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G20 Summit First Day At Glance : जी20 शिखर सम्मेलन, पहले दिन क्या-क्या हुआ, एक क्लिक में जानें

जी20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन अफ्रीकी संघ को जी20 में शामिल किया गया. नई दिल्ली घोषणा पत्र को स्वीकार किया गया. भारत ने वैश्विक जैव गठबंधन का ऐलान किया. ग्रीन क्रेडिट कार्ड की पहल की गई. भारत ने पर्यावरण और जलवायु अवलोकन के लिए जी20 उपग्रह मिशन के लिए भी प्रस्ताव रखा. पढ़ें पूरी खबर.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 9, 2023, 6:32 PM IST

Updated : Sep 9, 2023, 6:44 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम में जी20 के सभी प्रतिनिधियों का स्वागत किया. इस दौरान सबसे अधिक चर्चा उस पृष्ठभूमि की रही, जहां पर खड़े होकर पीएम मोदी ने सभी नेताओं के साथ तस्वीरें खिंचवाईं. यह कोणार्क चक्र था. पीएम मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइ़डेन को इसकी जानकारी दी.

सम्मेलन की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफ्रीकी संघ को जी20 में शामिल होने की घोषणा की. अफ्रीकी देशों के प्रतिनिधियों ने पीएम मोदी का धन्यवाद किया. जी-20 में शामिल देश हैं - भारत, आर्जेंटीना, चीन, फ्रांस, अमेरिका, यूके, तुर्की, सऊदी अरब, द. अफ्रीका, मेक्सिको, इंडोनेशिया, इटली, कोरिया, जापान, इटली, ऑस्ट्रेलिया, रूस, कनाडा, ब्राजील और यूरोपियन यूनियन.

  • Advancing a more inclusive G20 that echoes the aspirations of the Global South!

    PM @narendramodi extends a heartfelt welcome to President @_AfricanUnion and the President of Comoros Azali Assoumani.

    Thrilled to have the African Union as a permanent member. A milestone for the… pic.twitter.com/SqwziRCwiT

    — PMO India (@PMOIndia) September 9, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पीएम मोदी का संबोधन - 'भारत पूरी दुनिया से अपील कर रहा है कि हम मिलकर ग्लोबल ट्रस्ट डेफिसिट को विश्वास, भरोसे में बदलें. ये सभी के साथ मिलकर चलने का वक्त है. हम सभी के लिए सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास हमारे लिए पथप्रदर्शक बन सकता है. पीएम ने कहा कि हमारे सामने जलवायु परिवर्तन और यूक्रेन युद्ध दौ बड़ी चुनौतियां हैं.

पहले दिन दो सत्र आयोजित किए गए. पहले सत्र में वन अर्थ थीम पर चर्चा की गई. दूसरे सत्र में वन फैमिली पर चर्चा की गई. न्यूक्लियर का इस्तेमाल किसी भी परिस्थिति में नहीं किया जाएगा, इसको लेकर सहमति बनी.

इस संगठन की बैठक के दौरान भारत ने कभी भी ऐसा असहसास नहीं होने दिया कि यहां पर दो अलग-अलग गुटों की बैठक हो रही है. भारत ने सामंज्य बिठाया और सभी को राजी किया. इस बैठक में दिल्ली घोषणा पत्र को स्वीकार करने के बावजूद भारत ने न तो रूस को नाराज किया और न ही अमेरिका को कोई आपत्ति हुई. भारत ने यूक्रेन युद्ध का भी जिक्र कर दिया, और रूस की इज्जत भी बचा ली. राजनयिकों के मुताबिक यह भारत की बहुत बड़ी कूटनीतिक जीत है और इसके पीछे हमारे विदेश मंत्रालय और शेरपा समेत तमाम अधिकारियों की बुद्धिमत्ता की बदौलत ही ये संभव हो सका.

भारत ने घोषणा पत्र में रूस का जिक्र नहीं किया, हालांकि यूक्रेन युद्ध की चर्चा की गई. भारत ने कहा कि सभी को यूएन के नियमों के अनुसार काम करने चाहिए.

भारत को लेकर विवाद- दोपहर में विपक्षी पार्टियों ने उस विषय पर विवाद उत्पन्न कर दिया, जब उन्होंने देखा कि पीएम मोदी जहां पर बैठे हैं, उनके सामने रखी हुई तख्ती पर इंडिया की जगह भारत लिखा हुआ था. विपक्षी नेताओं ने इसे लोकतंत्र के लिए सही नहीं बताया है.

