'एक्स' का सहारा लिया.
'ऐसा प्रस्ताव विचाराधीन नहीं' : उन्होंने कहा कि 'यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि सरकार द्वारा वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.''एक्स' पर एक पोस्ट में, मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए उन्हें डीजल वाहनों पर अतिरिक्त 10 प्रतिशत जीएसटी लगाने का सुझाव दिया गया था. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उत्सर्जन में कटौती के लिए स्वच्छ ईंधन को अपनाने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि '2070 तक कार्बन नेट ज़ीरो हासिल करने और डीजल जैसे खतरनाक ईंधन के कारण होने वाले वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के साथ-साथ ऑटोमोबाइल बिक्री में तेजी से वृद्धि के लिए हमारी प्रतिबद्धताओं के अनुरूप, सक्रिय रूप से स्वच्छ और हरित वैकल्पिक ईंधन को अपनाना जरूरी है. ये ईंधन आयात के विकल्प, लागत प्रभावी, स्वदेशी और प्रदूषण मुक्त होने चाहिए.'
सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के सम्मेलन में उन्होंने चेतावनी दी थी कि सरकार टैक्स इतना बढ़ा देगी कि डीजल गाड़ियां बेचना मुश्किल हो जाएगा. देश में फिलहाल ज्यादातर कमर्शियल वाहन डीजल से चलते हैं.
'निर्माताओं को इन्हें बाजार में बेचना बंद करना होगा' : यात्री वाहन खंड में, मारुति सुजुकी इंडिया और होंडा सहित विभिन्न कार निर्माता पहले ही डीजल कारों का निर्माण बंद कर चुके हैं. गडकरी ने कहा कि देश में डीजल कारों का योगदान पहले ही काफी कम हो गया है और निर्माताओं को इन्हें बाजार में बेचना बंद करना होगा.
उन्होंने डीजल को खतरनाक ईंधन करार देते हुए कहा कि मांग को पूरा करने के लिए देश को ईंधन का आयात करना पड़ता है. गडकरी ने कहा कि 'डीजल को अलविदा कहो...कृपया इन्हें बनाना बंद करो, नहीं तो हम टैक्स इतना बढ़ा देंगे कि डीजल कारें बेचना मुश्किल हो जाएगा.' उन्होंने कहा कि वह डीजल से चलने वाले जनरेटर पर भी अतिरिक्त जीएसटी का प्रस्ताव रखेंगे.
वर्तमान में ऑटोमोबाइल पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है, साथ ही वाहन के प्रकार के आधार पर 1 प्रतिशत से 22 प्रतिशत तक अतिरिक्त उपकर लगता है. एसयूवी पर 22 फीसदी मुआवजा उपकर के साथ 28 फीसदी की दर से सबसे ज्यादा जीएसटी लगता है. गडकरी ने उद्योग से इथेनॉल जैसे पर्यावरण-अनुकूल वैकल्पिक ईंधन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भी कहा. उन्होंने उद्योग जगत से हरित हाइड्रोजन पर ध्यान केंद्रित करने को भी कहा.
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(PTI)