धर्मशाला: जी20 प्रतिनिधियों ने गुरुवार को धर्मशाला भ्रमण का आनंद लिया. उन्होंने इस दौरान धर्मशाला के प्राकृतिक नजारों का दीदार किया और यहां के नैसर्गिक सौंदर्य को खूब सराहा. उन्होंने जहां नरघोटा में चाय बागानों में चाय की पत्तियां चुनने का अनुभव लिया. वहीं, कांगड़ा कला संग्रहालय में लाइव कांगड़ा पेंटिंग में हाथ आजमाया. इस दौरान मेहमानों ने मान टी फैक्टरी में चाय की प्रोसेसिंग जानने के साथ ही चाय के विविध फ्लेवर्स का जायका भी लिया. उसके उपरांत उन्होंने कांगड़ा कला संग्रहालय का भ्रमण किया. कला संग्रहालय में हिमाचली कला-संस्कृति और शिल्प से रूबरू होने के साथ ही डेलीगेट्स ने लाइव कांगड़ा पेंटिंग पर अपना हाथ आजमाते हुए, इसका भी अनुभव लिया.
वहीं, इससे पहले गुरुवार सुबह जी20 डेलीगेट्स के लिए होटल रेडिसन ब्लू में आयुष विभाग द्वारा योग सत्र का आयोजन किया गया. प्रातः साढ़े 6 बजे आरंभ करीब पौने घंटे के इस सत्र में डेलीगेट्स को आयुष प्रशिक्षकों द्वारा योगाभ्यास करवाया गया. योगाभ्यास करने के बाद प्रतिनिधियों ने धर्मशाला व आसपास के स्थानों में भ्रमण किया. इस दौरान डेलीगेट्स ने नरघोटा में चाय बागानों का दीदार किया. अपने अनुभव साझा करते हुए डेलीगेट्स ने धर्मशाला में अपने प्रवास को यादगार बताया तथा यहां शानदार आवभगत के लिए प्रदेश सरकार तथा प्रशासन का आभार जताया.
डेलीगेट्स ने कहा कि धर्मशाला की प्राकृतिक सुंदरता, यहां धवल धौलाधार की दिव्यता ने एक अदभुत आध्यात्मिक अहसास कराया है. यहां के शांत-निर्मल वातावरण ने मन को सुकून और दिलोदिमाग को ताजगी से भर दिया. साथ ही कांगड़ा की, हिमाचल की, समृद्ध कला-संस्कृति को जानने, समझने का सुअवसर मिला, जिससे आंतरिक समृद्धि का अनुभव हुआ. यहां की स्मृतियां शानदार रहीं. उन्होंने प्रदेश सरकार की मेहमान नवाजी के लिए कृतज्ञता व्यक्त की.
'कांगड़ा चाय के उत्पादन के बारे में दी गई विस्तृत जानकारी': एसडीएम धर्मशाला शिल्पी बेक्टा ने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने आए प्रतिनिधियों के लिए आज हिमाचल की संस्कृति विरासत और धर्मशाला के महत्त्व के बारे में जानकारी दी गई है. उन्होंने कहा कि सबसे पहले प्रतिनिधियों के लिए आयुष विभाग की ओर से योगाभ्यास सत्र का आयोजन किया गया, उसके उपरांत प्रतिनिधियों को धर्मशाला स्थित चाय बागानों का भ्रमण करवाया गया और उन्हें कांगड़ा चाय के उत्पादन के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाई गई.
'हिमाचली वेशभूषा से करवाया गया अवगत': SDM धर्मशालाट शिल्पी बेक्टा ने कहा कि प्रतिनिधियों को धर्मशाला की भौगोलिक परिस्थितियों से भी अवगत करवाया गया. उन्होंने कहा कि इसके अलावा प्रतिनिधियों ने कांगड़ा कला संग्रहालय का भ्रमण कर कांगड़ा पेंटिंग के साथ-साथ हिमाचली वेशभूषा, गहनों और चंबा रुमाल की जानकारी भी हासिल की. साथ ही कांगड़ा की प्रसिद्ध गुलेर कला शैली के बारे में एक लघु फिल्म भी दिखाई गई. उन्होंने कहा कि विदेशी मेहमानों द्वारा इस सब की खूब सराहना की गई है.
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