उत्तरकाशी (उत्तराखंड): उत्तराखंड में आखिरकार मौसम मेहरबान हो गया है. लंबे इंतजार के बाद बर्फबारी देखने को मिल रही है. आज गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में हल्की बर्फबारी हुई. बर्फबारी होने से सेब बागवानों और काश्तकारों के चेहरे खिल गए हैं. वहीं, ऊपरी इलाकों में बर्फबारी से निचले इलाकों में ठंड बढ़ गई है. जहां लोग अलाव का सहारा ले हे हैं. इस समय बर्फबारी सेब के पौधों के लिए जरूरी है. ताकी, सेब की अच्छी पैदावार हो सके.
गंगोत्री और यमुनोत्री घाटी में हुई बर्फबारी: दरअसल, बुधवार दोपहर बाद अचानक मौसम में बदलाव हुआ. जिससे गंगोत्री धाम में बर्फबारी हुई. इसके अलावा मां गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा समेत झाला, धराली, हर्षिल, बगोरी, जसपुर, पुराली और सुक्की आदि गांवों में भी हल्की बर्फबारी देखने को मिली है. उधर, यमुनोत्री धाम समेत आसपास मां यमुना के शीतकालीन पड़ाव खरसाली, जानकीचट्टी, नारायणपुरी और फूलचट्टी आदि क्षेत्रों में भी हल्की बर्फबारी हुई है.
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गंगोत्री धाम के पुरोहित राजेश सेमवाल ने बताया कि बर्फबारी से गंगोत्री धाम में ठंडक बढ़ गई है. इधर, नारायणपुरी के प्रवेश रावत ने बताया कि दोपहर बाद मौसम बदला और शाम चार बजे से बर्फबारी शुरू हो गई. फिलहाल, अभी बर्फ टिक नहीं रही है. वहीं, बड़कोट तहसील क्षेत्र में बारिश का मौसम बना हुआ है. उनका कहना है कि यदि बर्फबारी समय से नहीं होगी तो सेब की फसल प्रभावित होगी.
प्रवेश रावत ने बताया कि सेब के लिए बर्फबारी होनी जरूरी है. जिससे सेब के पौधों पर लग रही बीमारी हट जाएगी. लंबे समय से बर्फबारी न होने से काश्तकार चिंतित थे. अब हल्की बर्फबारी होने से काश्तकारों के चेहरे खिल गए हैं. उन्हें उम्मीद है कि आगे भी बर्फबारी होगी. जो उनके फसलों को संजीवनी की काम करेगी.