नई दिल्ली: भारत के विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला (Harsh Shringla) ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 76वें निर्वाचित अध्यक्ष और मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद (Abdulla Shahid) से मुलाकात की. अब्दुल्ला शाहिद 22 से 24 जुलाई तक भारत की यात्रा पर हैं.
बैठक के दौरान श्रृंगला ने UNGA में अब्दुल्ला के नेतृत्व को भारत के समर्थन से अवगत कराया. उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत उनकी 'प्रेसीडेंसी ऑफ होप' (Presidency of Hope) के तहत उनकी टीम के साथ काम करने के लिए उत्सुक है. नेताओं ने भारत-मालदीव संबंधों को और मजबूत करने पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया.
इससे पहले आज यूएनजीए के निर्वाचित अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने सुरक्षा परिषद सुधार प्रक्रिया पर व्यापक सहमति व्यक्त करते हुए कहा, 'हम एक स्थायी सदस्य के रूप में सुरक्षा परिषद में भारत की सदस्यता का समर्थन करते हैं. महासभा के अध्यक्ष के रूप में देशों को एक साथ लाने और एक बनाने की कोशिश करने की मेरी भूमिका होगी.'
अब्दुल्ला ने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र छठी समिति के तहत आतंकवाद के मुद्दों से निपटता है. सम्मेलन जिसे छठी समिति से बाहर आने के लिए अनिवार्य किया गया है पर बातचीत जारी है. मुझे उम्मीद है कि 76वें सत्र में कुछ प्रगति होगी.'
गौरतलब है कि मालदीव के विदेश मंत्री बुधवार शाम नई दिल्ली पहुंचे. संयुक्त सचिव (यूएनपी और शिखर सम्मेलन) प्रकाश गुप्ता ने उनका स्वागत किया. पीजीए-चुनाव प्रधानमंत्री को शिष्टाचार भेंट देने के लिए निर्धारित है और विदेश मंत्री के साथ पारस्परिक हित के प्रमुख अंतरराष्ट्रीय, बहुपक्षीय, क्षेत्रीय और द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत करेगा. विदेश मंत्रालय ने कहा उनके सम्मान में आधिकारिक रात्रिभोज का भी आयोजन किया जाएगा.
अब्दुल्ला का दौरा अहम
PGA-Elect 23 जुलाई को सप्रू हाउस में इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स (आईसीडब्ल्यूए) के परिसर में 'प्रेसीडेंसी ऑफ होप: COVID महामारी और सुधार बहुपक्षवाद की आवश्यकता' विषयक वर्चुअल संबोधन के माध्यम से यूएनजीए प्रेसीडेंसी के लिए अपने दृष्टिकोण साझा करेगा. मालदीव के विदेश मंत्री की यात्रा कई वैश्विक चुनौतियों पर उनके साथ विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर प्रदान करेगी, जिनसे वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र जूझ रहा है. यह इन चुनौतियों का सामना करने में बहुपक्षवाद और संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व के लिए भारत की स्थायी प्रतिबद्धता को दोहराने का अवसर भी प्रदान करेगा. विशेष रूप से भारत पहला देश है जहां अब्दुल्ला शाहिद 7 जून 2021 को अपने चुनाव के बाद पीजीए-चुनाव के रूप में अपनी दौरा कर रहे हैं.
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मालदीव भारत की नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी के तहत विशेष स्थान रखता है. प्रधानमंत्री और दोनों मंत्रियों के सागर विजन से भी दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय सहयोग के पूरे पहलू की समीक्षा करने की उम्मीद है. इस चर्चा से दोनों देशों के बीच तेजी से बढ़ रहे संबंधों को और गति मिलने की उम्मीद है. यात्रा के दौरान मालदीव में भारतीय अनुदान सहायता से लागू होने वाली उच्च प्रभाव वाली सामुदायिक विकास परियोजनाओं के लिए एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए जाएंगे.