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बिहार : रमजान और नवरात्र के कारण फलों कीमतों में इजाफा

रमजान और नवरात्र के कारण फलों की बिकरी में सामान्य दिनों की तुलना में 10% से अधिक की वृद्धि देखी जा रही. लोगों का कहना है कि फलों की कीमत में वृद्धि के बारे में उन्होंने कहा कि स्टॉक है, लेकिन आपूर्ति बाहर से ज्यादा नहीं है. हालांकि, रमजान और नवरात्र एक साथ आए हैं. ऐसी स्थिति में कीमत बढ़नी चाहिए.

फलों कीमतों में इजाफा
फलों कीमतों में इजाफा
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Published : Apr 15, 2021, 1:28 AM IST

पटना : बिहार के गया में रमजान के पहले दिन फलों के बाजारों में व्यापार सामान्य से अधिक रहा है, हालांकि जिस पहले रमजान के मौके पर फल खरीदने के लिए लोगों की भीड़ हुआ करती थी, इस तरह की भीड़ बाजारों में देखने को नहीं मिली. इस बार कोरोना महामारी और सरकारी दिशानिर्देशों के तहत भीड़ में काफी कमी आई है. हालांकि फलों की कीमतों में भी तेजी देखने को मिल रही है.

रमजान और नवरात्र के कारण गया में काफी खरीदारी बढ़ी है. खासकर फलों और रसोई के बर्तनों की खरीदारी में काफी इजाफा हुआ है.क्योंकि रमजान और नवरात्र दोनों में फल और रसोई के बर्तनों का बुकरी बढ़ जाती है.

फलों की बिकरी में सामान्य दिनों की तुलना में 10% से अधिक की वृद्धि देखी जा रही है. सेब, संतरे, तरबूज, खरबूजे, अंगूर और अनार जैसे फलों की कीमतें काफी ज्यादा बढ़ गई हैं.

फलों मंडियों के दुकानदारों का अनुमान है कि इस साल दैनिक व्यापार 40 लाख रुपये से 50 लाख रुपये के बीच होगा. बढ़ती मांग के कारण फलों की कीमत भी तेजी से बढ़ी है.

रमजान और नवरात्र के कारण फलों कीमतों में इजाफा

फल बाजार के व्यापारी विक्की कुमार ने कहा कि रमजान और नवरात्र की वजह से बाजारों में, जिले में फलों की 50 गाड़ियों की दैनिक खपत हो रही है. हालांकि बढ़ती मांग के बावजूद बाहर से आने वाले फलों की आपूर्ति अधिक नहीं हो रही, जिसके कारण फलों की कीमते बढ़ रही हैं.

हालांकि, उन्होंने कहा कि जिस तरह से रमजान में रोजदारों की भीड़ फल बाजारों में आती है. वह 2020 के बाद से कोरोना के कारण नहीं देखी गई है. इस बार स्थिति को देखते हुए कारोबार अच्छे होने के अधिक संभावना नहीं है.

फलों की कीमत में वृद्धि के बारे में उन्होंने कहा कि स्टॉक है, लेकिन आपूर्ति बाहर से ज्यादा नहीं है. हालांकि, रमजान और नवरात्र एक साथ आए हैं. ऐसी स्थिति में कीमत बढ़नी चाहिए.

फल खरीद रहे शोएब अंसारी ने इस मौके पर कहा कि क्योंकि रमजान आ चुके हैं, इसलिए हर कोई अपनी मेज पर इफ्तार के दौरान फल रखना चाहता है, लेकिन महंगाई और कोरोना महामारी के प्रभाव ने उन पर गहरा प्रभाव डाला है. कुछ दिनों पहले जो फल 45-50 रुपये प्रति किलो थे, वे आज अधिक कीमत पर बिक रहे हैं.

पढ़ें - हरिद्वार कुंभ का तीसरा दिन, 13 अखाड़ों के संतों ने किया शाही स्नान

उन्होंने कहा कि फलों के दाम अधिक होने की वजह रमजान और नवरात्र हैं.

वही स्थानीय निवासी मोहम्मद काशिफ रजा ने कहा कि महंगाई ने कमर तोड़ दी है. कोरोना महामारी के प्रकोप का खतरा भी बढ़ रहा है, जिससे सब कुछ धीरे-धीरे महंगा होता जा रहा है.

