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फ्यूचर-रिलायंस करार: मध्यस्थता न्यायाधिकरण का फैसला वैध है या नहीं, SC फैसला सुनाएगा - एनवी इन्वेस्टमेंट होंल्डिंग्स

शीर्ष अदालत फ्यूचर रिटेल (एफआरएल) के रिलायंस रिटेल के साथ विलय सौदे पर रोक लगाने के सिंगापुर आपात पंचाट (ईए) के फैसले के कानून सम्मत होने के बारे में अपना निष्कर्ष सुनाएगा. पढ़ें पूरी खबर..

फ्यूचर-रिलायंस करार
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Published : Jul 28, 2021, 2:50 AM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय फ्यूचर रिटेल (एफआरएल) के रिलायंस रिटेल के साथ विलय सौदे पर रोक लगाने के सिंगापुर आपात पंचाट (ईए) के फैसले के कानून सम्मत होने के बारे में अपना निष्कर्ष सुनाएगा.

शीर्ष अदालत ने मंगलवार को कहा, सिंगापुर आपात पंचाट का यह फैसला भारतीय कानून के तहत वैध है या नहीं और क्या इसका प्रवर्तन किया जा सकता है, इस बारे में वह निर्णय सुनाएगा.

एफआरएल के रिलायंस रिटेल के साथ 24,713 करोड़ रुपये के विलय सौदे को लेकर अमेरिका की ई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज अमेजन. कॉम एनवी इन्वेस्टमेंट होंल्डिंग्स तथा फ्यूचर रिटेल कानूनी लड़ाई में उलझे हैं.

पढ़ें- महामारी के दौरान अनाथ हुए सभी बच्चों को मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ

न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन तथा न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने कहा, हम यह तय करेंगे कि क्या ईए का फैसला मधयस्थता और सुलह कानून की की धारा 17 (1) के तहत आता है. यह धारा पंचाट न्यायाधिकरण के अंतरिम फैसले से संबंधित है. साथ ही क्या इस फैसले का प्रवर्तन कानून की धारा 17 (2) के तहत किया जा सकता है.

एफआरएल की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता की हरीश साल्वे ने पंचाट निर्णय की वैधता तथा इसके प्रवर्तन का उल्लेख किया, जिसके बाद पीठ ने यह निष्कर्ष दिया. एकल न्यायाधीश ने अमेजन को राहत देते हुए कहा था कि ईए का फैसला प्रवर्तन योग्य है. साल्वे ने कहा कि यह एक तरह से पंचाट और सुलह कानून में संशोधन करने जैसा है.

इस पर पीठ ने कहा, हम यह फैसला करेंगे कि क्या ईए का फैसला टिकने योग्य है और क्या इस आदेश का प्रवर्तन हो सकता है.

(भाषा)

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय फ्यूचर रिटेल (एफआरएल) के रिलायंस रिटेल के साथ विलय सौदे पर रोक लगाने के सिंगापुर आपात पंचाट (ईए) के फैसले के कानून सम्मत होने के बारे में अपना निष्कर्ष सुनाएगा.

शीर्ष अदालत ने मंगलवार को कहा, सिंगापुर आपात पंचाट का यह फैसला भारतीय कानून के तहत वैध है या नहीं और क्या इसका प्रवर्तन किया जा सकता है, इस बारे में वह निर्णय सुनाएगा.

एफआरएल के रिलायंस रिटेल के साथ 24,713 करोड़ रुपये के विलय सौदे को लेकर अमेरिका की ई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज अमेजन. कॉम एनवी इन्वेस्टमेंट होंल्डिंग्स तथा फ्यूचर रिटेल कानूनी लड़ाई में उलझे हैं.

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न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन तथा न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने कहा, हम यह तय करेंगे कि क्या ईए का फैसला मधयस्थता और सुलह कानून की की धारा 17 (1) के तहत आता है. यह धारा पंचाट न्यायाधिकरण के अंतरिम फैसले से संबंधित है. साथ ही क्या इस फैसले का प्रवर्तन कानून की धारा 17 (2) के तहत किया जा सकता है.

एफआरएल की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता की हरीश साल्वे ने पंचाट निर्णय की वैधता तथा इसके प्रवर्तन का उल्लेख किया, जिसके बाद पीठ ने यह निष्कर्ष दिया. एकल न्यायाधीश ने अमेजन को राहत देते हुए कहा था कि ईए का फैसला प्रवर्तन योग्य है. साल्वे ने कहा कि यह एक तरह से पंचाट और सुलह कानून में संशोधन करने जैसा है.

इस पर पीठ ने कहा, हम यह फैसला करेंगे कि क्या ईए का फैसला टिकने योग्य है और क्या इस आदेश का प्रवर्तन हो सकता है.

(भाषा)

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