नई दिल्ली घोषणा पत्र - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बैठक की सबसे बड़ी खुशखबरी यह है कि हमारी टीम के कठिन परिश्रम और आप सबके सहयोग से हमने जी20 घोषणा पत्र पर सहमति बना ली है. अब मैं प्रस्ताव करता हूं कि इसे स्वीकार किया जाए और इस डिक्लेरेशन को अपनाने की घोषणा भी करता हूं.

  • #WATCH | G-20 in India: PM Narendra Modi says, " I have received good news. Due to the hard work of our team, consensus has been built on New Delhi G20 Leaders' Summit Declaration. My proposal is to adopt this leadership declaration. I announce to adopt this declaration. On this… pic.twitter.com/7mfuzP0qz9

    — ANI (@ANI) September 9, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

भारत ने ग्रीन क्रेडिट कार्ड की पहल की. पर्यावरण और जलवायु अवलोकन के लिए जी20 उपग्रह मिशन के लिए भी प्रस्ताव रखा. साथ ही वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन का शुभारंभ किया गया.

भारत को क्या होगा फायदा - जी-20 की बैठक में जिन देशों ने भाग लिया, भारत उनसे क्या ले सकता है और आर्थिक रूप से उसे क्या फायदा हुआ. उम्मीद जताई जा रही है कि अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव की वजह से भारत और अमेरिका आर्थिक रूप से और नजदीक आएंगे. यानी इसका सीधा फायदा भारत को मिलेगा.

अमेरिकी कंपनियां चीन के बजाए भारत की ओर रूख करेंगी. वैसे भी चीन ने अमेरिकी आईफोन पर बैन लगा दिया है. भारत और अमेरिका ने रेन्यूएबल इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट फंड पर काम करना शुरू कर दिया है. बताया गया है कि इसके तहत दोनों देश एक अरब डॉलर का निवेश करेंगे. इससे बैटरी, ग्रीन टेक्नोलॉजी और रेन्यूएबल एनर्जी के फील्ड में फायदा मिलेगा.

इसी तरह से ब्रिटेन के साथ भारत फाइटर जेट इंजन पर बातचीत कर रहा है. फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर बातचीत आगे बढ़ चुकी है. साथ ही कोरोना वैक्सीन रिसर्च पर योगदान को लेकर बातचीत हुई है.

ग्रीन हाइड्रोजन, क्लीन एनर्जी, सोलर एनर्जी जैसे विषयों पर जर्मनी से बातचीत हुई है. रडार, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और हेलीकॉप्टर को लेकर दोनों देशों ने कई फैसले किए हैं.

ये भी पढ़ें : G20 Leaders Summit : भारत को बड़ी सफलता, जी20 ने नई दिल्ली लीडर्स समिट घोषणा को अपनाया, जानिए क्या है इसमें खास

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम में जी20 के सभी प्रतिनिधियों का स्वागत किया. इस दौरान सबसे अधिक चर्चा उस पृष्ठभूमि की रही, जहां पर खड़े होकर पीएम मोदी ने सभी नेताओं के साथ तस्वीरें खिंचवाईं. यह कोणार्क चक्र था. पीएम मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइ़डेन को इसकी जानकारी दी.

सम्मेलन की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफ्रीकी संघ को जी20 में शामिल होने की घोषणा की. अफ्रीकी देशों के प्रतिनिधियों ने पीएम मोदी का धन्यवाद किया. जी-20 में शामिल देश हैं - भारत, आर्जेंटीना, चीन, फ्रांस, अमेरिका, यूके, तुर्की, सऊदी अरब, द. अफ्रीका, मेक्सिको, इंडोनेशिया, इटली, कोरिया, जापान, इटली, ऑस्ट्रेलिया, रूस, कनाडा, ब्राजील और यूरोपियन यूनियन.

  • Advancing a more inclusive G20 that echoes the aspirations of the Global South!

    PM @narendramodi extends a heartfelt welcome to President @_AfricanUnion and the President of Comoros Azali Assoumani.

    Thrilled to have the African Union as a permanent member. A milestone for the… pic.twitter.com/SqwziRCwiT

    — PMO India (@PMOIndia) September 9, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पीएम मोदी का संबोधन - 'भारत पूरी दुनिया से अपील कर रहा है कि हम मिलकर ग्लोबल ट्रस्ट डेफिसिट को विश्वास, भरोसे में बदलें. ये सभी के साथ मिलकर चलने का वक्त है. हम सभी के लिए सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास हमारे लिए पथप्रदर्शक बन सकता है. पीएम ने कहा कि हमारे सामने जलवायु परिवर्तन और यूक्रेन युद्ध दौ बड़ी चुनौतियां हैं.

