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MICE टूरिज्म : जानिए, क्या हैं सरकार की भावी योजनाएं, कैसे आकर्षित होंगे विदेशी पर्यटक - MICE Industry

संसद के मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session) का आज 10वां दिन भी हंगामेदार रहा. हंगामे के बावजूद सरकार ने कुछ विधेयक पारित करा लिए. हंगामे के बीच हुए प्रश्नकाल के दौरान केंद्र सरकार ने MICE टूरिज्म पर राष्ट्रीय कार्यनीति से जुड़े सवाल पर विस्तृत जवाब दिया. क्या है MICE पर्यटन और केंद्र सरकार की क्या हैं भावी योजनाएं, इन सवालों पर केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी (G Kishan Reddy) ने लोक सभा में विस्तृत जानकारी दी है.

जी किशन रेड्डी
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Published : Aug 2, 2021, 7:36 PM IST

नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session) में आज केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय (Tourism and Culture Ministry) ने MICE टूरिज्म पर राष्ट्रीय कार्यनीति को लेकर जवाब दिया. केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश की ओंगोल (Ongole) लोक सभा सीट से निर्वाचित सांसद मंगुंटा श्रीनिवास रेड्डी (Magunta Sreenivasulu Reddy) के सवाल पर विस्तृत जानकारी दी.

श्रीनिवास रेड्डी ने सवाल किया कि MICE, (Meetings, Incentives, Conferences and Exhibitions) पर्यटन क्षेत्र का अहम घटक है. उन्होंने कहा कि इसमें कहा कि बैठक, कॉन्फ्रेंस और एग्जिबिशन जैसी चीजें शामिल हैं. उन्होंने कहा कि इसमें डेस्टिनेशन वेडिंग जैसी चीजें शामिल की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत में डेस्टिनेशन वेडिंग का प्रचलन बढ़ा है.

रेड्डी ने कहा कि आंकड़ों की नजर से भारत में MICE पर्यटन का शेयर महज एक फीसद है. वैश्विक नजरिए से यह पर्याप्त नहीं है. उन्होंने कहा कि देश में संभावनाएं हैं ऐसे में इसे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. ऐसा करने पर भारत इटली जैसे देशों के साथ कंपीट कर सकेगा.

श्रीनिवास रेड्डी के सवाल पर केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी (G Kishan Reddy) ने कहा कि केंद्र सरकार MICE पर्यटन को लेकर गंभीर है. उन्होंने बताया कि MICE पर्यटन के विकास के लिए मंत्रालय ने कई कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि इसके विकास के लिए सरकार इसके स्टेक होल्डर्स को भारत सरकार की ओर से वित्तीय मदद मुहैया कराई जा रही है.

MICE टूरिज्म : जानिए, क्या हैं सरकार की भावी योजनाएं, कैसे आकर्षित होंगे विदेशी पर्यटक

जी किशन रेड्डी ने कहा कि कॉन्फ्रेंस, मीटिंग, एग्जिबिशन के लिए भारत आने वाले सभी डेलीगेट्स के लिए ई-कॉन्फ्रेंस वीजा की शुरुआत की गई है. उन्होंने बताया कि भारत सरकार विदेश से आने वाले लोगों को विदेशी पर्यटक मानते हुए वीजा देती है.

उन्होंने कहा कि टूरिज्म डिपार्टमेंट की ओर से MICE पर्यटन को लेकर राष्ट्रीय कार्यनीति से संबंधित मसौदा तैयार किया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने अलग-अलग विभागों और राज्य सरकारों से सुझाव मंगाए हैं. सभी लोगों के पास MICE पर्यटन पर राष्ट्रीय कार्यनीति का ड्राफ्ट भेजा गया है.

रेड्डी ने आश्वस्त किया कि MICE पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि विदेश से भारत आने वाले लोगों को आकर्षित करने के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे.

आंध्र प्रदेश की अमलापुरम संसदीय सीट से निर्वाचित वाईएसआर कांग्रेस की सांसद सी अनुराधा ने भी MICE पर्यटन को लेकर सवाल किया. राज्यों या शहरों की रैंकिंग की योजना को लेकर पूछे गए सवाल पर केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि सरकार MICE पर्यटन पर लगातार कई कार्यक्रम कर रही है.

जी किशन रेड्डी ने कहा कि कई दिनों से सरकार के पास यह मांग लंबित है कि न्यू कन्वेंशन सेंटर बनाए जाने को लेकर संरचना और इंडस्ट्री से जुड़े स्टेटस दिया जाना चाहिए. रेड्डी ने बताया कि वित्त मंत्रालय ने फैसला लिया है कि वह स्टेटस देने के लिए तैयार है.