यहां अनार 160 से 270 रुपये प्रति किलो, नारंगी 160 रुपये प्रति किलोग्राम, अंगूर 80 से 120 रुपये प्रति किलोग्राम, केला 60 रुपये दर्जन, तरबूज 50 रुपये प्रति किलो। आम 60 रुपये प्रति किलो, आम 80-250 रुपये प्रति किलो, अमरुद 100 रुपये प्रति किलो, पपीते 40-60 रुपये प्रति किलो और अनार 10 अप्रैल तक 120-160 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं.

पटना : बिहार के गया में रमजान के पहले दिन फलों के बाजारों में व्यापार सामान्य से अधिक रहा है, हालांकि जिस पहले रमजान के मौके पर फल खरीदने के लिए लोगों की भीड़ हुआ करती थी, इस तरह की भीड़ बाजारों में देखने को नहीं मिली. इस बार कोरोना महामारी और सरकारी दिशानिर्देशों के तहत भीड़ में काफी कमी आई है. हालांकि फलों की कीमतों में भी तेजी देखने को मिल रही है.

रमजान और नवरात्र के कारण गया में काफी खरीदारी बढ़ी है. खासकर फलों और रसोई के बर्तनों की खरीदारी में काफी इजाफा हुआ है.क्योंकि रमजान और नवरात्र दोनों में फल और रसोई के बर्तनों का बुकरी बढ़ जाती है.

फलों की बिकरी में सामान्य दिनों की तुलना में 10% से अधिक की वृद्धि देखी जा रही है. सेब, संतरे, तरबूज, खरबूजे, अंगूर और अनार जैसे फलों की कीमतें काफी ज्यादा बढ़ गई हैं.

फलों मंडियों के दुकानदारों का अनुमान है कि इस साल दैनिक व्यापार 40 लाख रुपये से 50 लाख रुपये के बीच होगा. बढ़ती मांग के कारण फलों की कीमत भी तेजी से बढ़ी है.

रमजान और नवरात्र के कारण फलों कीमतों में इजाफा

फल बाजार के व्यापारी विक्की कुमार ने कहा कि रमजान और नवरात्र की वजह से बाजारों में, जिले में फलों की 50 गाड़ियों की दैनिक खपत हो रही है. हालांकि बढ़ती मांग के बावजूद बाहर से आने वाले फलों की आपूर्ति अधिक नहीं हो रही, जिसके कारण फलों की कीमते बढ़ रही हैं.

हालांकि, उन्होंने कहा कि जिस तरह से रमजान में रोजदारों की भीड़ फल बाजारों में आती है. वह 2020 के बाद से कोरोना के कारण नहीं देखी गई है. इस बार स्थिति को देखते हुए कारोबार अच्छे होने के अधिक संभावना नहीं है.

फलों की कीमत में वृद्धि के बारे में उन्होंने कहा कि स्टॉक है, लेकिन आपूर्ति बाहर से ज्यादा नहीं है. हालांकि, रमजान और नवरात्र एक साथ आए हैं. ऐसी स्थिति में कीमत बढ़नी चाहिए.

फल खरीद रहे शोएब अंसारी ने इस मौके पर कहा कि क्योंकि रमजान आ चुके हैं, इसलिए हर कोई अपनी मेज पर इफ्तार के दौरान फल रखना चाहता है, लेकिन महंगाई और कोरोना महामारी के प्रभाव ने उन पर गहरा प्रभाव डाला है. कुछ दिनों पहले जो फल 45-50 रुपये प्रति किलो थे, वे आज अधिक कीमत पर बिक रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि फलों के दाम अधिक होने की वजह रमजान और नवरात्र हैं.

वही स्थानीय निवासी मोहम्मद काशिफ रजा ने कहा कि महंगाई ने कमर तोड़ दी है. कोरोना महामारी के प्रकोप का खतरा भी बढ़ रहा है, जिससे सब कुछ धीरे-धीरे महंगा होता जा रहा है.

यहां अनार 160 से 270 रुपये प्रति किलो, नारंगी 160 रुपये प्रति किलोग्राम, अंगूर 80 से 120 रुपये प्रति किलोग्राम, केला 60 रुपये दर्जन, तरबूज 50 रुपये प्रति किलो। आम 60 रुपये प्रति किलो, आम 80-250 रुपये प्रति किलो, अमरुद 100 रुपये प्रति किलो, पपीते 40-60 रुपये प्रति किलो और अनार 10 अप्रैल तक 120-160 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं.

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