पहले दिन दो सत्र आयोजित किए गए. पहले सत्र में वन अर्थ थीम पर चर्चा की गई. दूसरे सत्र में वन फैमिली पर चर्चा की गई. न्यूक्लियर का इस्तेमाल किसी भी परिस्थिति में नहीं किया जाएगा, इसको लेकर सहमति बनी.

इस संगठन की बैठक के दौरान भारत ने कभी भी ऐसा असहसास नहीं होने दिया कि यहां पर दो अलग-अलग गुटों की बैठक हो रही है. भारत ने सामंज्य बिठाया और सभी को राजी किया. इस बैठक में दिल्ली घोषणा पत्र को स्वीकार करने के बावजूद भारत ने न तो रूस को नाराज किया और न ही अमेरिका को कोई आपत्ति हुई. भारत ने यूक्रेन युद्ध का भी जिक्र कर दिया, और रूस की इज्जत भी बचा ली. राजनयिकों के मुताबिक यह भारत की बहुत बड़ी कूटनीतिक जीत है और इसके पीछे हमारे विदेश मंत्रालय और शेरपा समेत तमाम अधिकारियों की बुद्धिमत्ता की बदौलत ही ये संभव हो सका.

भारत ने घोषणा पत्र में रूस का जिक्र नहीं किया, हालांकि यूक्रेन युद्ध की चर्चा की गई. भारत ने कहा कि सभी को यूएन के नियमों के अनुसार काम करने चाहिए.

भारत को लेकर विवाद- दोपहर में विपक्षी पार्टियों ने उस विषय पर विवाद उत्पन्न कर दिया, जब उन्होंने देखा कि पीएम मोदी जहां पर बैठे हैं, उनके सामने रखी हुई तख्ती पर इंडिया की जगह भारत लिखा हुआ था. विपक्षी नेताओं ने इसे लोकतंत्र के लिए सही नहीं बताया है.

नई दिल्ली घोषणा पत्र - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बैठक की सबसे बड़ी खुशखबरी यह है कि हमारी टीम के कठिन परिश्रम और आप सबके सहयोग से हमने जी20 घोषणा पत्र पर सहमति बना ली है. अब मैं प्रस्ताव करता हूं कि इसे स्वीकार किया जाए और इस डिक्लेरेशन को अपनाने की घोषणा भी करता हूं.

  • #WATCH | G-20 in India: PM Narendra Modi says, " I have received good news. Due to the hard work of our team, consensus has been built on New Delhi G20 Leaders' Summit Declaration. My proposal is to adopt this leadership declaration. I announce to adopt this declaration. On this… pic.twitter.com/7mfuzP0qz9

    — ANI (@ANI) September 9, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

भारत ने ग्रीन क्रेडिट कार्ड की पहल की. पर्यावरण और जलवायु अवलोकन के लिए जी20 उपग्रह मिशन के लिए भी प्रस्ताव रखा. साथ ही वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन का शुभारंभ किया गया.

भारत को क्या होगा फायदा - जी-20 की बैठक में जिन देशों ने भाग लिया, भारत उनसे क्या ले सकता है और आर्थिक रूप से उसे क्या फायदा हुआ. उम्मीद जताई जा रही है कि अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव की वजह से भारत और अमेरिका आर्थिक रूप से और नजदीक आएंगे. यानी इसका सीधा फायदा भारत को मिलेगा.

अमेरिकी कंपनियां चीन के बजाए भारत की ओर रूख करेंगी. वैसे भी चीन ने अमेरिकी आईफोन पर बैन लगा दिया है. भारत और अमेरिका ने रेन्यूएबल इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट फंड पर काम करना शुरू कर दिया है. बताया गया है कि इसके तहत दोनों देश एक अरब डॉलर का निवेश करेंगे. इससे बैटरी, ग्रीन टेक्नोलॉजी और रेन्यूएबल एनर्जी के फील्ड में फायदा मिलेगा.

इसी तरह से ब्रिटेन के साथ भारत फाइटर जेट इंजन पर बातचीत कर रहा है. फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर बातचीत आगे बढ़ चुकी है. साथ ही कोरोना वैक्सीन रिसर्च पर योगदान को लेकर बातचीत हुई है.

ग्रीन हाइड्रोजन, क्लीन एनर्जी, सोलर एनर्जी जैसे विषयों पर जर्मनी से बातचीत हुई है. रडार, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और हेलीकॉप्टर को लेकर दोनों देशों ने कई फैसले किए हैं.

ये भी पढ़ें : G20 Leaders Summit : भारत को बड़ी सफलता, जी20 ने नई दिल्ली लीडर्स समिट घोषणा को अपनाया, जानिए क्या है इसमें खास

Last Updated : Sep 9, 2023, 6:44 PM IST
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