रेड्डी ने कहा कि इंफ्रास्ट्रकचर की सुविधा बढ़ाने की दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है. उन्होंने बताया कि 2014 में 24वें स्थान की तुलना में MICE पर्यटन के संदर्भ में भारत साल 2017 में 22वें स्थान पर पहुंच गया है.

उन्होंने बताया कि 2014 में भारत में MICE पर्यटन के अंतर्गत 160 कार्यक्रम होते थे. 2017 में 175 इवेंट कराए गए. रेड्डी ने कहा कि 2014 में 60,102 लोग विदेश से भाग लिए थे. इसके बाद यह संख्या 2017 में बढ़ी और 72,230 प्रतिभागी MICE पर्यटन के लिए भारत आए. उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले दिनों में MICE पर्यटन को लेकर बनाई गई राष्ट्रीय कार्यनीति का मसौदा अनुमोदित होने के बाद MICE पर्यटन को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए जाएंगे.

संसद के मानसून सत्र से जुड़ी अन्य खबरें-

बता दें कि पर्यटन मंत्रालय ने गत 18 जून को भारत में एमआईसीई उद्योग (MICE Industry) को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय रणनीति और कार्य योजना के मसौदे पर प्रतिक्रिया आमंत्रित की थी. मंत्रालय के बयान के मुताबिक सुझाव 30 जून, 2021 तक या उससे पहले भेजे जा सकते हैं.

सरकार ने कहा था कि पर्यटन मंत्रालय ने एमआईसीई की अपार क्षमता को पहचाना है और पर्यटन के इस विशिष्ट क्षेत्र के प्रचार और विकास पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है. पर्यटन मंत्रालय के अनुसार भारत में एमआईसीई उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक मसौदा राष्ट्रीय रणनीति और कार्य योजना तैयार की की गई है. मसौदा पर्यटन मंत्रालय की वेबसाइट पर मौजूद है. पर्यटन मंत्रालय के मुताबिक मसौदा रणनीति दस्तावेज को अंतिम रूप देने और दस्तावेज को अधिक व्यापक बनाने के लिए आगे बढ़ने से पहले, पर्यटन मंत्रालय ने राष्ट्रीय रणनीति और कार्य योजना के मसौदे पर प्रतिक्रिया/टिप्पणियां/सुझाव आमंत्रित किए हैं

क्या है MICE
MICE एक संक्षिप्त शब्द है. इसका पूरा अर्थ बैठक, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनी (Meetings, Incentives, Conferences and Exhibitions) है. एमआईसीई व्यावसायिक पर्यटन के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है, जो अवकाश पर्यटन के साथ आपस में मेल खाता है. यह तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है और सरकार का कहना है कि MICE टूरिज्म से देश को कई फायदे हैं. भारत में विशाल क्षमता होने के बावजूद, वैश्विक MICE टूरिज्म का कारोबार लगभग 1 प्रतिशत ही है.

नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session) में आज केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय (Tourism and Culture Ministry) ने MICE टूरिज्म पर राष्ट्रीय कार्यनीति को लेकर जवाब दिया. केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश की ओंगोल (Ongole) लोक सभा सीट से निर्वाचित सांसद मंगुंटा श्रीनिवास रेड्डी (Magunta Sreenivasulu Reddy) के सवाल पर विस्तृत जानकारी दी.

श्रीनिवास रेड्डी ने सवाल किया कि MICE, (Meetings, Incentives, Conferences and Exhibitions) पर्यटन क्षेत्र का अहम घटक है. उन्होंने कहा कि इसमें कहा कि बैठक, कॉन्फ्रेंस और एग्जिबिशन जैसी चीजें शामिल हैं. उन्होंने कहा कि इसमें डेस्टिनेशन वेडिंग जैसी चीजें शामिल की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत में डेस्टिनेशन वेडिंग का प्रचलन बढ़ा है.

रेड्डी ने कहा कि आंकड़ों की नजर से भारत में MICE पर्यटन का शेयर महज एक फीसद है. वैश्विक नजरिए से यह पर्याप्त नहीं है. उन्होंने कहा कि देश में संभावनाएं हैं ऐसे में इसे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. ऐसा करने पर भारत इटली जैसे देशों के साथ कंपीट कर सकेगा.

श्रीनिवास रेड्डी के सवाल पर केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी (G Kishan Reddy) ने कहा कि केंद्र सरकार MICE पर्यटन को लेकर गंभीर है. उन्होंने बताया कि MICE पर्यटन के विकास के लिए मंत्रालय ने कई कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि इसके विकास के लिए सरकार इसके स्टेक होल्डर्स को भारत सरकार की ओर से वित्तीय मदद मुहैया कराई जा रही है.

