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स्थानीय समुदायों के प्रति उत्तरदायित्व के साथ साहसिक पर्यटन पर सरकार का ध्यान: पर्यटन मंत्री रेड्डी

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Published : Apr 1, 2023, 9:56 PM IST

Updated : Apr 1, 2023, 10:46 PM IST

दूसरी जी20 पर्यटन कार्य समूह की बैठक से पहले एक कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने उम्मीद जताई है कि बैठक में हुई चर्चा से दुनिया भर के देशों को पर्यटन क्षेत्र पर कोविड-19 के प्रभाव से उबरने में मदद मिलेगी.

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जी 20 के लिए स्वागत कार्यक्रम

दार्जीलिंग: केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने शनिवार को कहा कि भारत स्थानीय समुदायों के लिए स्थायित्व और आजीविका के अवसरों को ध्यान में रखते हुए साहसिक पर्यटन की पूरी संभावना तलाश रहा है. “सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक वाहक के रूप में पर्यटन” पर दूसरी जी20 पर्यटन कार्य समूह की बैठक से इतर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री ने उम्मीद जताई कि बैठक में हुई चर्चा से दुनिया भर के देशों को पर्यटन क्षेत्र पर कोविड-19 के प्रभाव से उबरने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि भारत की स्थलाकृति उसे स्थायी साहसिक पर्यटन के लिए एक आदर्श गंतव्य बनाती है.

रेड्डी ने कहा, “हमारे पास 7,000 किलोमीटर की तटरेखा है, हिमालय का 70 प्रतिशत हिस्सा, लगभग 700 किलोमीटर की नदियां, रेतीला रेगिस्तान और लद्दाख में ठंडा रेगिस्तान है. ये सभी घरेलू और विदेशी पर्यटकों के लिए विभिन्न प्रकार की साहसिक गतिविधियों के अवसर प्रदान करते हैं.”

उन्होंने कहा, “भारत स्थानीय समुदायों के लिए स्थिरता और आजीविका के अवसरों को ध्यान में रखते हुए साहसिक पर्यटन की पूरी संभावना तलाश रहा है.”

प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए जी-20 के मुख्य समन्वयक हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा, हरित पर्यटन और हरित विकास इस दूसरी जी-20 टीडब्ल्यूजी बैठक का मुख्य फोकस होने जा रहा है. श्रृंगला ने कहा कि यह सभी प्रतिनिधियों के लिए देखने का अवसर है कि कैसे लोग प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व में रहते हैं और इसे स्थायी तरीके से पोषित करते हैं. उन्होंने कहा कि श्रृंगला के अनुसार, स्थिरता इस समय मुख्य फोकस है और हम सभी विचार-विमर्श में इस पर चर्चा करते रहेंगे.

इस बीच, बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस भी जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए शनिवार सुबह कोलकाता से हवाई मार्ग से बागडोगरा हवाई अड्डे पहुंचे. वहां से वे सड़क मार्ग से दार्जिलिंग राजभवन के लिए रवाना हुए. रविवार को वह दार्जिलिंग में शिखर सम्मेलन में आने वाले आठ देशों के राजदूतों और विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे.

दूसरी ओर शनिवार सुबह से ही जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए राजदूत और विदेशी प्रतिनिधि सिलीगुड़ी पहुंच रहे हैं. उन्हें दिल्ली से चार्टर्ड विमान से बागडोगरा हवाईअड्डा लाया गया. एयरपोर्ट पर उनका डांस सॉन्ग से स्वागत किया गया. वहां से उन्हें सड़क मार्ग से सुकना के लग्जरी होटल ले जाया गया. जी-20 शिखर सम्मेलन को लेकर शहर में जश्न का माहौल है.

प्रतिनिधि अपराह्न में कर्सियांग के लिए रवाना होंगे. कर्सियांग में मकाईबारी चाय बागान कारखाने का दौरा भी करना है. वे कर्सियांग रिसॉर्ट में साहसिक पर्यटन पर विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करेंगे. प्रतिनिधियों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा और उन्हें उसी रात सिलीगुड़ी लौटना है.

रविवार 2 अप्रैल को शिष्टमंडल सिलीगुड़ी के सुकनेर टी रिजॉर्ट में केंद्रीय राज्य मंत्री जॉन बुर्ला और पर्यटन मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात करेगा. वहां उनका पूरे दिन का कार्यक्रम रहेगा. हरित पर्यटन, डिजिटलीकरण, कौशल, पर्यटन लघु, कुटीर और मध्यम उद्योग, चाय उद्योग, गंतव्य प्रबंधन पर चर्चा की जाएगी.

सोमवार, 3 अप्रैल को वो लोग दार्जिलिंग के लिए रवाना होंगे. वे घूम रेलवे स्टेशन से बतासिया लूप होते हुए दार्जिलिंग तक टॉय ट्रेन का भ्रमण करेंगे और राजभवन में राज्यपाल के साथ बैठक और दोपहर का भोजन करेंगे. शाम को, प्रतिनिधि दार्जिलिंग के बतासिया लूप और अन्य विरासत स्थलों का दौरा करने और पहाड़ी लोक संस्कृति नृत्यों का आनंद लेंगे. विभिन्न पहाड़ी जनजातियों के हस्तकला के स्टॉल देखेंगे और फिर शाम को सिलीगुड़ी लौट जाएंगे.

