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चारधाम रूट पर ऑल वेदर रोड के लिए मुसीबत बन रहे हैं ओवर हैंगिंग रॉक मॉस, जियोलॉजिस्ट से जानें वजह

चारधाम यात्रा रूट पर ऑल वेदर रोड के लिए ओवर हैंगिंग रॉक मॉस मुसीबत का सबब बन रहे हैं. ऐसे में हम आपको बतातें हैं कि आखिर क्या है ओवर हैंगिंग रॉक मॉस और कैसे पैदा करता है परेशानी...

All weather road work
ओवर हैंगिंग रॉक मॉस
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Published : May 12, 2023, 1:17 PM IST

Updated : May 12, 2023, 8:12 PM IST

ओवर हैंगिंग रॉक मॉस

देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के लिए केंद्र सरकार ने चारधाम विकास राजमार्ग योजना की नींव रखी थी, जिसे ऑल वेदर रोड भी कहा जाता है. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य था कि किसी भी मौसम में चारधाम यात्रा रूट या राज्य में बॉर्डर की तरफ जाने वाली सड़कें किसी भी परिस्थिति में बंद ना हो. ऑल वेदर रोड का काम लगभग 90 फीसदी से ज्यादा पूरा हो चुका है, लेकिन अभी भी कुछ घंटों की बारिश ऑल वेदर रोड को कई जगह से बाधित कर देती है. इसका सबसे बड़ा कारण सड़क के ऊपर मौजूद ओवर हैंगिंग रॉक मॉस है.

क्यों बनते हैं सड़क के ऊपर ओवर हैंगिंग रॉक मॉस: केंद्रीय हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के वरिष्ठ भूगोल शास्त्री और शोधकर्ता डॉ एमपीएस बिष्ट बताते हैं कि जब भी हम पहाड़ पर किसी सड़क का निर्माण करते हैं, तो इस प्रक्रिया में हम पहाड़ की प्राकृतिक रूप से बनी ढलान यानी एंगल ऑफ रिपोज को परिवर्तित कर देते हैं. इस दौरान 90 डिग्री का कटान होने की वजह से सड़क के ऊपर जो भारी चट्टान या फिर धरती की कुछ भारी बनावट वाली जमीन होती है, उसे ही ओवर हैंगिंग रॉक मॉस कहा जाता है जो कि अक्सर सड़कों के ऊपर लटका हुआ रहता है.

इन वजहों से टूट कर सड़क बंद कर देते हैं रॉक मॉस: वरिष्ठ जियोलॉजिस्ट डॉ एमपीएस बिष्ट ने बताया कि अक्सर पहाड़ों पर सड़क कटान के बाद सड़क को तो ठीक बना दिया जाता है, लेकिन उसके ऊपर लटक रहे ओवर हैंगिंग रॉक मॉस पर अक्सर संज्ञान नहीं लिया जाता है. उन्होंने बताया कि सड़क के ऊपर मौजूद यह भारी द्रव्यमान की भूमि जो कि अपने आप में बेहद ज्यादा भारी भरकम होती है, वह गुरुत्वाकर्षण के चलते ऊपर से गिरकर सड़क पर आ जाती है. सड़क के ऊपर लटक रहे यह ओवर हैंगिंग रॉक मॉस अक्सर भूगर्भीय गतिविधि जैसे कि भूकंप, वाहनों की आवाजाही के होने वाले कंपन की वजह से लगातार यह ओवर हैंगिंग रॉक ढीली होती रहती है.

ओवर हैंगिंग रॉक मॉस को लेकर विशेषज्ञों ने PWD को किया आगाह: वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ एमपीएस बिष्ट ने बताया कि उत्तराखंड में नवनिर्मित ऑल वेदर रोड पर सैकड़ों ओवर हैंगिंग रॉक मॉस डिवेलप हो गए हैं. उन्होंने दौरे के दौरान पाया कि चार धाम यात्रा रूट पर बदरीनाथ मार्ग पर जाते हुए कलियासौड़, साकणी धार सहित अलकनंदा के किनारे जितना भी सड़क का नया निर्माण हुआ है, वहां पर इस तरह से सड़कों के ऊपर हैंगिंग रॉक डवलप हो गए हैं, जिनको लेकर उन्होंने कई बार लोक निर्माण विभाग को भी आगाह किया गया है.

