पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एक पुस्तक लिखी गई है. इसका लोकार्पण आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव करने वाले हैं. अंतरंग दोस्त की नजर से 'नीतीश कुमार' पुस्तक लिखी गई है. लेखक उदय कांत मुख्यमंत्री के कॉलेज के दिनों के मित्र हैं. पुस्तक का लोकार्पण 3 जुलाई को होना है. फिलहाल उदय कांत आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में उपाध्यक्ष के पद पर हैं. आज भी दोनों में करीबी रिश्ता है.
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नीतीश कुमार के करीबी मित्र हैं उदय कांत: उदय कांत मिश्रा नीतीश कुमार के करीबी मित्र रहे हैं. उदय कांत ने नीतीश कुमार के जीवन काल के अनछुए पहलू को लेकर कुछ लिखना चाहते थे. लंबे प्रयास के बाद उदय कांत ने नीतीश कुमार की जीवनी पर एक पुस्तक लिखी है. पुस्तक के जरिए नीतीश कुमार के व्यक्तित्व और उनकी सफलता के उतार-चढ़ाव को बताने की कोशिश की गई है. पुस्तक के रचनाकार उदय कांत से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.
'किशन पटनायक ने नीतीश कुमार को किया प्रेरित' : बातचीत के दौरान श्री उदय कांत ने कहा कि नीतीश कुमार को राजनीति में आने के लिए किशन पटनायक ने प्रेरित किया. नीतीश कुमार के कॉलेज के दिनों के दोस्त सुरेश शेखर ने नीतीश कुमार को समाजवाद की घुट्टी पिलाई. उदय कांत ने बताया कि कॉलेज के दिनों में भी नीतीश कुमार ने अपने सिद्धांत के साथ कभी समझौता नहीं किया. कई बार ऐसी स्थिति आई कि नकल कर परीक्षा में पास किया जा सकता था, लेकिन नीतीश कुमार ने ऐसा नहीं किया.
"नीतीश कुमार को राजनीति में आने के लिए किशन पटनायक ने प्रेरित किया. नीतीश कुमार के कॉलेज के दिनों के दोस्त सुरेश शेखर ने नीतीश कुमार को समाजवाद की घुट्टी पिलाई. नीतीश कुमार ने अपने सिद्धांत के साथ कभी समझौता नहीं किया. नीतीश कुमार की इच्छा कभी भी प्रधानमंत्री बनने की नहीं रही. केंद्र की राजनीति में जॉर्ज फर्नांडिस से नीतीश कुमार को बहुत ताकत मिली. इसके अलावा अटल बिहारी वाजपेई और लाल कृष्ण आडवाणी का भी सहयोग मिला" - उदय कांत, लेखक और मुख्यमंत्री के मित्र
'कभी प्रधानमंत्री पद की नहीं रही है चाह': प्रधानमंत्री पद की दावेदारी को लेकर उदय कांत ने कहा कि नीतीश कुमार की इच्छा कभी भी प्रधानमंत्री बनने की नहीं रही. छात्र जीवन में भी उन्होंने कहा था कि छोटे-छोटे दलों के नेता अगर प्रधानमंत्री बनेंगे तो स्थायीत्व नहीं आ सकेगी. केंद्र की राजनीति में जॉर्ज फर्नांडिस से नीतीश कुमार को बहुत ताकत मिली. इसके अलावा अटल बिहारी वाजपेई और लाल कृष्ण आडवाणी का भी सहयोग मिला.
'नीतीश कुमार हमेशा अपनी रफ्तार से आगे बढ़े': उदय कांत ने कहा कि नीतीश कुमार को ऊंचाई उनकी काबिलियत की वजह से मिली नीतीश कुमार में काबिलियत थी. तभी लोगों ने उनको आगे किया. राजनीतिक मित्रों को पीछे छोड़ने के सवाल पर उदय कांत ने कहा कि नीतीश कुमार ने किसी को नहीं छोड़ा वह अपनी रफ्तार से चल रहे थे, जो उनके साथ चल सके. वह आज भी साथ हैं, जो उनके साथ नहीं चल सके और पीछे छूट गए. नीतीश कुमार ने उनकी चिंता नहीं की. साफ है कि नीतीश कुमार ने किसी को नहीं छोड़ा. लोगों ने नीतीश कुमार को छोड़ दिया.
कौन हैं उदय कांत : उदय कांत आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष हैं. साथ ही वह नीतीश कुमार के काॅलेज के जमाने के मित्र रहे हैं. कई बार नीतीश कुमार ने सार्वजनिक रूप से उदयकांत और खुद की मित्रता जाहिर कर चुके हैं. एक बार किसी कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने बताया था कि "सरकार ने 1969 में इंजीनियरिंग काॅलेज से पास करने वाले छात्रों को नौकरी देना बंद कर दिया था. इसी के विरोध में हमलोग पूरे बिहार से प्रदर्शन करने पटना पहुंचे थे. इसमें भागलपुर इंजीनियरिंग काॅलेज से उदयकांत भी पहुंचे हुए थे. हमलोग एक साथ जेल गए थे और तब से हमलोगों की दोस्ती है".