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बदायूं में सुपुर्द-ए-खाक किए गए उस्ताद राशिद खान, अंतिम विदाई देने पहुंचे हजारों लोग - राशिद खान सुपर्द ए खाक

बदायूं में गुरुवार को मशहूर संगीतकार उस्ताद राशिद खान को अंतिम विदाई दी गई. छोटे सरकार की दरगाह के कब्रिस्तान में राजकीय सम्मान के साथ उन्हें सुपर्द-ए-खाक किया गया.

बदायूं में गुरुवार को मशहूर संगीतकार उस्ताद राशिद खान को अंतिम विदाई दी गई.
बदायूं में गुरुवार को मशहूर संगीतकार उस्ताद राशिद खान को अंतिम विदाई दी गई.
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 11, 2024, 4:10 PM IST

Updated : Jan 11, 2024, 5:31 PM IST

बदायूं में गुरुवार को मशहूर संगीतकार उस्ताद राशिद खान को अंतिम विदाई दी गई.

बदायूं : मशहूर संगीतकार उस्ताद राशिद खान को गुरुवार को अंतिम विदाई दी गई. उनका तीन दिन पहले कोलकाता में निधन हो गया था. बुधवार देर रात पार्थिव शरीर कबूलपुरा मोहल्ला स्थित पैतृक आवास पर लाया गया था. छोटे सरकार की दरगाह के कब्रिस्तान में राजकीय सम्मान के साथ उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया. उस्ताद राशिद खान को श्रद्धांजलि देने हजारों लोग जुटे. इस दौरान पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव भी पहुंचे.

बदायूं में जन्में संगीतकार उस्ताद राशिद खान कबूलपुरा मोहल्ले के निवासी थे. यहां उनका पैतृक आवास है. राशिद खान के नाना सहसवान रामपुर घराने के पद्म भूषण उस्ताद निसार हुसैन खान थे. इन्हीं से उन्होंने 6 साल की उम्र में संगीत की शिक्षा ली और 10 साल की उम्र में ही उस्ताद निसार हुसैन खान के साथ कोलकाता चले गए. वहां आईटीसी संगीत रिसर्च अकादमी में संगीत की तालीम ली. उन्हें 2006 में पद्मश्री तो साल 2022 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 55 वर्ष की उम्र में उनका कोलकाता में निधन हो गया. उनके निधन से संगीत प्रेमियों में शोक व्याप्त है.

बॉलीवुड की कई फिल्मों में गाने गाए

उस्ताद राशिद हुसैन खान ने बॉलीवुड की कई फिल्मों में भी गाने गाए. उनके प्रसिद्ध गानों में करीना कपूर और शाहिद कपूर की फिल्म ‘जब वी मेट’ का ‘आओगे जब तुम ओ साजना’ काफी लोकप्रिय हुआ. इसके अलावा उन्होंने विवेक ओबराय अभिनीत फिल्म ‘किसना : द वॉरियर पोएट’ के गाने ‘काहे उजाड़ी मोरी नींद’ और शाहरुख खान की फिल्म ‘माई नेम इज खान’ का ‘अल्लाह ही रहम गीत’ भी गाया था. उन्होंने करीब एक दर्जन बांग्ला फिल्मों में भी गीत गाए.

नम आंखों से दी अंतिम विदाई

उस्ताद राशिद खान ने अपने चाचा ग्वालियर घराने के उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान से भी प्रशिक्षण लिया था. पद्मश्री और पद्मभूषण के अलावा उन्हें संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड और फिल्म फेयर पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है. जनाजे में पहुंचे पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. कहा कि कि वह एक महान संगीतकार थे और उनकी मृत्यु के बाद सभी लोग स्तब्ध हैं. इतनी ऊंचाई पर पहुंचने के बाद भी अपनी मिट्टी को कभी नहीं भूले. उस्ताद राशिद खान को अंतिम विदाई देने पहुंचे हजारों लोगों की आंखें नम थीं.