हर क्षेत्र में हैं 20 अधिकारी: वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि लोक निर्माण विभाग के पास हर क्षेत्र में 20 अधिकारी हैं और विभाग चाहे तो इन सभी ओवर हैंगिंग रॉक मॉस को चिन्हित कर सकता है. उन्हें अलग-अलग तरीकों से खत्म कर सकता है, लेकिन इस पर विभाग कोई खास ध्यान नहीं दे रहा है. इसकी वजह से उत्तराखंड में लगातार भूस्खलन हो रहा है. जिसका ताजा उदाहरण पिछले हफ्ते पाताल गंगा औरक बिरही जगह पर देखने को मिला है. जियोलॉजिस्ट का कहना है कि सड़क के ऊपर लटक रहे इस भारी द्रव्यमान के लिए एक सबसे बड़ा कारण पानी भी होता है जो कि अक्सर बरसात के बाद जमीन में घर्षण पैदा करता है और इस तरह के ओवर हैंगिंग रॉक मॉस एक्सेलरेटर होकर भूस्खलन का रूप लेता है.

ये भी पढ़ें: नैनीताल बलिया नाला और माल रोड का जल्द होगा ट्रीटमेंट, मुख्य सचिव अधिकारियों के साथ करेंगे मंथन

विभागीय अधिकारियों को नहीं जानकारी: चारधाम यात्रा रूट पर ऑल वेदर सड़क निर्माण के बाद पूरे क्षेत्र की ज्योग्राफी में आए इस बदलाव को लेकर विभाग कितना संजीदा है और इस पर क्या कुछ कार्रवाई कर रहा है.इसको लेकर हमने लोक निर्माण विभाग से भी संपर्क किया, जिस पर लोक निर्माण विभाग से किसी तरह की कोई जानकारी नहीं मिल पाई है.विभागाध्यक्ष का कहना है कि वह आउट ऑफ स्टेशन है और उनके पास जानकारी नहीं है, तो वहीं विभाग में इसके अलावा और किसी अधिकारी के पास भी ऑल वेदर रोड पर मौजूद सड़कों के ऊपर लटक रहे हैं. इस मुसीबत के बारे में किसी तरह की कोई जानकारी नहीं है.

ये भी पढ़ें: देहरादून और मसूरी में पर्यटन को लगेंगे पंख, इको पार्क और पार्किंग को लेकर कवायद तेज

ओवर हैंगिंग रॉक मॉस

देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के लिए केंद्र सरकार ने चारधाम विकास राजमार्ग योजना की नींव रखी थी, जिसे ऑल वेदर रोड भी कहा जाता है. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य था कि किसी भी मौसम में चारधाम यात्रा रूट या राज्य में बॉर्डर की तरफ जाने वाली सड़कें किसी भी परिस्थिति में बंद ना हो. ऑल वेदर रोड का काम लगभग 90 फीसदी से ज्यादा पूरा हो चुका है, लेकिन अभी भी कुछ घंटों की बारिश ऑल वेदर रोड को कई जगह से बाधित कर देती है. इसका सबसे बड़ा कारण सड़क के ऊपर मौजूद ओवर हैंगिंग रॉक मॉस है.

क्यों बनते हैं सड़क के ऊपर ओवर हैंगिंग रॉक मॉस: केंद्रीय हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के वरिष्ठ भूगोल शास्त्री और शोधकर्ता डॉ एमपीएस बिष्ट बताते हैं कि जब भी हम पहाड़ पर किसी सड़क का निर्माण करते हैं, तो इस प्रक्रिया में हम पहाड़ की प्राकृतिक रूप से बनी ढलान यानी एंगल ऑफ रिपोज को परिवर्तित कर देते हैं. इस दौरान 90 डिग्री का कटान होने की वजह से सड़क के ऊपर जो भारी चट्टान या फिर धरती की कुछ भारी बनावट वाली जमीन होती है, उसे ही ओवर हैंगिंग रॉक मॉस कहा जाता है जो कि अक्सर सड़कों के ऊपर लटका हुआ रहता है.