MICE टूरिज्म : जानिए, क्या हैं सरकार की भावी योजनाएं, कैसे आकर्षित होंगे विदेशी पर्यटक

जी किशन रेड्डी ने कहा कि कॉन्फ्रेंस, मीटिंग, एग्जिबिशन के लिए भारत आने वाले सभी डेलीगेट्स के लिए ई-कॉन्फ्रेंस वीजा की शुरुआत की गई है. उन्होंने बताया कि भारत सरकार विदेश से आने वाले लोगों को विदेशी पर्यटक मानते हुए वीजा देती है.

उन्होंने कहा कि टूरिज्म डिपार्टमेंट की ओर से MICE पर्यटन को लेकर राष्ट्रीय कार्यनीति से संबंधित मसौदा तैयार किया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने अलग-अलग विभागों और राज्य सरकारों से सुझाव मंगाए हैं. सभी लोगों के पास MICE पर्यटन पर राष्ट्रीय कार्यनीति का ड्राफ्ट भेजा गया है.

रेड्डी ने आश्वस्त किया कि MICE पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि विदेश से भारत आने वाले लोगों को आकर्षित करने के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे.

आंध्र प्रदेश की अमलापुरम संसदीय सीट से निर्वाचित वाईएसआर कांग्रेस की सांसद सी अनुराधा ने भी MICE पर्यटन को लेकर सवाल किया. राज्यों या शहरों की रैंकिंग की योजना को लेकर पूछे गए सवाल पर केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि सरकार MICE पर्यटन पर लगातार कई कार्यक्रम कर रही है.

जी किशन रेड्डी ने कहा कि कई दिनों से सरकार के पास यह मांग लंबित है कि न्यू कन्वेंशन सेंटर बनाए जाने को लेकर संरचना और इंडस्ट्री से जुड़े स्टेटस दिया जाना चाहिए. रेड्डी ने बताया कि वित्त मंत्रालय ने फैसला लिया है कि वह स्टेटस देने के लिए तैयार है.

रेड्डी ने कहा कि इंफ्रास्ट्रकचर की सुविधा बढ़ाने की दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है. उन्होंने बताया कि 2014 में 24वें स्थान की तुलना में MICE पर्यटन के संदर्भ में भारत साल 2017 में 22वें स्थान पर पहुंच गया है.

उन्होंने बताया कि 2014 में भारत में MICE पर्यटन के अंतर्गत 160 कार्यक्रम होते थे. 2017 में 175 इवेंट कराए गए. रेड्डी ने कहा कि 2014 में 60,102 लोग विदेश से भाग लिए थे. इसके बाद यह संख्या 2017 में बढ़ी और 72,230 प्रतिभागी MICE पर्यटन के लिए भारत आए. उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले दिनों में MICE पर्यटन को लेकर बनाई गई राष्ट्रीय कार्यनीति का मसौदा अनुमोदित होने के बाद MICE पर्यटन को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए जाएंगे.

संसद के मानसून सत्र से जुड़ी अन्य खबरें-

बता दें कि पर्यटन मंत्रालय ने गत 18 जून को भारत में एमआईसीई उद्योग (MICE Industry) को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय रणनीति और कार्य योजना के मसौदे पर प्रतिक्रिया आमंत्रित की थी. मंत्रालय के बयान के मुताबिक सुझाव 30 जून, 2021 तक या उससे पहले भेजे जा सकते हैं.

सरकार ने कहा था कि पर्यटन मंत्रालय ने एमआईसीई की अपार क्षमता को पहचाना है और पर्यटन के इस विशिष्ट क्षेत्र के प्रचार और विकास पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है. पर्यटन मंत्रालय के अनुसार भारत में एमआईसीई उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक मसौदा राष्ट्रीय रणनीति और कार्य योजना तैयार की की गई है. मसौदा पर्यटन मंत्रालय की वेबसाइट पर मौजूद है. पर्यटन मंत्रालय के मुताबिक मसौदा रणनीति दस्तावेज को अंतिम रूप देने और दस्तावेज को अधिक व्यापक बनाने के लिए आगे बढ़ने से पहले, पर्यटन मंत्रालय ने राष्ट्रीय रणनीति और कार्य योजना के मसौदे पर प्रतिक्रिया/टिप्पणियां/सुझाव आमंत्रित किए हैं

क्या है MICE
MICE एक संक्षिप्त शब्द है. इसका पूरा अर्थ बैठक, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनी (Meetings, Incentives, Conferences and Exhibitions) है. एमआईसीई व्यावसायिक पर्यटन के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है, जो अवकाश पर्यटन के साथ आपस में मेल खाता है. यह तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है और सरकार का कहना है कि MICE टूरिज्म से देश को कई फायदे हैं. भारत में विशाल क्षमता होने के बावजूद, वैश्विक MICE टूरिज्म का कारोबार लगभग 1 प्रतिशत ही है.

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