नई दिल्ली : जी20 शिखर सम्मेलन को लेकर जहां यातायात प्रतिबंधों के साथ ही कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. इसी बीच कांग्रेस नेताओं ने ऐसे नियमों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि शहर में बड़े अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम होने पर क्या करें और क्या न करें, इसको लेकर पहले कभी भी इस तरह प्रतिबंध नहीं लगाए गए थे. इस संबंध में दिल्ली के पूर्व लोकसभा सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता जैप एग्रोल सैयद ने यातायात प्रतिबंधों पर नियंत्रण और नोटिस देने की मांग की है.
वहीं लोकसभा के पूर्व सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता जेपी अग्रवाल ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि यह नियंत्रण के लिए प्राथमिकता को दर्शाता है न कि प्रबंधन के लिए. उन्होंने कहा कि किसी शहर को बंद करना असुरक्षा को दर्शाता है. हमने ऐसा पहले कभी नहीं देखा है. उन्होंने कहा कि तीन दिनों से दफ्तार बंद हैं और लोगों को काम जाना मुश्किल हो रहा है. लोग शिकायत कर रहे हैं क्योंकि वे यातायात प्रतिबंधों से प्रभावित हुए हैं. अगर वि किसी तरह दिल्ली छोड़ने में कामयाब हो गए तो भी राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करना एक समस्या होगी.
उन्होंने कहा कि जिन वर्षों मैं सांसद था, उस दौरान भी दिल्ली में कई अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम जैसे अफ्रीकी देशों का सम्मेलन, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की यात्रा और उनसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की यात्रा हुई. इसके अलावा 1983 में एनएएम शिखर सम्मेलन हुआ था जो जी20 शिखर सम्मेलन से भी बड़ा था. उन्होंने कहा कि यातायात प्रतिबंध लगाने से यह विश्व शक्ति बन जाएगा, लेकिन ऐसा हमेशा होना चाहिए. इसीक्रम में एआईसीसी के सदस्य अभिषेक दत्त ने कहा कि यातायात प्रतिबंध लगाने से यह विश्व शक्ति बन जाएगा, लेकिन ऐसा हमेशा होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार ने यातायात पर कुछ प्रतिबंध लगाए थे, हालांकि कुछ समय के लिए निवासियों और सरकार के बीच तालाबंदी हो गई थी.
उन्होंने कहा कि सरकार ने जो भी फैसला किया है, हम उसके साथ हैं. यातायात प्रतिबंध हैं लेकिन कुछ मामलों में पास भी हैं. हालांकि, मुझे लगता है कि कहीं न कहीं सरकार में लोगों का भरोसा कम हो गया है. कांग्रेस नेता दत्त ने कहा कि कोई भी आकर समस्याएं पैदा नहीं करेगा और लोग ऐसे विशेष आयोजनों के दौरान अच्छा व्यवहार करते हैं. उदाहरण के लिए, हमें आज एनडीएमसी क्षेत्र में पद यात्रा निकालनी थी लेकिन हमने इसे स्थगित कर दिया. हमारे नए राज्य इकाई प्रमुख को कार्यभार संभालना था लेकिन इस बड़े आयोजन के सम्मान में इसे स्थगित करना पड़ा. 2020 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की यात्रा को याद करते हुए एआईसीसी नेता ने कहा कि जब राष्ट्रपति ट्रम्प भारत में आए थे तो मुझे नहीं लगता कि ऐसे प्रतिबंध थे. दरअसल, जब वह दिल्ली में थे तो शहर में दंगे भड़क गए जो खुफिया विफलता की ओर इशारा कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि छोटे प्रतिबंध तो समझ में आते हैं लेकिन उचित बुनियादी ढांचे का अभाव होने से दिल्ली में कोई वास्तविक नियंत्रण नहीं है. दूसरी तरफ कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम ने विभिन्न प्लेटफार्मों पर एक वीडियो क्लिप प्रसारित की है जिसमें कहा गया कि ट्रेन, मेट्रो की आवाजाही पर प्रतिबंध, ईंधन पंपों, स्कूलों, कॉलेजों को बंद करना एक मिनी लॉक डाउन के समान था. इसकी वजह से आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. कांग्रेस ने अपने वीडियो में कहा है कि देश को चलाने और चुनाव प्रचार करने में अंतर है, जबकि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 7वें एनएएम शिखर सम्मेलन की सफलतापूर्वक मेजबानी की थी. जबकि जी20 सम्मेलन को संभालने के लिए मिनी-लॉक डाउन समाधान नहीं था. 1983 में दिल्ली हुए एनएएम शिखर सम्मेलन में 70 से अधिक अंतरराष्ट्रीय नेताओं और पत्रकारों ने भाग लिया था. वीडियो में कहा गया है तब शहर के निवासियों पर इस तरह का कोई यातायात प्रतिबंध नहीं लगाया गया था.