एक्सट्रा इनपुट- भाषा

यह भी पढ़ें: इतिहास भूल गईं हैं ममता, विवेक खोने की कगार पर हैं केजरीवाल : भाजपा

जी 20 के लिए स्वागत कार्यक्रम

दार्जीलिंग: केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने शनिवार को कहा कि भारत स्थानीय समुदायों के लिए स्थायित्व और आजीविका के अवसरों को ध्यान में रखते हुए साहसिक पर्यटन की पूरी संभावना तलाश रहा है. “सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक वाहक के रूप में पर्यटन” पर दूसरी जी20 पर्यटन कार्य समूह की बैठक से इतर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री ने उम्मीद जताई कि बैठक में हुई चर्चा से दुनिया भर के देशों को पर्यटन क्षेत्र पर कोविड-19 के प्रभाव से उबरने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि भारत की स्थलाकृति उसे स्थायी साहसिक पर्यटन के लिए एक आदर्श गंतव्य बनाती है.

रेड्डी ने कहा, “हमारे पास 7,000 किलोमीटर की तटरेखा है, हिमालय का 70 प्रतिशत हिस्सा, लगभग 700 किलोमीटर की नदियां, रेतीला रेगिस्तान और लद्दाख में ठंडा रेगिस्तान है. ये सभी घरेलू और विदेशी पर्यटकों के लिए विभिन्न प्रकार की साहसिक गतिविधियों के अवसर प्रदान करते हैं.”

उन्होंने कहा, “भारत स्थानीय समुदायों के लिए स्थिरता और आजीविका के अवसरों को ध्यान में रखते हुए साहसिक पर्यटन की पूरी संभावना तलाश रहा है.”

प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए जी-20 के मुख्य समन्वयक हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा, हरित पर्यटन और हरित विकास इस दूसरी जी-20 टीडब्ल्यूजी बैठक का मुख्य फोकस होने जा रहा है. श्रृंगला ने कहा कि यह सभी प्रतिनिधियों के लिए देखने का अवसर है कि कैसे लोग प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व में रहते हैं और इसे स्थायी तरीके से पोषित करते हैं. उन्होंने कहा कि श्रृंगला के अनुसार, स्थिरता इस समय मुख्य फोकस है और हम सभी विचार-विमर्श में इस पर चर्चा करते रहेंगे.

इस बीच, बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस भी जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए शनिवार सुबह कोलकाता से हवाई मार्ग से बागडोगरा हवाई अड्डे पहुंचे. वहां से वे सड़क मार्ग से दार्जिलिंग राजभवन के लिए रवाना हुए. रविवार को वह दार्जिलिंग में शिखर सम्मेलन में आने वाले आठ देशों के राजदूतों और विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे.

दूसरी ओर शनिवार सुबह से ही जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए राजदूत और विदेशी प्रतिनिधि सिलीगुड़ी पहुंच रहे हैं. उन्हें दिल्ली से चार्टर्ड विमान से बागडोगरा हवाईअड्डा लाया गया. एयरपोर्ट पर उनका डांस सॉन्ग से स्वागत किया गया. वहां से उन्हें सड़क मार्ग से सुकना के लग्जरी होटल ले जाया गया. जी-20 शिखर सम्मेलन को लेकर शहर में जश्न का माहौल है.

प्रतिनिधि अपराह्न में कर्सियांग के लिए रवाना होंगे. कर्सियांग में मकाईबारी चाय बागान कारखाने का दौरा भी करना है. वे कर्सियांग रिसॉर्ट में साहसिक पर्यटन पर विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करेंगे. प्रतिनिधियों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा और उन्हें उसी रात सिलीगुड़ी लौटना है.

रविवार 2 अप्रैल को शिष्टमंडल सिलीगुड़ी के सुकनेर टी रिजॉर्ट में केंद्रीय राज्य मंत्री जॉन बुर्ला और पर्यटन मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात करेगा. वहां उनका पूरे दिन का कार्यक्रम रहेगा. हरित पर्यटन, डिजिटलीकरण, कौशल, पर्यटन लघु, कुटीर और मध्यम उद्योग, चाय उद्योग, गंतव्य प्रबंधन पर चर्चा की जाएगी.

सोमवार, 3 अप्रैल को वो लोग दार्जिलिंग के लिए रवाना होंगे. वे घूम रेलवे स्टेशन से बतासिया लूप होते हुए दार्जिलिंग तक टॉय ट्रेन का भ्रमण करेंगे और राजभवन में राज्यपाल के साथ बैठक और दोपहर का भोजन करेंगे. शाम को, प्रतिनिधि दार्जिलिंग के बतासिया लूप और अन्य विरासत स्थलों का दौरा करने और पहाड़ी लोक संस्कृति नृत्यों का आनंद लेंगे. विभिन्न पहाड़ी जनजातियों के हस्तकला के स्टॉल देखेंगे और फिर शाम को सिलीगुड़ी लौट जाएंगे.

एक्सट्रा इनपुट- भाषा

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Last Updated : Apr 1, 2023, 10:46 PM IST
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