उदयपुर. भारत की अध्यक्षता में उदयपुर में हो रही जी20 शेरपा बैठक का मंगलवार को समापन (G20 Sherpa Meeting) हो गया. बीते 2 दिनों तक चली इस बैठक में कई मुद्दों पर मंथन और चिंतन किया गया. बैठक के दूसरे दिन मंगलवार को समावेशी विकास, बहुपक्षवाद और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के साथ-साथ खाद्य, ईंधन और उर्वरक, पर्यटन तथा संस्कृति के प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर महत्वपूर्ण बातचीत हुई.
जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कृषि, व्यापार और निवेश, रोजगार, भ्रष्टाचार-विरोध, पर्यटन और संस्कृति विषयों पर छह अलग-अलग कार्य समूहों के साथ-साथ भारत की प्राथमिकताओं की विहंगम जानकारी दी. उनमें आपसी सहकार प्रयासों को मजबूत करने पर जोर दिया. उन्होंने कृषि, व्यापार, रोजगार, भ्रष्टाचार और आर्थिक अपराधों से निपटने के लिए परिवर्तनकारी प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया. आर्थिक विकास में वैश्विक बाधाओं पर चर्चा के दौरान प्रतिनिधियों ने दीर्घकालिक समाधान और सार्थक साझेदारी के माध्यम से लचीला विकास प्राप्त करने के महत्व को रेखांकित किया.
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इन मुद्दों पर हुआ विचार-विमर्श : अमिताभ कांत ने भारत के निर्धारित प्राथमिकताओं की विस्तृत (G20 Sherpa Meeting in Udaipur Concludes) श्रृंखला पर प्रतिनिधिमंडलों की ओर से दिए गए समर्थन की सराहना की. इसके बाद चौथा सत्र बहुपक्षीय सुधारों और संस्थानों के निर्माण की आवश्यकता पर केंद्रित था जो कि जरूरतों और महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम होंगे. साथ ही दुनिया भर के सभी क्षेत्रों और देशों की प्राथमिकताओं को प्रतिबिंबित करके वर्तमान चुनौतियों का समाधान करने में सक्षम होंगे. व्यवधानों को दूर करने और खाद्य, ईंधन और उर्वरक आपूर्ति की सुरक्षा को बढ़ावा देने से संबंधित मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया गया.
विचार के प्रमुख बिंदु थे, बहुपक्षीय विकास बैंकों के जनादेश और (Topics Discussed in G20 Sherpa Meeting) संसाधनों को सुदृढ़ करना और बढ़ाना, विश्व व्यापार संगठन में सुधार करना, हरित ऊर्जा को प्राप्त करने में हरित हाइड्रोजन का महत्व. इसमें अधिक शांति और सद्भाव के लिए बहुपक्षवाद में सुधार लाना शामिल था. समकालीन वैश्विक सामाजिक-आर्थिक और भू-राजनीतिक चिंताओं को देखते हुए इस बात पर प्रकाश डाला गया कि यह चर्चा सामयिक और अत्यंत महत्वपूर्ण है.
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महिलाओं के मुद्दों के लिए खास सत्र : पांचवें सत्र की चर्चा महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास और महिलाओं को सबसे आगे रखने की आवश्यकता पर केंद्रित थी. इस सत्र में किए गए हस्तक्षेपों ने लैंगिक अंतर को कम करने, शिक्षा और कौशल के माध्यम से महिलाओं की क्षमता बढ़ाने, नेतृत्व की भूमिकाओं में महिलाओं को बढ़ावा देने और महिला श्रमिकों की भागीदारी को बढ़ावा देने जैसी महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं पर ध्यान आकर्षित किया. सत्र में शामिल अन्य विषय भी थे, जैसे एसडीजी उपलब्धि की प्रगति में तेजी लाने के लिए पर्यटन क्षेत्र का लाभ उठा कर सांस्कृति के संरक्षण को बढ़ावा देना और सांस्कृतिक गुणों की बहाली करना. इसके साथ ही शेरपा बैठक के दो दिनों से चल रहे पांच मूल सत्र संपन्न हो गए.
भारत की अध्यक्षता में जी20 की थीम थी- वसुधैव कुटुम्बकम : एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य. ये पूरी कार्रवाई के दौरान गूंजता रहा. मूल सत्रों के बाद, जी20 शेरपाओं और प्रतिनिधिमंडल के लिए जाने-माने शिल्पग्राम का दौरा आयोजित किया गया. इसकी वास्तुकला और प्रदर्शित की गई राजस्थानी कला और शिल्प की विविधता से सभी मेहमान मुग्ध हो गए. जिसके बाद उदयपुर के ऐतिहासिक माणक चौक में प्रतिनिधिमंडलों को एक शानदार और रंगीन संगीतमय दावत दी गई.