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पिछले तीन वर्षों में घटिया और असुरक्षित प्रोटीन पाउडर के खिलाफ एक लाख से अधिक केस दर्ज किए: केंद्र

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) की ओर से घटिया और असुरक्षित प्रोटीन पाउडर और डाइट सप्लीमेंट्स के खिलाफ पिछले तीन वर्षों में 104,786 मामले दर्ज किए गए हैं.

FSSAI registered 104,786 civil and criminal cases in last three years against substandard and unsafe protein powders and dietary supplements: Centre
पिछले तीन वर्षों में घटिया और असुरक्षित प्रोटीन पाउडर खिलाफ 104786 मामले दर्ज किए: केंद्र
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Published : Aug 5, 2023, 7:10 AM IST

नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को लोकसभा में बताया कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने पिछले तीन वर्षों में घटिया और असुरक्षित प्रोटीन पाउडर और डाइट सप्लीमेंट्स बेचने पर 104,786 आपराधिक मामले दर्ज किए हैं. स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा, 'खाद्य पदार्थों के नमूने (प्रोटीन पाउडर और डाइट सप्लीमेंट्स सहित) राज्य खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा लिए जाते हैं और विश्लेषण के लिए एफएसएसएआई (FSSAI) द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में भेजे जाते हैं. ऐसे मामलों में जहां नमूने प्रावधानों और बनाए गए नियमों के अनुरूप नहीं पाए जाते हैं उनके खिलाफ एफएसएस अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाती है.'

उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा और मानक (एफएसएस) अधिनियम, 2006 और नियमों और विनियमों के तहत प्रावधानों का कार्यान्वयन मुख्य रूप से राज्य और केंद्रशासित प्रदेश सरकारों के पास है. मंडाविया ने एक लिखित उत्तर में कहा, 'इन प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए, राज्य और केंद्रशासित प्रदेश सरकारें निगरानी और निरीक्षण गतिविधियां शुरू करती हैं.'

उन्होंने बताया कि एफएसएसएआई ने इस साल मार्च में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों, केंद्रीय लाइसेंसिंग अधिकारियों और क्षेत्रीय निदेशकों को बाजार में बेचे जाने वाले विभिन्न न्यूट्रास्युटिकल और स्वास्थ्य पूरक उत्पादों के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया है जो नियमों का अनुपालन में नहीं करते हैं.

मंडाविया ने कहा, 'इस अभियान के दौरान देश भर से 1326 नमूने उठाए गए और 1229 को परीक्षण के लिए प्रयोगशालाओं में भेजा गया. प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, 202 नमूने संबंधित खाद्य उत्पाद मानकों के अनुरूप नहीं पाए गए हैं और एफएसएस अधिनियम के तहत दंडात्मक प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की गई. एफएसएसएआई (FSSAI) स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है.

ये भी पढ़ें- Generic Medicine : सरकारी अस्पतालों से कहा गया है मरीजों को सिर्फ जेनेरिक दवाओं की सलाह दें: मंडाविया

मंडाविया ने कहा कि एफएसएसएआई ने परीक्षण करने के लिए फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स (एफएसडब्ल्यू) नामक मोबाइल खाद्य परीक्षण वैन पेश की है. यह न केवल देश के दूर-दराज के कोनों तक सुविधाएं पहुंचाता है, बल्कि खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता प्रथाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के माध्यम के रूप में भी काम करता है. मंत्री ने कहा, 'एफएसएसएआई ने डिटेक्ट एडल्ट्रेशन विद रैपिड टेस्ट (डीएआरटी) बुकलेट बनाई है, जो नागरिकों द्वारा घर पर ही खाद्य पदार्थों में मिलावट का पता लगाने के लिए सामान्य त्वरित परीक्षणों का संकलन है.

नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को लोकसभा में बताया कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने पिछले तीन वर्षों में घटिया और असुरक्षित प्रोटीन पाउडर और डाइट सप्लीमेंट्स बेचने पर 104,786 आपराधिक मामले दर्ज किए हैं. स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा, 'खाद्य पदार्थों के नमूने (प्रोटीन पाउडर और डाइट सप्लीमेंट्स सहित) राज्य खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा लिए जाते हैं और विश्लेषण के लिए एफएसएसएआई (FSSAI) द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में भेजे जाते हैं. ऐसे मामलों में जहां नमूने प्रावधानों और बनाए गए नियमों के अनुरूप नहीं पाए जाते हैं उनके खिलाफ एफएसएस अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाती है.'

उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा और मानक (एफएसएस) अधिनियम, 2006 और नियमों और विनियमों के तहत प्रावधानों का कार्यान्वयन मुख्य रूप से राज्य और केंद्रशासित प्रदेश सरकारों के पास है. मंडाविया ने एक लिखित उत्तर में कहा, 'इन प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए, राज्य और केंद्रशासित प्रदेश सरकारें निगरानी और निरीक्षण गतिविधियां शुरू करती हैं.'

उन्होंने बताया कि एफएसएसएआई ने इस साल मार्च में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों, केंद्रीय लाइसेंसिंग अधिकारियों और क्षेत्रीय निदेशकों को बाजार में बेचे जाने वाले विभिन्न न्यूट्रास्युटिकल और स्वास्थ्य पूरक उत्पादों के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया है जो नियमों का अनुपालन में नहीं करते हैं.

मंडाविया ने कहा, 'इस अभियान के दौरान देश भर से 1326 नमूने उठाए गए और 1229 को परीक्षण के लिए प्रयोगशालाओं में भेजा गया. प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, 202 नमूने संबंधित खाद्य उत्पाद मानकों के अनुरूप नहीं पाए गए हैं और एफएसएस अधिनियम के तहत दंडात्मक प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की गई. एफएसएसएआई (FSSAI) स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है.

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मंडाविया ने कहा कि एफएसएसएआई ने परीक्षण करने के लिए फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स (एफएसडब्ल्यू) नामक मोबाइल खाद्य परीक्षण वैन पेश की है. यह न केवल देश के दूर-दराज के कोनों तक सुविधाएं पहुंचाता है, बल्कि खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता प्रथाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के माध्यम के रूप में भी काम करता है. मंत्री ने कहा, 'एफएसएसएआई ने डिटेक्ट एडल्ट्रेशन विद रैपिड टेस्ट (डीएआरटी) बुकलेट बनाई है, जो नागरिकों द्वारा घर पर ही खाद्य पदार्थों में मिलावट का पता लगाने के लिए सामान्य त्वरित परीक्षणों का संकलन है.

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