यह भी पढ़ें : सहसवान घराने से था उस्ताद राशिद खान का ताल्लुक, नाना से सीखा शास्त्रीय संगीत

यह भी पढ़ें : राजनेताओं से फिल्मी सितारों तक, पीएम मोदी समेत इन हस्तियों ने उस्ताद राशिद खान के निधन पर जताया शोक

बदायूं में गुरुवार को मशहूर संगीतकार उस्ताद राशिद खान को अंतिम विदाई दी गई.

बदायूं : मशहूर संगीतकार उस्ताद राशिद खान को गुरुवार को अंतिम विदाई दी गई. उनका तीन दिन पहले कोलकाता में निधन हो गया था. बुधवार देर रात पार्थिव शरीर कबूलपुरा मोहल्ला स्थित पैतृक आवास पर लाया गया था. छोटे सरकार की दरगाह के कब्रिस्तान में राजकीय सम्मान के साथ उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया. उस्ताद राशिद खान को श्रद्धांजलि देने हजारों लोग जुटे. इस दौरान पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव भी पहुंचे.

बदायूं में जन्में संगीतकार उस्ताद राशिद खान कबूलपुरा मोहल्ले के निवासी थे. यहां उनका पैतृक आवास है. राशिद खान के नाना सहसवान रामपुर घराने के पद्म भूषण उस्ताद निसार हुसैन खान थे. इन्हीं से उन्होंने 6 साल की उम्र में संगीत की शिक्षा ली और 10 साल की उम्र में ही उस्ताद निसार हुसैन खान के साथ कोलकाता चले गए. वहां आईटीसी संगीत रिसर्च अकादमी में संगीत की तालीम ली. उन्हें 2006 में पद्मश्री तो साल 2022 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 55 वर्ष की उम्र में उनका कोलकाता में निधन हो गया. उनके निधन से संगीत प्रेमियों में शोक व्याप्त है.

बॉलीवुड की कई फिल्मों में गाने गाए

उस्ताद राशिद हुसैन खान ने बॉलीवुड की कई फिल्मों में भी गाने गाए. उनके प्रसिद्ध गानों में करीना कपूर और शाहिद कपूर की फिल्म ‘जब वी मेट’ का ‘आओगे जब तुम ओ साजना’ काफी लोकप्रिय हुआ. इसके अलावा उन्होंने विवेक ओबराय अभिनीत फिल्म ‘किसना : द वॉरियर पोएट’ के गाने ‘काहे उजाड़ी मोरी नींद’ और शाहरुख खान की फिल्म ‘माई नेम इज खान’ का ‘अल्लाह ही रहम गीत’ भी गाया था. उन्होंने करीब एक दर्जन बांग्ला फिल्मों में भी गीत गाए.

नम आंखों से दी अंतिम विदाई

उस्ताद राशिद खान ने अपने चाचा ग्वालियर घराने के उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान से भी प्रशिक्षण लिया था. पद्मश्री और पद्मभूषण के अलावा उन्हें संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड और फिल्म फेयर पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है. जनाजे में पहुंचे पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. कहा कि कि वह एक महान संगीतकार थे और उनकी मृत्यु के बाद सभी लोग स्तब्ध हैं. इतनी ऊंचाई पर पहुंचने के बाद भी अपनी मिट्टी को कभी नहीं भूले. उस्ताद राशिद खान को अंतिम विदाई देने पहुंचे हजारों लोगों की आंखें नम थीं.

यह भी पढ़ें : सहसवान घराने से था उस्ताद राशिद खान का ताल्लुक, नाना से सीखा शास्त्रीय संगीत

यह भी पढ़ें : राजनेताओं से फिल्मी सितारों तक, पीएम मोदी समेत इन हस्तियों ने उस्ताद राशिद खान के निधन पर जताया शोक

Last Updated : Jan 11, 2024, 5:31 PM IST
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