इन वजहों से टूट कर सड़क बंद कर देते हैं रॉक मॉस: वरिष्ठ जियोलॉजिस्ट डॉ एमपीएस बिष्ट ने बताया कि अक्सर पहाड़ों पर सड़क कटान के बाद सड़क को तो ठीक बना दिया जाता है, लेकिन उसके ऊपर लटक रहे ओवर हैंगिंग रॉक मॉस पर अक्सर संज्ञान नहीं लिया जाता है. उन्होंने बताया कि सड़क के ऊपर मौजूद यह भारी द्रव्यमान की भूमि जो कि अपने आप में बेहद ज्यादा भारी भरकम होती है, वह गुरुत्वाकर्षण के चलते ऊपर से गिरकर सड़क पर आ जाती है. सड़क के ऊपर लटक रहे यह ओवर हैंगिंग रॉक मॉस अक्सर भूगर्भीय गतिविधि जैसे कि भूकंप, वाहनों की आवाजाही के होने वाले कंपन की वजह से लगातार यह ओवर हैंगिंग रॉक ढीली होती रहती है.

ओवर हैंगिंग रॉक मॉस को लेकर विशेषज्ञों ने PWD को किया आगाह: वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ एमपीएस बिष्ट ने बताया कि उत्तराखंड में नवनिर्मित ऑल वेदर रोड पर सैकड़ों ओवर हैंगिंग रॉक मॉस डिवेलप हो गए हैं. उन्होंने दौरे के दौरान पाया कि चार धाम यात्रा रूट पर बदरीनाथ मार्ग पर जाते हुए कलियासौड़, साकणी धार सहित अलकनंदा के किनारे जितना भी सड़क का नया निर्माण हुआ है, वहां पर इस तरह से सड़कों के ऊपर हैंगिंग रॉक डवलप हो गए हैं, जिनको लेकर उन्होंने कई बार लोक निर्माण विभाग को भी आगाह किया गया है.

हर क्षेत्र में हैं 20 अधिकारी: वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि लोक निर्माण विभाग के पास हर क्षेत्र में 20 अधिकारी हैं और विभाग चाहे तो इन सभी ओवर हैंगिंग रॉक मॉस को चिन्हित कर सकता है. उन्हें अलग-अलग तरीकों से खत्म कर सकता है, लेकिन इस पर विभाग कोई खास ध्यान नहीं दे रहा है. इसकी वजह से उत्तराखंड में लगातार भूस्खलन हो रहा है. जिसका ताजा उदाहरण पिछले हफ्ते पाताल गंगा औरक बिरही जगह पर देखने को मिला है. जियोलॉजिस्ट का कहना है कि सड़क के ऊपर लटक रहे इस भारी द्रव्यमान के लिए एक सबसे बड़ा कारण पानी भी होता है जो कि अक्सर बरसात के बाद जमीन में घर्षण पैदा करता है और इस तरह के ओवर हैंगिंग रॉक मॉस एक्सेलरेटर होकर भूस्खलन का रूप लेता है.

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विभागीय अधिकारियों को नहीं जानकारी: चारधाम यात्रा रूट पर ऑल वेदर सड़क निर्माण के बाद पूरे क्षेत्र की ज्योग्राफी में आए इस बदलाव को लेकर विभाग कितना संजीदा है और इस पर क्या कुछ कार्रवाई कर रहा है.इसको लेकर हमने लोक निर्माण विभाग से भी संपर्क किया, जिस पर लोक निर्माण विभाग से किसी तरह की कोई जानकारी नहीं मिल पाई है.विभागाध्यक्ष का कहना है कि वह आउट ऑफ स्टेशन है और उनके पास जानकारी नहीं है, तो वहीं विभाग में इसके अलावा और किसी अधिकारी के पास भी ऑल वेदर रोड पर मौजूद सड़कों के ऊपर लटक रहे हैं. इस मुसीबत के बारे में किसी तरह की कोई जानकारी नहीं है.

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Last Updated : May 12, 2023, 8:12 PM IST
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